महराजगंज: लाॅकडाउन के बीचे कोई भूखा ना रह जाए, इसलिए सरकार और समाजसेवी संस्थाएं जरूरतमंदों को आवश्यक खाद्य वस्तुएं और खाना बांट रही हैं. ऐसे में महराजगंज जिले के पनियरा जंगल में बेजुबान बन्दरों के लिए रामबेलास गुप्ता मसीहा बनकर सामने आए हैं.
बेजुबान पशुओं के खाने की समस्या-
कोरोना वायरस संक्रमण को फैलाने से रोकने के लिए 21 दिनों का देशव्यापी लाॅकडाउन है. जिसके कारण अब बेजुबान पशुओं के सामने भी समस्याएं शुरू हो गई है. इसी के तहत बन्दरों के लिए महराजगंज जिले के पनियरा नगर पंचायत के रामबेलास गुप्ता मसीहा बन कर सामने आए. वह पिछले 6 सालों से वन प्रभाग गोरखपुर के बांकी रेंज पनियरा के जंगलों में अपनी आय से प्रतिदिन एक बोरा ब्रेड लेकर बेजुबान पशुओं को खिलाते हैं.
रामबेलास बने बदरों के मसीहा-
जैसे ही वह जंगल के पास पहुंचते हैं उनकी एक आवाज सुनकर जंगल के सभी बन्दरों का झुंड खाने को टूट पड़ता है. रामबेलास गुप्ता ने बताया कि जंगल में फलदार वृक्ष गायब होते जा रहे हैं. ऐसे में जंगल के बन्दर सुबह से शाम तक सड़कों की पटरीयों पर टक- टकी लगाएं बैठे रहते हैं. जैसे ही उन्हें खाने की कोई सामग्री मिलती हैं. सबके सब टूट पड़ते है.
इसे भी पढ़ें- सरकारी मदद की आस में शिल्पकार, दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहे परिवार
लॉकडाउन के कारण लोगों का आवागमन बन्द हो गया है. ऐसे में बेजुबान बन्दर भी भूख से तड़फ रहे हैं. मनुष्यों के साथ-साथ बेजुबान जानवर और पशु-पक्षियों के लिए भी सरकार और समाजसेवी संस्थाओं को भी आगे आना चाहिए. जिससे इन बेजुबान जानवरों को आहार मिल सकें.