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महराजगंज: लाॅकडाउन में भी हो रही कई वस्तुओं की तस्करी

यूपी के महराजगंज जिले का ठूठीबारी बार्डर और गड़ौरा तस्करी का हब बना गया है. यहां हजारों बोरी मटर, छुआरा और सुपारी लायी जाता है. इसके बाद गोरखपुर व आसपास के जिलों में इसकी छोटी-छोटी खेप की रोजाना सप्लाई की जाती है.

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तस्करी करते लोग
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Published : May 4, 2020, 6:30 AM IST

महराजगंज: भारत-नेपाल की सीमा पर लाॅकडाउन के दौरान भी बेखौफ सुपारी, सफेद मटर व कालीमिर्च और छुआरे की तस्करी जारी है. स्थानीय लोगों ने बताया की ठूठीबारी कोतवाली पुलिस के संरक्षण में तस्करी की जा रही है. लाॅकडाउन का अनुपालन के लिए विभिन्न स्थानों पर बने पुलिस पीकेट पर लगातार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी होने के बावजूद रात के अंधेरे में साइकिल से तस्करी होना ठूठीबारी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है.

जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने और लाॅकडाउन का अनुपालन के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है. हर एक गतिविधि पर पुलिस नजर रख रही है. नेपाल के रास्ते भारत में होने वाली तस्करी की बात की जाए तो रोजाना सैकड़ों क्विंटल मटर सरहद पार कराकर लायी जा रही है. जिस पर अंकुश लगाने में पुलिस व एसएसबी पूरी तरह से फेल हैं. सख्ती के तमाम दावों के बावजूद नेपाली शराब, काली मिर्च और सुपाड़ी के बाद इन दिनों सफेद मटर का काला कारोबार सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हो रहा है.

इस कारोबार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि प्रतिदिन सरकार को राजस्व की लाखों रुपए की चपत लगाकर आसपास के बाजारों से लेकर गोरखपुर के थोक बाजारों तक विदेशी मटर पहुंचाई जा रही है. जहां इसकी रोजाना अच्छी खासी डिमांड है. वहीं सरहद पार कर बाजार में आने के बाद इसे बरामद कर पाना तो दूर इसकी पहचान भी कर पाना कस्टम व पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

महराजगंज: भारत-नेपाल की सीमा पर लाॅकडाउन के दौरान भी बेखौफ सुपारी, सफेद मटर व कालीमिर्च और छुआरे की तस्करी जारी है. स्थानीय लोगों ने बताया की ठूठीबारी कोतवाली पुलिस के संरक्षण में तस्करी की जा रही है. लाॅकडाउन का अनुपालन के लिए विभिन्न स्थानों पर बने पुलिस पीकेट पर लगातार पुलिसकर्मियों की ड्यूटी होने के बावजूद रात के अंधेरे में साइकिल से तस्करी होना ठूठीबारी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाता है.

जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने और लाॅकडाउन का अनुपालन के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है. हर एक गतिविधि पर पुलिस नजर रख रही है. नेपाल के रास्ते भारत में होने वाली तस्करी की बात की जाए तो रोजाना सैकड़ों क्विंटल मटर सरहद पार कराकर लायी जा रही है. जिस पर अंकुश लगाने में पुलिस व एसएसबी पूरी तरह से फेल हैं. सख्ती के तमाम दावों के बावजूद नेपाली शराब, काली मिर्च और सुपाड़ी के बाद इन दिनों सफेद मटर का काला कारोबार सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हो रहा है.

इस कारोबार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि प्रतिदिन सरकार को राजस्व की लाखों रुपए की चपत लगाकर आसपास के बाजारों से लेकर गोरखपुर के थोक बाजारों तक विदेशी मटर पहुंचाई जा रही है. जहां इसकी रोजाना अच्छी खासी डिमांड है. वहीं सरहद पार कर बाजार में आने के बाद इसे बरामद कर पाना तो दूर इसकी पहचान भी कर पाना कस्टम व पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

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