महराजगंज: मानव सेवा संस्थान ने भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर बच्चों के अवैध व्यापार (चाइल्ड ट्रैफिकिंग) रोकने के लिये एसएसबी, पुलिस, सामाजिक संगठनों, ग्रामीणों और स्कूली बच्चों के साथ एक कार्यशाला का आयोजन किया. इसमें चाइल्ड ट्रैफिकिंग से जुडे पहलुओं, इसकी गम्भीरता और दुष्परिणाम पर विस्तार से चर्चा की गई. चर्चा के दौरान सीमा की सुरक्षा में लगे अधिकारियों ने मानव तस्करी को रोकने के लिये आपसी समन्वय बढ़ाने और इस पर लगाम लगाने के लिये एक साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जतायी.
एसएसबी की 22वीं बटालियन के कमांडेंट मनोज सिंह ने कहा कि नेपाल सीमा से हो रही मानव तस्करी एक गंभीर समस्या है, जिसको रोकने के लिये आपसी समन्वय के साथ जागरूकता जरूरी है. उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल की सीमा पर हाल के दिनों में ड्रग्स तस्करी से जुड़े लोगों पर बड़ी कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही चाइल्ड ट्रैफिकिंग को रोकने के लिए सीमा पर सीसीटीवी और जवानों के माध्यम से कड़ी नजर रखी जा रही है.
मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि त्रिपाठी ने बताया कि चाइल्ड ट्रैफिकिंग एक गंभीर समस्या है. इस पर लगाम लगाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ आम लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है. ताकि इस गंभीर समस्या पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके.
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