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Basement Collapse Of Apartment : रात से ही खिसक रही थी मिट्टी फिर भी हादसा होने का किया इंतजार, बिल्डर के खिलाफ दर्ज हुई FIR

लखनऊ स्थित पीजीआई थाना क्षेत्र में गुरुवार देर रात सेक्टर 11 वृंदावन योजना (Laborers Huts Collapsed) में अपार्टमेंट का बेसमेंट धंसने की घटना हो गई. इस दुर्घटना में मासूम समेत दो लोगों की जान चली गई.

अपार्टमेंट के बेसमेंट की धंसी जमीन
अपार्टमेंट के बेसमेंट की धंसी जमीन
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 29, 2023, 5:10 PM IST

Updated : Sep 29, 2023, 7:48 PM IST

देखें पूरी खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में समय से यदि बिल्डर समय से मजदूरों को खुदे बेसमेंट के पास से हटवा देता तो शायद डेढ़ माह की बच्ची और 27 वर्षीय मजदूर आज जिंदा होते. निर्माणाधीन बिल्डिंग (Laborers Huts Collapsed) में काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि 'मिट्टी खिसकना रात आठ बजे ही शुरू हो गई थी, गार्ड ने एक बार वहां से हटने के लिए कहा फिर वो चला गया. रात 12 बजे अचानक हादसा हो गया और देखते-देखते 14 लोग मलबे में धंस गए.' फिलहाल पुलिस ने बिल्डर और ठेकेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है.

बिल्डर के खिलाफ दर्ज हुई FIR
बिल्डर के खिलाफ दर्ज हुई FIR


शाम से खिसक रही थी मिट्टी, फिर भी कोई नहीं चेता : पीजीआई थाना क्षेत्र के सेक्टर-11 वृन्दावन योजना में गुरुवार देर रात 14 मंजिला निर्माणाधीन अपार्टमेंट के बेसमेंट की मिट्टी खिसकने से बगल में बीते चार दिन से झोपड़ी में रह रहे 14 मजदूर मलबे में धंस गए. इस हादसे में प्रतापगढ़ के रहने वाले 27 वर्षीय मजदूर मुकादम और डेढ़ वर्ष की आइसा की मौत हो गई, जबकि 12 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये. इसी अपार्टमेंट में काम करने वाले सीतापुर निवासी मजदूर राम कुमार ने बताया कि 'बीते तीन दिन से बेसमेंट की खुदाई हो रही थी. गुरुवार को शाम आठ बजे अचानक मिट्टी खिसकने लगी. अपार्टमेंट में दिन की ड्यूटी खत्म कर घर जा रहे गार्ड ने आकर सभी से झोपड़ी से हटकर बाहर सोने के लिए कहा और घर चला गया. दोबारा कोई भी बिल्डिंग से मना करने नहीं आया, लिहाजा सब उसी झोपड़ी में सो गए तो फिर 12 बजे हादसा हो गया.'

अपार्टमेंट के बेसमेंट की धंसी जमीन
अपार्टमेंट के बेसमेंट की धंसी जमीन




हादसे से पहले जान गंवाने वाले मजदूर ने कही थी यह बात : निर्माणाधीन अंतरिक्ष अपार्टमेंट में दिन की ड्यूटी करने वाले गार्ड शिव कुमार ने बताया कि 'हादसे में जिन मजदूरों की झोपड़ी मलबे में धंस गई वो चार दिन पहले ही यहां काम करने आए थे. गुरुवार को दिन में जेसीबी से बेसमेंट की खुदाई हुई थी, जिसके बाद शाम 8 बजे थोड़ी बहुत मिट्टी खिसक रही थी. जिस पर उसने मजदूरों से जाकर कहा कि वो लोग या तो झोपड़ी के बाहर सोएं या फिर अपार्टमेंट में आ जाएं, लेकिन हादसे में जान गंवाने वाले मजदूर मुकादम ने कहा कि 'मरना होगा तो कहीं भी मर जायेंगे, इसलिए हम लोग यही सोएंगे.' गार्ड के मुताबिक, इसके बाद वह घर चला गया. अब बाद में किसी ने उन्हें वहां से हटने के लिए कहा कि नहीं यह नहीं मालूम.'


