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महराजगंज: इस मंदिर में किन्नरों के नृत्य कराने से पूरी होती है मन्नत

उत्तर प्रदेश के महराजगंज में मां लेहड़ा देवी के मंदिर में शारदीय नवरात्र की धूम है. इस मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है कि जो भी इस मंदिर में किन्नरों का नृत्य कराता है उसकी मन्नत पूरी होती है. शारदीय नवरात्र में कई राज्यों से आए भक्तों की भीड़ उमड़ी है.

लेहड़ा देवी मंदिर में भक्तों की भीड़
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Published : Oct 6, 2019, 1:42 PM IST

महराजगंज: शारदीय नवरात्र की धूम हर तरफ है. मां दुर्गा के मंदिरों में भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है. मंदिर चाहे जहां का भी हो सब का एक अलग ही महत्व होता है. महराजगंज जिले के फरेंदा में स्थित मां लेहड़ा देवी के मंदिर में कोई भी सच्चे दिल से मन्नत मांगता है तो उसकी हर मुराद पूरी होती है. इसके साथ ही कुछ श्रद्धालुओं का कहना है कि इस मंदिर में किन्नरों से नृत्य कराने पर हर मन्नत पूरी हो जाती है. इसी क्रम में मां के प्रति एक नाविक के कुचक्र और पांडव काल की कई कहानियां जुड़ी हैं. मां के दरबार में भारत के अनेक राज्यों के साथ-साथ नेपाल से भी काफी संख्या में भक्त आते हैं.

किन्नरों से नृत्य कराने से मुराद होती है पूरी

लेहड़ा देवी मंदिर में भक्तों की भीड़

इस मंदिर में एक प्रथा है कि जो भी अपने अंचल में किन्नरों से नृत्य करवाता है उसकी हर मुराद पूरी होती है. इस कारण हर समय यहां पर नृत्य होता रहता है साथ ही शादी विवाह के कार्यक्रम में भी नृत्य होता है. इस समय भारत के अनेक प्रांतों के अलावा नेपाल से भी भारी मात्रा में भक्तों का हुजूम उमड़ता है.

जब लेहड़ा माता ने किशोरी का रूप धारण किया
महाराजगंज के फरेंदा में स्थित लेहड़ा माता के भव्य मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कई हजार साल पहले यहां पर एक नदी बहती थी. जहां एक दिन माता एक किशोरी का रूप धारण करके गई और नाविक से नदी पार कराने को कहा. मां की सुंदरता पर आसक्त हो नाविक ने उनसे छेड़खानी करनी चाहा. इस पर कुपित होकर मां ने नाविक और नाव के साथ उसी पल जल समाधि ले ली. महाभारत काल में यहीं पर अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने मां की आराधना की थी. द्रौपदी के आंचल फैलाकर आशीर्वाद मांगने पर मां ने पांडवों को विजयश्री का आशीर्वाद दिया था.

महराजगंज: शारदीय नवरात्र की धूम हर तरफ है. मां दुर्गा के मंदिरों में भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है. मंदिर चाहे जहां का भी हो सब का एक अलग ही महत्व होता है. महराजगंज जिले के फरेंदा में स्थित मां लेहड़ा देवी के मंदिर में कोई भी सच्चे दिल से मन्नत मांगता है तो उसकी हर मुराद पूरी होती है. इसके साथ ही कुछ श्रद्धालुओं का कहना है कि इस मंदिर में किन्नरों से नृत्य कराने पर हर मन्नत पूरी हो जाती है. इसी क्रम में मां के प्रति एक नाविक के कुचक्र और पांडव काल की कई कहानियां जुड़ी हैं. मां के दरबार में भारत के अनेक राज्यों के साथ-साथ नेपाल से भी काफी संख्या में भक्त आते हैं.

किन्नरों से नृत्य कराने से मुराद होती है पूरी

लेहड़ा देवी मंदिर में भक्तों की भीड़

इस मंदिर में एक प्रथा है कि जो भी अपने अंचल में किन्नरों से नृत्य करवाता है उसकी हर मुराद पूरी होती है. इस कारण हर समय यहां पर नृत्य होता रहता है साथ ही शादी विवाह के कार्यक्रम में भी नृत्य होता है. इस समय भारत के अनेक प्रांतों के अलावा नेपाल से भी भारी मात्रा में भक्तों का हुजूम उमड़ता है.

