महाराजगंज : जिले में भिटौली इलाके के अमवा भैंसी गांव में गुरुवार की तड़के हादसा हो गया. मच्छर भगाने के लिए सुलगाई गई आग से झोपड़ी में आग लग गई. झोपड़ी में मवेशी बंधे हुए थे. मां और बेटा मवेशियों काे बचाने के लिए पहुंचे. इस दौरान आग से दोनों गंभीर रूप से झुलस गए. इससे दोनों की मौत हो गई. चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंच गए. उन्होंने मशक्कत के बाद आग पर पाबू पाया. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
अमवा भैंसी गांव में कौशल्या देवी (55) अपने बेटे आशीष (34) के साथ रहती थीं. उनकी एक झोपड़ी थी. इसमें उनके मवेशी रहते हैं. रोज की तरह कौशल्या ने मवेशियों काे मच्छरों से बचाने के लिए झोपड़ी में घास-फूस जलाकर धुआं किया था. इसके बाद रात में झोपड़ी के बगल के मकान में वह और उनका बेटा सोने चले गए. गुरुवार की तड़के 5 बजे झोपड़ी में आग लग गई. इससे मवेशी चिल्लाने लगे. शोर सुनकर मां और बेटे जगे तो देखा कि झोपड़ी में आग लग चुकी है. इस पर दोनों मवेशियों की रस्सी खोलकर उन्हें बाहर निकालने के लिए जलती झोपड़ी के अंदर पहुंच गए.
झोपड़ी में अंदर पहुंचने पर मां और बेटा भी आग की लपटों में घिर गए. इससे दोनों गंभीर रूप से झुलस गए. चीख-पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने आग पर काबू पाया लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी. ग्रामीणों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी. कुछ ही देर में पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में ले लिया.
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