अब भी हादसे की जगह रह रहे मजदूर : जिस अपार्टमेंट में हादसा हुआ है, वहां सड़क पर ही मजदूर ईट और टीन का अस्थाई मकान बना कर रह रहे थे, यहां करीब 25 मजदूर अपने परिवार के साथ रहते हैं. इनके ये अस्थाई मकान के बिलकुल बगल से ही बीते तीन दिनों से बेसमेंट की खुदाई हो रही थी. यह मालूम होने के बाद भी कि वहां की मिट्टी बलुई है, बावजूद इसके वहां से मजदूरों को हटाया नहीं गया. यहां तक हादसे के बाद भी उसी जगह अब भी एक दर्जन मजदूर रह रहे हैं, जिन्हे हटाने के लिए प्रशासन ने कोई भी कोशिश नही की है.

यह भी पढ़ें : Building Collapsed In Lucknow: लखनऊ में बहुमंजिला मंजिला इमारत गिरी, 9 लोगों को मलबे से निकाला गया

यह भी पढ़ें : लखनऊ: हजरतगंज में गिरी जर्जर बिल्डिंग, लॉकडाउन के चलते टला बड़ा हादसा

बिल्डर-ठेकेदार के खिलाफ दर्ज हुई FIR : एसीपी कैंट अभिनव ने बताया कि 'अपार्टमेंट हादसे के मामले में अंतरिक्ष बिल्डर और ठेकेदार के खिलाफ मजदूर सब्बीर अली को तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा गैर इरादातन और बिल्डिंग के निर्माण के समय लापरवाही बरतने की धारा 288 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. बिल्डर व ठेकदार की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो मजदूर अब भी वहां रह रहे हैं, उन्हें वहां से हटाकर अन्य स्थान पर ठहराया जा रहा है.'

हादसे के बाद परिजनों ने एपेक्स ट्रॉमा सेंटर पहुंच कर जमकर हंगामा किया. मौके पर पीजीआई इंस्पेक्टर राणा राजेश कुमार सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने हंगामा कर रहे परिजनों को समझाया. हंगामे के बीच मौके पर पहुंचे अंतरिक्ष बिल्डर के मालिक तरुण शर्मा ने परिजनों से मुलाकात कर दुख जताया. उन्होंने दाह संस्कार के लिए 50 हजार रुपए दिए साथ ही पांच लाख रुपए बाद में देने का वादा किया. वहीं शुक्रवार सुबह अपर आवास आयुक्त हिमांशु गुप्ता, जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार पीजीआई पहुंचे.

यह भी पढ़ें : Laborers Huts Collapsed : 14 मंजिला बिल्डिंग के बेंसमेंट में खुदाई के कारण धंसी जमीन, डेढ़ साल की मासूम समेत दो की मौत

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी में समय से यदि बिल्डर समय से मजदूरों को खुदे बेसमेंट के पास से हटवा देता तो शायद डेढ़ माह की बच्ची और 27 वर्षीय मजदूर आज जिंदा होते. निर्माणाधीन बिल्डिंग (Laborers Huts Collapsed) में काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि 'मिट्टी खिसकना रात आठ बजे ही शुरू हो गई थी, गार्ड ने एक बार वहां से हटने के लिए कहा फिर वो चला गया. रात 12 बजे अचानक हादसा हो गया और देखते-देखते 14 लोग मलबे में धंस गए.' फिलहाल पुलिस ने बिल्डर और ठेकेदार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है.

