महराजगंज: जिला अस्पताल में सक्रिय प्राइवेट हॉस्पिटल, पैथालाजी, मेडिकल स्टोरों के एजेंटों की धरपकड़ के लिए पुलिस व प्रशासन की टीम ने संयुक्त रूप से अभियान चलाया. डीएम सत्येन्द्र कुमार के निर्देश पर मंगलवार को अस्पताल में मारे गए छापे में मौके से 13 एजेंट दबोचे गए. सभी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है.
पुलिस के मुताबिक एक पीड़ित ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि वह जिला चिकित्सालय में पर्ची बनवाकर संबंधित डॉक्टर से जांच व सलाह के लिए मिलने जा रहा था. जिला अस्पताल में ही प्राइवेट अस्पताल के एजेंट पहले से मौजूद थे. उन्होंने मरीज को रोक लिया. बेहतर इलाज का लालच देकर कम से कम खर्चे में इलाज कराने के लिए दबाव बनाने लगे. मरीज ने जब प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने से मना किया तो एजेंटों ने कहा कि सरकारी अस्पताल की दवाएं दोयम दर्जे की हैं. एजेंटों ने प्राइवेट पैथालॉजी में जांच कराकर विदेशी ब्रांड की दवाएं कम पैसे में उपलब्ध कराने के लिए बहकाया. इसके बाद एजेंटों ने अनावश्यक रूप से मरीज से कमीशन मांगा.
आरोप है कि कमीशन देने से मना करने पर उसे मारने-पीटने के साथ धमकाया गया. इसकी शिकायत पीड़ित ने सीएमओ व जिलाधिकारी से की. इस मामले में डीएम ने एसपी के माध्यम से टीम लगाकर जांच करवाई. इसमें कई एजेंट पकड़े गए.
इन आरोपितों के खिलाफ हुई कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक, जिला अस्पताल से गिरफ्तार रंजीत, सोनू भारती, शिवनाथ, मनीष विश्वकर्मा, राजेश यादव, सतीश, प्रिंस पाण्डेय, विनेश कुमार गुप्ता, गणेश, रोहिक कुमार, अजय (अनूप ), चन्दन शर्मा व सोनू विश्वकर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. इन सभी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
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