महाराजगंज: कोरोना महामारी से बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन है. लॉकडाउन के समय में लोगों को घरों के अंदर रहने के लिए कहा गया है. ऐसे मुश्किल समय में जिले में कुछ दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिल है. इसलिए उनके लिए अपने परिवार की परवरिश करना मुश्किल हो गया है. हालांकि लॉकडाउन के समय लोग भुखमरी के शिकार न हों, इसके लिए सरकार निरंतर के प्रयास कर रही है.
बिहार से आए मजदूर लॉकडाउन में फंसे
उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में कुछ दिहाड़ी मजदूर लॉकडाउन के चलते अपने घर से दूर फंसे हुए हैं. उनको काम नहीं मिल रहा है और इस वजह से अपने परिवार के लिए रोटी का इंतजाम करना मुश्किल हो गया है. दरअसल मामला महाराजगंज जिले के पनियरा ब्लाक में स्थित रामनगर ग्राम सभा का है. जहां सरकारी अस्पताल का निर्माण कार्य करने के लिए बिहार से आए मजदूर लॉकडाउन के चलते अपने घर नहीं जा सके. मजदूरों का काम-धंधा बंद हो जाने से कोई आमदनी नहीं हो रही है. इस कारण वह भुखमरी के शिकार हो रहे हैं.
नहीं मिल रही सरकारी मदद
महाराजगंज जिले में बिहार से काम करने आए दिहाड़ी मजदूरों को काम न मिलने के कारण तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ईटीवी भारत से मजदूरों ने कहा कि काम बंद होने के बाद से अभी तक उन्हें कोई सरकारी राहत सामग्री नहीं दी गई है. उन्होंने जो काम किया है उसकी मजदूरी भी ठेकेदार नहीं दे रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि परिवार का भरण पोषण के लिए हफ्ते में कम से कम एक हजार रुपए की आवश्यकता होती है, लेकिन ठेकेदार केवल पांच सौ रुपए ही दे रहे हैं. ऐसे में घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है.