बिल्डर के खिलाफ दर्ज हुई FIR
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शाम से खिसक रही थी मिट्टी, फिर भी कोई नहीं चेता : पीजीआई थाना क्षेत्र के सेक्टर-11 वृन्दावन योजना में गुरुवार देर रात 14 मंजिला निर्माणाधीन अपार्टमेंट के बेसमेंट की मिट्टी खिसकने से बगल में बीते चार दिन से झोपड़ी में रह रहे 14 मजदूर मलबे में धंस गए. इस हादसे में प्रतापगढ़ के रहने वाले 27 वर्षीय मजदूर मुकादम और डेढ़ वर्ष की आइसा की मौत हो गई, जबकि 12 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये. इसी अपार्टमेंट में काम करने वाले सीतापुर निवासी मजदूर राम कुमार ने बताया कि 'बीते तीन दिन से बेसमेंट की खुदाई हो रही थी. गुरुवार को शाम आठ बजे अचानक मिट्टी खिसकने लगी. अपार्टमेंट में दिन की ड्यूटी खत्म कर घर जा रहे गार्ड ने आकर सभी से झोपड़ी से हटकर बाहर सोने के लिए कहा और घर चला गया. दोबारा कोई भी बिल्डिंग से मना करने नहीं आया, लिहाजा सब उसी झोपड़ी में सो गए तो फिर 12 बजे हादसा हो गया.'

अपार्टमेंट के बेसमेंट की धंसी जमीन
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हादसे से पहले जान गंवाने वाले मजदूर ने कही थी यह बात : निर्माणाधीन अंतरिक्ष अपार्टमेंट में दिन की ड्यूटी करने वाले गार्ड शिव कुमार ने बताया कि 'हादसे में जिन मजदूरों की झोपड़ी मलबे में धंस गई वो चार दिन पहले ही यहां काम करने आए थे. गुरुवार को दिन में जेसीबी से बेसमेंट की खुदाई हुई थी, जिसके बाद शाम 8 बजे थोड़ी बहुत मिट्टी खिसक रही थी. जिस पर उसने मजदूरों से जाकर कहा कि वो लोग या तो झोपड़ी के बाहर सोएं या फिर अपार्टमेंट में आ जाएं, लेकिन हादसे में जान गंवाने वाले मजदूर मुकादम ने कहा कि 'मरना होगा तो कहीं भी मर जायेंगे, इसलिए हम लोग यही सोएंगे.' गार्ड के मुताबिक, इसके बाद वह घर चला गया. अब बाद में किसी ने उन्हें वहां से हटने के लिए कहा कि नहीं यह नहीं मालूम.'


अब भी हादसे की जगह रह रहे मजदूर : जिस अपार्टमेंट में हादसा हुआ है, वहां सड़क पर ही मजदूर ईट और टीन का अस्थाई मकान बना कर रह रहे थे, यहां करीब 25 मजदूर अपने परिवार के साथ रहते हैं. इनके ये अस्थाई मकान के बिलकुल बगल से ही बीते तीन दिनों से बेसमेंट की खुदाई हो रही थी. यह मालूम होने के बाद भी कि वहां की मिट्टी बलुई है, बावजूद इसके वहां से मजदूरों को हटाया नहीं गया. यहां तक हादसे के बाद भी उसी जगह अब भी एक दर्जन मजदूर रह रहे हैं, जिन्हे हटाने के लिए प्रशासन ने कोई भी कोशिश नही की है.

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हादसे के बाद परिजनों ने एपेक्स ट्रॉमा सेंटर पहुंच कर जमकर हंगामा किया. मौके पर पीजीआई इंस्पेक्टर राणा राजेश कुमार सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने हंगामा कर रहे परिजनों को समझाया. हंगामे के बीच मौके पर पहुंचे अंतरिक्ष बिल्डर के मालिक तरुण शर्मा ने परिजनों से मुलाकात कर दुख जताया. उन्होंने दाह संस्कार के लिए 50 हजार रुपए दिए साथ ही पांच लाख रुपए बाद में देने का वादा किया. वहीं शुक्रवार सुबह अपर आवास आयुक्त हिमांशु गुप्ता, जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार पीजीआई पहुंचे.

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Last Updated : Sep 29, 2023, 7:48 PM IST
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