जब लेहड़ा माता ने किशोरी का रूप धारण किया
महाराजगंज के फरेंदा में स्थित लेहड़ा माता के भव्य मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कई हजार साल पहले यहां पर एक नदी बहती थी. जहां एक दिन माता एक किशोरी का रूप धारण करके गई और नाविक से नदी पार कराने को कहा. मां की सुंदरता पर आसक्त हो नाविक ने उनसे छेड़खानी करनी चाहा. इस पर कुपित होकर मां ने नाविक और नाव के साथ उसी पल जल समाधि ले ली. महाभारत काल में यहीं पर अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने मां की आराधना की थी. द्रौपदी के आंचल फैलाकर आशीर्वाद मांगने पर मां ने पांडवों को विजयश्री का आशीर्वाद दिया था.

Intro:शारदीय नवरात्र की धूम आज हर तरफ है मां दुर्गा के मंदिरों में भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है मंदिर चाहे जहां का भी हो सब का एक अलग ही महत्व होता है महाराजगंज जिले के फरेंदा में स्थित मां लेहड़ा देवी का मंदिर यहां पर जो भी कोई सच्चे दिल से मन्नत मांगता है उसकी हर मुराद पूरी होती हैं मां के प्रति एक नाविक के कुचक्र और पांडव काल के कई कहानियों से जुड़े इस मंदिर में हर साल लाखों लोगों की भीड़ होती है मां के दरबार में भारत के अनेक राज्यों के साथ-साथ नेपाल से भी काफी संख्या में मां के भक्त आते हैं और जंगल के बीच में स्थित दरबार में अपनी अरदास लगाते हैं


Body: यह महाराजगंज के फरेंदा में स्थित लेहड़ा माता का भव्य मंदिर इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कई हजार साल पहले यहां पर एक नदी बहती थी जहां एक दिन माता एक किशोरी का रूप रखकर गई और नाविक से नदी पार कराने को कहा मां की सुंदरता पर आसक्त हो नाविक ने उनसे छेड़खानी करना चाहा जिस पर कुपित होकर मां ने नाविक और नाम के साथ उसी पल जल समाधि ले ली आज भी वह नदी वहां पर बहती है महाभारत काल में यहीं पर अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने मां की आराधना की थी और द्रौपदी के आंचल फैलाकर आशीर्वाद मांगने पर मां ने पांडवों को विजयश्री का आशीर्वाद दिया था


Conclusion:इस मंदिर में एक प्रथा है कि जो भी अपने आंचल में हिजड़ों से नृत्य करवाता है उसकी हर मुराद पूरी होती है जिस कारण हर समय यहां पर नित होता रहता है साथ ही शादी विवाह के कार्यक्रम भी होते रहते हैं यहां इस समय भारत के अनेक प्रांतों के अलावा नेपाल से भी भारी मात्रा में भक्तों का हुजूम उमड़ता है यहां आने वाले भक्तों का मानना है कि उन्होंने यहां मां के दरबार में जो भी अरदास लगाए उसे जरूर पूरा किया है शारदीय नवरात्र में चारों ओर जगमग हो चला है मां का दरबार भक्तों की हर मुराद पूरी करने वाली मां नैना देवी के मंदिर में हर रोज हजारों भक्तों का मेला लगा रहता है लोग यहां आते हैं अपने दुखों को लेकर मां के दरबार में आते हैं और यहां से जाते हैं मुरादे पूरी करके भारत नेपाल सीमा पर स्थित इस मंदिर पर जिस तरह भक्तों का हुजूम रहा है उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि मां के दरबार में हाजिरी लगाने से सारे पाप कट जाते हैं वही भक्तों की मुराद भी पूरी करने का काम करती हैं मां लेहड़ा देवी वहीं सर्दी नवरात्रि को देखते हुए स्टार हॉस्पिटल फरेंदा की तरफ से हर वर्ष की भांति इस बार भी निशुल्क चिकित्सा सेवा का कैंप लगाकर दूर दूर से आ रहे श्रद्धालुओं का निशुल्क जांच कर रहे हैं और लोगों का इलाज भी कर रहे हैं

बाईट- 1 देवीदत्त पांडेय - मुख्य पुजारी
बाईट-2- शंकर श्रद्धालु
बाईट -3 संजना ओझा
बाईट 4- राजा राम
बाईट 5 - संदीप यादव चिकित्सक

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