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कृषि यंत्रों की सब्सिडी में अनियमितता मामले में जांच के आधार पर होगी कार्रवाई: शिव प्रताप शाही

यूपी के महराजगंज के कृषि उपनिदेशक कार्यालय में कृषि यंत्रों की खरीद सब्सिडी में डेढ़ करोड़ रुपये के गोलमाल मामले में कृषि मंत्री शिव प्रताप शाही ने बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में जांच की जाएगी और उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

कृषि यंत्रों की सब्सिडी में अनियमितता मामले में जांच.
कृषि यंत्रों की सब्सिडी में अनियमितता मामले में जांच.
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Published : Sep 18, 2020, 3:27 PM IST

महराजगंज: जिले में कृषि यंत्रों पर किसानों को मिलने वाली सब्सिडी में अनियमितता का मामला सामने आया था. इस मामले में प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री शिव प्रताप शाही ने कहा कि सारे बिलों का वेरिफिकेशन किया जाएगा और जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में अब पिछले 3 वर्षों में दी गई सब्सिडी की जांच होगी. इस मामले में जिलाधिकारी ने पिछले तीन वर्षों की फाइलों की जांच करने के आदेश दिए थे.

कृषि यंत्रों की सब्सिडी में अनियमितता.

दरअसल जिले में कृषि विभाग से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलीभगत कर लगभग 19 फर्मों का फर्जी बिल बाउचर लगाकर लगभग डेढ़ करोड़ का गोलमाल किया था. इस मामले में जब शिकायतकर्ता ने किसानों को मिलने वाली सब्सिडी के गोलमाल की कृषि विभाग में शिकायत की, तो जांच शुरू हुई. जांच में यूपी एग्री कल्चर पोर्टल पर तमाम फर्जी बिल-बाउचरों पर फर्जी भुगतान पाया गया. वही जांच में लगभग 19 फर्मों में लगे बिल-बाउचर फर्जी पाए गए. इतना ही नहीं इन बिल-बाउचरों पर छपे जीएसटी नम्बर भी गलत पाए गए.

इस मामले की शिकायत मिलने के बाद जिलाधिकारी ने दो सदस्यीय जांच टीम बनाई है. इस टीम में मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल और वरिष्ठ कोषाधिकारी शालिग्राम को कमेटी का सदस्य बनाया गया है. वहीं आज कृषि मंत्री ने भी मामले में जांच की बात कही है.

महराजगंज: जिले में कृषि यंत्रों पर किसानों को मिलने वाली सब्सिडी में अनियमितता का मामला सामने आया था. इस मामले में प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री शिव प्रताप शाही ने कहा कि सारे बिलों का वेरिफिकेशन किया जाएगा और जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में अब पिछले 3 वर्षों में दी गई सब्सिडी की जांच होगी. इस मामले में जिलाधिकारी ने पिछले तीन वर्षों की फाइलों की जांच करने के आदेश दिए थे.

कृषि यंत्रों की सब्सिडी में अनियमितता.

दरअसल जिले में कृषि विभाग से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलीभगत कर लगभग 19 फर्मों का फर्जी बिल बाउचर लगाकर लगभग डेढ़ करोड़ का गोलमाल किया था. इस मामले में जब शिकायतकर्ता ने किसानों को मिलने वाली सब्सिडी के गोलमाल की कृषि विभाग में शिकायत की, तो जांच शुरू हुई. जांच में यूपी एग्री कल्चर पोर्टल पर तमाम फर्जी बिल-बाउचरों पर फर्जी भुगतान पाया गया. वही जांच में लगभग 19 फर्मों में लगे बिल-बाउचर फर्जी पाए गए. इतना ही नहीं इन बिल-बाउचरों पर छपे जीएसटी नम्बर भी गलत पाए गए.

इस मामले की शिकायत मिलने के बाद जिलाधिकारी ने दो सदस्यीय जांच टीम बनाई है. इस टीम में मुख्य विकास अधिकारी पवन अग्रवाल और वरिष्ठ कोषाधिकारी शालिग्राम को कमेटी का सदस्य बनाया गया है. वहीं आज कृषि मंत्री ने भी मामले में जांच की बात कही है.

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