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कोरोना पीड़ितों के तीमारदारों के लिए लॉकडाउन ने बढ़ाई मुश्किलें

महराजगंज जिले में कोरोना से पीड़ित मरीजों का उपचार कराने आये तीमारदारों को खाना और शौचालय आदि की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. वहीं लॉकडाउन बढ़ने से उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं. होटल और खाने-पीने की सभी दुकानों को भी इस बंदी का पालन करना पड़ रहा है.

पेट भरने के साथ शौचालय के लिए परेशान तीमारदा
पेट भरने के साथ शौचालय के लिए परेशान तीमारदा
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Published : May 4, 2021, 10:00 AM IST

महराजगंज : जिला मुख्यालय स्थित कोविड अस्पताल में कोरोना से पीड़ित लोगों का इलाज कराने आये उनके परिजनों को दिन से लेकर रात तक इसी अस्पताल के इर्द-गिर्द घूमकर समय गुजारना पड़ रहा है. अस्पताल से महज दस कदम की दूरी पर स्थित राम मनोहर लोहिया पार्क इनका ठिकाना बन चुका है. क्योंकि दिन की तेज धूप में उन्हें यहां छांव और रात गुजारने के लिए थोड़ी जगह मिल जाती है.

कोरोना पीड़ितों के तीमारदारों के लिए लॉकडाउन ने बढ़ाई मुश्किलें

पेट भरने के साथ शौचालय के लिए भी परेशान तीमारदार

इन तीमारदारों के सामने सबसे बड़ी समस्या पेट भरने के साथ शौचालय जाने की हो रही है. कोविड अस्पताल के आसपास कोई शौचालय न होने से उन्हें खेत, खलिहान या शहर में जाना पड़ रहा है. वहीं खाने के लिए लोगों को बाजार बंद होने से जो कुछ मिलता है वह महंगा दाम देकर लेना होता है. होटल या चाय पानी के ढाबों पर भी लॉकडाउन का ताला लटका हुआ है.

जिलाधिकारी से लेकर सभी बड़े अधिकारियों का आवास

दूर-दराज से आये तीमारदारों ने बताया कि उन्हें किसी तरह से बंद दुकानों के अंदर से चाय समोसे बनाकर दे दिए जाते हैं. जिसे खाकर वह अपना दिन और रात काट रहे हैं. अस्पताल में कई मरीज ऐसे हैं जो एक-एक सप्ताह से भर्ती हैं. कुछ के भोजन और नित्य कर्म उनके रिश्तेदारों के वहां हो जा रहे हैं और कुछ को उनके रिश्तेदार घर में आने से ही रोक दिए हैं. वहीं इस पार्क से सटे ही जिलाधिकारी से लेकर सभी बड़े अधिकारियों का आवास है. सभी इसी रास्ते से प्रतिदिन गुजरते हैं. लेकिन कभी इन तीमारदारों से इनके दर्द को बांटने की जहमत किसी ने नही उठाई है.

इसे भी पढ़ें-पद्म विभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र की बेटी का निधन, परिवार ने अस्पताल पर लगाए आरोप

महराजगंज : जिला मुख्यालय स्थित कोविड अस्पताल में कोरोना से पीड़ित लोगों का इलाज कराने आये उनके परिजनों को दिन से लेकर रात तक इसी अस्पताल के इर्द-गिर्द घूमकर समय गुजारना पड़ रहा है. अस्पताल से महज दस कदम की दूरी पर स्थित राम मनोहर लोहिया पार्क इनका ठिकाना बन चुका है. क्योंकि दिन की तेज धूप में उन्हें यहां छांव और रात गुजारने के लिए थोड़ी जगह मिल जाती है.

कोरोना पीड़ितों के तीमारदारों के लिए लॉकडाउन ने बढ़ाई मुश्किलें

पेट भरने के साथ शौचालय के लिए भी परेशान तीमारदार

इन तीमारदारों के सामने सबसे बड़ी समस्या पेट भरने के साथ शौचालय जाने की हो रही है. कोविड अस्पताल के आसपास कोई शौचालय न होने से उन्हें खेत, खलिहान या शहर में जाना पड़ रहा है. वहीं खाने के लिए लोगों को बाजार बंद होने से जो कुछ मिलता है वह महंगा दाम देकर लेना होता है. होटल या चाय पानी के ढाबों पर भी लॉकडाउन का ताला लटका हुआ है.

जिलाधिकारी से लेकर सभी बड़े अधिकारियों का आवास

दूर-दराज से आये तीमारदारों ने बताया कि उन्हें किसी तरह से बंद दुकानों के अंदर से चाय समोसे बनाकर दे दिए जाते हैं. जिसे खाकर वह अपना दिन और रात काट रहे हैं. अस्पताल में कई मरीज ऐसे हैं जो एक-एक सप्ताह से भर्ती हैं. कुछ के भोजन और नित्य कर्म उनके रिश्तेदारों के वहां हो जा रहे हैं और कुछ को उनके रिश्तेदार घर में आने से ही रोक दिए हैं. वहीं इस पार्क से सटे ही जिलाधिकारी से लेकर सभी बड़े अधिकारियों का आवास है. सभी इसी रास्ते से प्रतिदिन गुजरते हैं. लेकिन कभी इन तीमारदारों से इनके दर्द को बांटने की जहमत किसी ने नही उठाई है.

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