लखनऊः आज उत्तर प्रदेश सरकार ने बजट का पिटारा खोला तो उसमें युवाओं के लिए भी तमाम योजनाएं निकलीं. राज्य के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने मुफ्त कोचिंग की बात तो की ही, साथ ही अभ्युदय योजना के तहत छात्रों को मुफ्त टैबलेट की भी घोषणा की. ये घोषणाएं ही बता रही हैं कि 550270 करोड़ रुपए के बजट में युवाओं का खास खयाल रखा गया है. इसके अलावा किसानों, महिलाओं, चिकित्सा और आवास संबंधी तमाम घोषणाएं भी हुईं, जिस पर मिलीजुली प्रतिक्रिया रही. आम व्यक्ति का खुद इस बजट पर क्या सोचना है, इसका जवाब तलाशने के लिए लखनऊ के स्थानीय लोगों से बात की गई. शिक्षा व रोजगार के संबंध में ज्यादातर युवाओं का कहना है कि शिक्षा को लेकर घोषणाएं अच्छी हैं पर समय से नौकरी मिले, सरकार को इसका भी खयाल रखना चाहिए.
अच्छा है पर अभी और जरूरत
बजट पर ईटीवी भारत से युवाओं ने कहा कि युवाओं को ध्यान में रखते हुए जो बजट पेश किया गया है वह सराहनीय है लेकिन बहुत सी ऐसी और भी चीजें हैं जिनका सरकार को ध्यान रखना चाहिए. युवाओं ने कहा कि सरकार को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किस समय पर और पारदर्शी तरीके से नौकरियों की परीक्षा हों. कई स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार उन युवाओं पर भी ध्यान दे जो आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाए और उनका स्वर्णिम समय बीत गया है. उनके लिए भी सरकार को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां निकालनी चाहिए.
पेपरलेस बजट का स्वागत
राजधानी लखनऊ के फर्रुखाबाद चिल्लाना निवासी समाजसेवी पंकज यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पेपरलेस बजट पेश किया है जो स्वागत योग्य है. साथ ही साथ युवाओं को रोजगार तथा शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए बजट को बढ़ाया गया है इससे नव युवकों को काफी राहत मिलेगी.
नए सैनिक स्कूल की तारीफ
आशीष तिवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा को बेहतरीन बनाने के लिए बजट में काफी राशि दी है. साथ ही साथ उत्तर प्रदेश में नए सैनिक स्कूल खुलने से प्रदेश के विद्यार्थियों को काफी आसानी होगी. व्यापारियों को दुर्घटना बीमा पहले 500000 का होता था उसे बढ़ाकर 10 लाख किया है, जिससे व्यापारियों को काफी लाभ मिलेगा.
यह है छलावा
लखनऊ के बदलि खेड़ा निवासी मोहम्मद जुनैद ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जो बजट पेश किया है, वह महज एक छलावा है. इस बजट से नवयुवकों, व्यापारियों को काफी निराशा हुई है. सरकार जो वादा गरीबों के लिए करती है उसको पूरा करने में बिल्कुल भी रुचि नहीं ले रही है.
थोड़ा है थोड़े की जरूरत है
चिकित्सा, स्वच्छता, कृषि के लिए अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया रही. लखनऊ के साधु बाबा ने कहा कि सरकार का बजट बहुत अच्छा है लेकिन सरकार ने साधुओं के बारे में कुछ भी नहीं सोचा. कोरोना काल में साधुओं की स्थिति को सबने देखा है लेकिन फिर भी सरकार ने हम लोगों के लिए कुछ नहीं सोचा. वहीं, दूसरी ओर अर्थशास्त्र के शिक्षक डॉक्टर वेद प्रकाश वर्मा ने बताया कि गांव और देश के विकास के लिए यह बजट एकदम सटीक है. इसमें सभी लोगों को ध्यान में दिया गया है. किसान हो या किसी और वर्ग की बात करें सभी के लिए कुछ न कुछ है. सभी मूलभूत सुविधाओं का भी इसमें ध्यान रखा गया है.
महंगाई रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं
युवा प्रदीप कुमार चौधरी ने बताया कि इस बजट से बहुत उम्मीदें थी महंगाई रोकने का कोई खास इंतजाम नहीं दिखा. जिस तरह कि पेट्रोल और डीजल की महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है, खाद्य पदार्थों में भी बहुत महंगाई है, इस महंगाई को रोकने के लिए बजट में किसी तरीके का कोई इंतजाम नहीं है. सरकारी नौकरी के अवसरों की बहुत कमी है इस पर भी ध्यान देना चाहिए.
विकास का खींचा खाका
समाजसेवी राकेश अग्रवाल ने बताया कि बजट में जिस तरीके से विकास को लेकर खाका खींचा गया है वह काबिले तारीफ है. जिस तरीके से 4 एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बजट का प्रावधान किया गया है, उससे विकास को गति मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
संतुलित है बजट
कारोबारी केशव गोयल ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार का बजट संतुलित है. बजट में जिस तरीके से एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर जोर दिया गया है और बुंदेलखंड से लेकर जेवर के पास इलेक्ट्रॉनिक सिटी जैसी परियोजनाओं के लिए बजट का प्रावधान किया गया है. उससे निश्चित रूप से आने वाले समय में व्यापार जगत को भी बड़ा लाभ होगा.