महराजगंज: परिषदीय विद्यालयों की रिपोर्टिंग को लेकर महराजगंज जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी (Basic Education Officer of Maharajganj District) ने पत्रकारों के खिलाफ जो फरमान जारी किया है, उसको लेकर जिले के पत्रकारों में आक्रोश है. पत्रकारों का कहना है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी (Basic Education Officer) ने जो फरमान जारी किया है, उसको वापस नहीं लिया गया तो जनरलिस्ट प्रेस क्लब के बैनर तले पत्रकार आंदोलन करेंगे.
जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष कुमार सिंह (Basic Education Officer Ashish Kumar Singh) ने 2 सितंबर को एक फरमान जारी करते हुए पत्रकारों के परिषदीय विद्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दी है. जिसके बाद जिले के पत्रकारों में रोष व्याप्त है. बीएसए के इस आदेश के बाद पत्रकारों ने बैठक कर यह निर्णय लिया कि यदि 24 घंटे के भीतर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपना फरमान वापस नहीं लेते है और पत्रकारों से माफी नहीं मांगी तो पूरे जिले के पत्रकार जिला मुख्यालय पर आंदोलन करेंगे. उन लोगों ने कहा कि इसके साथ ही साथ इस तानाशाह बीएसए के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री से भी मांग की जाएगी.
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रविवार को जिला पंचायत सभागार में हुई बैठक में एक सुर से सभी पत्रकारों ने बीएससी के इस कृत्य की निंदा की और कहा कि ऐसे अधिकारी सरकार की बदनामी कराते हैं. लिहाजा ऐसे अधिकारियों को जिले में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
बता दें कि, महराजगंज के बेसिक शिक्षा अधिकारी आशीष कुमार सिंह द्वारा 2 सितंबर को परिषदीय विद्यालयों में रिपोर्टिंग के लिए पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगाने का आदेश जारी कर किया गया है. साथ ही उन्होंने आदेश दिया है कि कोई भी अपने आपको मीडिया कर्मी बताकर विद्यालय में आता है, तो सर्वप्रथम उनसे शालीनता पुर्वक जिला सूचना अधिकारी द्वारा निर्गत पहचान पत्र दिखाने को कहें. यदि वह व्यक्ति परिचय पत्र दिखाते हैं तो उनके द्वारा मांगी गई सूचना उपलब्ध कराएं. परंतु किसी भी अभिलेख की फोटो खींचने न दें. बिना परिचय पत्र के विद्यालय में आए व्यक्ति को बाहर जाने के लिए कहें. कोई भी अभिलेख न दिखाएं और न ही कोई विभागीय सूचना की जानकारी दें.
बता दें कि जिले के परिषदीय विद्यालयों की वर्तमान में जो बदहाल व्यवस्था बेबस बच्चों की तस्वीरें सामने आ रही हैं, उसको लेकर कहीं न कहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी छिपाना चाहते हैं. हाल ही में जिले के एक परिषदीय विद्यालय में स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की जगह बार बालाओं का डांस कराए जाने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. फिलहाल इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कार्रवाई तो की लेकिन अभी भी जिले के तमाम ऐसे विद्यालय हैं, जहां न तो समय से अध्यापक पहुंचते हैं और न ही सुचारू रूप से पठन-पाठन होता है. इतना ही नहीं जिले के तमाम ऐसे विद्यालय हैं, जहां मीड डे मिल की धज्जियां उड़ाई जाती है. ऐसे में अभिभावक शिकायत करें तो किससे कोई सुनने वाला नहीं है.
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