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मिलावटी दूध मामला: उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी की जिला अस्पताल में मौत, परिजनों ने किया हंगामा

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 23, 2023, 7:17 PM IST

महराजगंज में मिलावटी दूध के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी की जिला अस्पताल में मौत हो गई. कैदी की मौत से नाराज परिजनों ने हंगामा किया. साथ ही जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया.

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महराजगंज: जिला कारागार में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी की शनिवार को जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई, परिजनों ने जिला कारागार प्रशासन के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाया है.

कैदी रामसजन (42) के पुत्र ने बताया कि शनिवार सुबह वह पिता से मुलाकात करने जेल गया था. मुलाकात के दौरान पिता की तबीयत बिगड़ने लगी. उनको जिला अस्पताल लाया गया. हालत गंभीर होने पर उनको मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया. जेल प्रशासन द्वारा एम्बुलेंस से न ले जाकर जेल की गाड़ी का इंतजार किया जाने लगा. इस बीच पिता रामसजन ने दम तोड़ दिया. उसने कहा कि पिता की मौत का कारण जेल प्रशासन की लापरवाही है. इसके बाद जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों का आरोप है कि जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते रामसजन की मौत हुई. कैदी रामसजन की मौत के बाद परिजन शव को सड़क पर रखकर जिला जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर एसपी को बुलाने की जिद पर अड़े रहे. किसी तरह से पुलिस ने समझा-बुझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

महराजगंज में कैदी के परिजनों ने लगाया जाम
महराजगंज में कैदी के परिजनों ने लगाया जाम

17 मई 1999 में खजुरिया गांव निवासी रामसजन के खिलाफ सदर कोतवाली में तत्कालीन खाद्य निरीक्षक द्वारा मिलावटी दूध के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था. 23 वर्षों तक मुकदमे के विचारण के बाद नौ अप्रैल 2022 को महराजगंज के अपर सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह ने गवाहों और साक्ष के आधार पर रामसजन को दोष सिद्ध घोषित करते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई थी. सजा होने के बाद से रामसजन जिला कारागार में था. अस्थमा की शिकायत होने पर उसे पिछले 12 दिनों से जिला जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार सुबह तबीयत ज्यादा खराब होने पर जेल से जिला अस्पताल लाया गया. यहां पर इलाज के बाद चिकित्सकों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया. जिला जेल से कागज व एम्बुलेंस आने से पहले ही रामसजन ने दम तोड़ दिया.

जेल अधीक्षक प्रभात सिंह ने बताया कि बंदी रामसजन अस्थमा और मधुमेह रोग से पीड़ित था. पिछले 12 दिनों से उसे जिला कारागार अस्पताल में भर्ती किया गया था. आज सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया. रेफर होने के बाद गाड़ी पहुंचती उसके पूर्व ही उसकी मृत्यु हो गई.

यह भी पढ़ें: फतेहपुर सीकरी में फिर से रैंप से फिसली स्पेन की महिला पर्यटक, 24 घंटे में दूसरी घटना

महराजगंज: जिला कारागार में उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी की शनिवार को जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई, परिजनों ने जिला कारागार प्रशासन के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाया है.

कैदी रामसजन (42) के पुत्र ने बताया कि शनिवार सुबह वह पिता से मुलाकात करने जेल गया था. मुलाकात के दौरान पिता की तबीयत बिगड़ने लगी. उनको जिला अस्पताल लाया गया. हालत गंभीर होने पर उनको मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया. जेल प्रशासन द्वारा एम्बुलेंस से न ले जाकर जेल की गाड़ी का इंतजार किया जाने लगा. इस बीच पिता रामसजन ने दम तोड़ दिया. उसने कहा कि पिता की मौत का कारण जेल प्रशासन की लापरवाही है. इसके बाद जिला अस्पताल पहुंचे परिजनों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया. परिजनों का आरोप है कि जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते रामसजन की मौत हुई. कैदी रामसजन की मौत के बाद परिजन शव को सड़क पर रखकर जिला जेल अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर एसपी को बुलाने की जिद पर अड़े रहे. किसी तरह से पुलिस ने समझा-बुझाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.

महराजगंज में कैदी के परिजनों ने लगाया जाम
महराजगंज में कैदी के परिजनों ने लगाया जाम

17 मई 1999 में खजुरिया गांव निवासी रामसजन के खिलाफ सदर कोतवाली में तत्कालीन खाद्य निरीक्षक द्वारा मिलावटी दूध के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया था. 23 वर्षों तक मुकदमे के विचारण के बाद नौ अप्रैल 2022 को महराजगंज के अपर सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह ने गवाहों और साक्ष के आधार पर रामसजन को दोष सिद्ध घोषित करते हुए आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई थी. सजा होने के बाद से रामसजन जिला कारागार में था. अस्थमा की शिकायत होने पर उसे पिछले 12 दिनों से जिला जेल अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार सुबह तबीयत ज्यादा खराब होने पर जेल से जिला अस्पताल लाया गया. यहां पर इलाज के बाद चिकित्सकों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया. जिला जेल से कागज व एम्बुलेंस आने से पहले ही रामसजन ने दम तोड़ दिया.

जेल अधीक्षक प्रभात सिंह ने बताया कि बंदी रामसजन अस्थमा और मधुमेह रोग से पीड़ित था. पिछले 12 दिनों से उसे जिला कारागार अस्पताल में भर्ती किया गया था. आज सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया. रेफर होने के बाद गाड़ी पहुंचती उसके पूर्व ही उसकी मृत्यु हो गई.

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