महराजगंज: जिले में घर लौटे प्रवासियों को मनरेगा से रोजगार उपलब्ध कराने की लिए जिला प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है. मनरेगा मजदूरों की जिंदगी अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है. जिले के 807 ग्राम पंचायतों में 2348 स्थानों पर मनरेगा के तहत लगातार कार्य चल रहा है. जिससे 1 लाख 451 मजदूरों को रोजगार मिला हुआ है. इनमें से लगभग 8000 प्रवासी मजदूरों को काम मिला है.
8 हजार प्रवासियों का बना जॉब कार्ड
जिले में तीन लाख पांच हजार मनरेगा के मजदूर हैं. जिसमें से लगभग दो लाख श्रमिक सक्रिय रूप से कार्य करते हैं. इस लाॅकडाउन के दौरान जरूरतमंद 11,585 श्रमिकों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं. जिसमें विभिन्न प्रदेशों से अपने घर लौटे लगभग 8000 वासियों का भी जाॅब कार्ड बनाया गया है.
तकनीकी रुप से दक्ष प्रवासियों को नहीं मिला रोजगार
वहीं तकनीकी रूप से दक्ष प्रवासियों को अभी तक रोजगार नहीं मिल पाया है. जिसमें अधिकांश लोग मनरेगा के कार्य को करने के लिए तैयार नहीं हैं. जिनके लिए कौशल विकास मिशन और जिला उद्योग विभाग के माध्यम से रोजगार का अवसर तलाशा जा रहा है. कौशल विकास मिशन के जिला प्रबंधक निशान्त श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमिता विकास अभियान के तहत प्रवासियों से आवेदन लेकर उन्हे प्रशिक्षण दिया जाएगा.
जिले में प्रदेश सरकार और जिलाधिकारी के आदेशानुसार मनरेगा मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. जिले में 100451 मजदूर लगातार मनरेगा का काम कर रहे हैं.
पवन अग्रवाल, मुख्य विकास अधिकारी