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प्रदूषण के भय से ग्रामीणों ने श्मशान घाट पर लगाया बैरियर - indo nepal border

महाराजगंज जिले में इंडो-नेपाल बॉर्डर से सटे बहुआर गांव के ग्रामीणों ने श्मशान घाट पर बैरियर लगा दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जहां पहले श्मशान घाट पर 2 से 4 शव जलते थे, वहीं अब करोना काल में 15 से 20 शव जलते हैं, जिससे गांव में प्रदूषण बढ़ रहा है.

ग्रामीणों ने श्मशान घाट पर लगाया बैरियर,
ग्रामीणों ने श्मशान घाट पर लगाया बैरियर,
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Published : May 21, 2021, 9:33 AM IST

महराजगंज: जिले के निचलौल थाना क्षेत्र के इंडो-नेपाल बॉर्डर से सटे बहुआर गांव के ग्रामीणों ने श्मशान घाट पर बैरियर लगा दिया हैस, जिसके चलते लोगों को मजबूर होकर शव का दाह संस्कार करने के लिए करीब पांच किलोमीटर दूर गंडक नदी के किनारे पथलहवा घाट जाना पड़ रहा हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जहां पहले श्मशान घाट पर 2 से 4 शव जलते थे, वहीं अब करोना काल में 15 से 20 शव जलते हैं, जिससे गांव में प्रदूषण बढ़ रहा है इसलिए हम लोगों ने बैरिकेटिंग की है.

ग्रामीणों ने श्मशान घाट पर लगाया बैरियर

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, तेरह चार पुल से जाने वाली टेल फॉल नहर के किनारे श्मशान घाट है, जो कि गांव से काफी नजदीक है. पहले इस घाट पर हर रोज दो-चार शव जलाया जा रहा था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के चलते इस घाट पर प्रतिदिन 20 से 25 शव जलाया जाने लगा. वहीं कुछ शव को पूर्ण रूप से जलने से पहले कुछ लोग शव छोड़कर घाट से वापस लौट जा रहे थे, जिसके चलते गांव का वातावरण खराब हो रहा था. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीजों का शव जलने से गांव में भय का माहौल है.

इसे भी पढ़ें: कोरोना पीड़ितों के तीमारदारों के लिए लॉकडाउन ने बढ़ाई मुश्किलें


ग्रामीणों का पुलिस पर आरोप

ग्रामीणों का पुलिस पर आरोप है कि मामले को लेकर कई बार शिकायत किया गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्मशान घाट की तरफ जाने वाली मुख्य मार्ग पर हम लोगों ने खुद बैरियर लगा दिया.

महराजगंज: जिले के निचलौल थाना क्षेत्र के इंडो-नेपाल बॉर्डर से सटे बहुआर गांव के ग्रामीणों ने श्मशान घाट पर बैरियर लगा दिया हैस, जिसके चलते लोगों को मजबूर होकर शव का दाह संस्कार करने के लिए करीब पांच किलोमीटर दूर गंडक नदी के किनारे पथलहवा घाट जाना पड़ रहा हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जहां पहले श्मशान घाट पर 2 से 4 शव जलते थे, वहीं अब करोना काल में 15 से 20 शव जलते हैं, जिससे गांव में प्रदूषण बढ़ रहा है इसलिए हम लोगों ने बैरिकेटिंग की है.

ग्रामीणों ने श्मशान घाट पर लगाया बैरियर

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, तेरह चार पुल से जाने वाली टेल फॉल नहर के किनारे श्मशान घाट है, जो कि गांव से काफी नजदीक है. पहले इस घाट पर हर रोज दो-चार शव जलाया जा रहा था, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के चलते इस घाट पर प्रतिदिन 20 से 25 शव जलाया जाने लगा. वहीं कुछ शव को पूर्ण रूप से जलने से पहले कुछ लोग शव छोड़कर घाट से वापस लौट जा रहे थे, जिसके चलते गांव का वातावरण खराब हो रहा था. ग्रामीणों का कहना है कि कोरोना संक्रमित मरीजों का शव जलने से गांव में भय का माहौल है.

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ग्रामीणों का पुलिस पर आरोप

ग्रामीणों का पुलिस पर आरोप है कि मामले को लेकर कई बार शिकायत किया गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए श्मशान घाट की तरफ जाने वाली मुख्य मार्ग पर हम लोगों ने खुद बैरियर लगा दिया.

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