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इस जिले में डॉक्टरों की भारी कमी और हो रहा स्वास्थ्य सेवाओं का दावा, देखें वीडियो - mahoba district hospital medical facilities

यूपी के महोबा में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. महोबा में डॉक्टरों की भारी कमी है, जो कोरोना की तीसरी लहर में नासूर बन सकता है.

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर व्यवस्थाओं का दावा
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर व्यवस्थाओं का दावा
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Published : Sep 15, 2021, 10:34 AM IST

महोबा: जिले में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जिम्मेदार बेहतर व्यवस्थाओं का दम भर रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी जनपद के लोगों की चिंता बढ़ाने के लिए काफी है. भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद परिस्थितियों में आए बदलाव को लेकर स्वास्थ्य महकमे ने ऑक्सीजन व्यवस्था सहित अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ा दी है, लेकिन अस्पतालों में डॉक्टरों का अभाव लोगों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जिम्मेदारों ने डॉक्टरों की कमी को लेकर कोई पहल न किए जाने से कोरोना की तीसरी लहर का संकट डरावना लग रहा है.

महोबा में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के दावों की खुली पोल.
भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद परिस्थितियों में तेजी से बदलाव आया है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर महोबा जिले का स्वास्थ्य महकमा पूरी तैयारी कर चुका है, लेकिन सबसे बड़ी चिंता डॉक्टरों की कमी की है. जिसे लेकर जनपद में कोरोना की तीसरी लहर ने आम जनों की भी चिंता बढ़ा दी है.

दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालों में बेड की कमी, ऑक्सीजन की किल्लत के साथ-साथ चिकित्सीय व्यवस्थाएं कम होने के चलते लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. ऐसे में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेड की संख्या बढ़ा दी है. साथ ही जनपद में तीन ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं, ताकि कोरोना की तीसरी लहर से मरीजों को बेड की समस्या से न जूझना पड़े और न ही ऑक्सीजन की किल्लत से किसी की मौत हो.

जनपद के सीएमओ डॉ. मनोज कांत सिन्हा की माने तो जिले में संभावित तीसरी लहर से बचाव को लेकर प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन युक्त बेड लगाए गए हैं. वहीं दो आईसीयू बेड भी अस्पताल में हैं. साथ ही जिला मुख्यालय के जिला अस्पताल में बेड ऑक्सीजन युक्त मौजूद है. ऑक्सीजन की समस्या से निपटने के लिए जनपद में तीन ऑक्सीजन प्लांट भी बनाए गए हैं, लेकिन सबसे बड़ी कमी महोबा के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है.

जिला अस्पताल की बात करें तो 25 डॉक्टरों के सापेक्ष सिर्फ 10 डॉक्टर ही मौजूद हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों की तीसरी महामारी को लेकर चिंता बढ़ा दी है. जिम्मेदार कहते हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए स्वास्थ्य उपकरण बढ़ाए गए हैं. डॉक्टरों की कमी के लिए शासन को लिखा गया है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि कम डॉक्टरों के होने के बावजूद भी दूसरी लहर में अच्छा काम करने वाले डॉक्टर तीसरी लहर पर भी काबू पाने में कामयाब होंगे, लेकिन सीएमओ साहब को कौन समझाए कि जनपद में डॉक्टर की कमी आज की नहीं है यह पुरानी है और डॉक्टरों की यह कमी लोगों के लिए नासूर भी बन सकती है.

पढ़ें- BJP के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में विपक्ष पर बरसे सुरेंद्र मैथानी, सपा को बताया गुंडा पार्टी

महोबा: जिले में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जिम्मेदार बेहतर व्यवस्थाओं का दम भर रहे हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी जनपद के लोगों की चिंता बढ़ाने के लिए काफी है. भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद परिस्थितियों में आए बदलाव को लेकर स्वास्थ्य महकमे ने ऑक्सीजन व्यवस्था सहित अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ा दी है, लेकिन अस्पतालों में डॉक्टरों का अभाव लोगों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत है. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर जिम्मेदारों ने डॉक्टरों की कमी को लेकर कोई पहल न किए जाने से कोरोना की तीसरी लहर का संकट डरावना लग रहा है.

महोबा में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के दावों की खुली पोल.
भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद परिस्थितियों में तेजी से बदलाव आया है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर महोबा जिले का स्वास्थ्य महकमा पूरी तैयारी कर चुका है, लेकिन सबसे बड़ी चिंता डॉक्टरों की कमी की है. जिसे लेकर जनपद में कोरोना की तीसरी लहर ने आम जनों की भी चिंता बढ़ा दी है.

दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालों में बेड की कमी, ऑक्सीजन की किल्लत के साथ-साथ चिकित्सीय व्यवस्थाएं कम होने के चलते लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. ऐसे में कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेड की संख्या बढ़ा दी है. साथ ही जनपद में तीन ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं, ताकि कोरोना की तीसरी लहर से मरीजों को बेड की समस्या से न जूझना पड़े और न ही ऑक्सीजन की किल्लत से किसी की मौत हो.

जनपद के सीएमओ डॉ. मनोज कांत सिन्हा की माने तो जिले में संभावित तीसरी लहर से बचाव को लेकर प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ऑक्सीजन युक्त बेड लगाए गए हैं. वहीं दो आईसीयू बेड भी अस्पताल में हैं. साथ ही जिला मुख्यालय के जिला अस्पताल में बेड ऑक्सीजन युक्त मौजूद है. ऑक्सीजन की समस्या से निपटने के लिए जनपद में तीन ऑक्सीजन प्लांट भी बनाए गए हैं, लेकिन सबसे बड़ी कमी महोबा के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है.

जिला अस्पताल की बात करें तो 25 डॉक्टरों के सापेक्ष सिर्फ 10 डॉक्टर ही मौजूद हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों की तीसरी महामारी को लेकर चिंता बढ़ा दी है. जिम्मेदार कहते हैं कि स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए स्वास्थ्य उपकरण बढ़ाए गए हैं. डॉक्टरों की कमी के लिए शासन को लिखा गया है, लेकिन उन्हें भरोसा है कि कम डॉक्टरों के होने के बावजूद भी दूसरी लहर में अच्छा काम करने वाले डॉक्टर तीसरी लहर पर भी काबू पाने में कामयाब होंगे, लेकिन सीएमओ साहब को कौन समझाए कि जनपद में डॉक्टर की कमी आज की नहीं है यह पुरानी है और डॉक्टरों की यह कमी लोगों के लिए नासूर भी बन सकती है.

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