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कर्ज में डूबे युवक ने नोएडा स्टेडियम में फांसी लगाकर की आत्महत्या - पेड़ से लटका मिला युवक का शव

नोएडा के स्टेडियम में एक युवक ने आत्महत्या कर लिया था. आत्महत्या करने वाले युवक की पहचान राहुल चौधरी के रूप में हुई है, जो निठारी में रहता था और मूल रूप से बुलंदशहर का रहने वाला था.

राहुल चौधरी.
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Published : Sep 17, 2019, 11:13 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के 21ए स्थित स्टेडियम में एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. युवक का शव पेड़ से लटका हुआ था. स्टेडियम के गार्ड ने शव को देखते ही इसकी सूचना पुलिस को दी थी.

स्टेडियम में फांसी लगा युवक ने की आत्महत्या.

कर्ज के चलते की आत्महत्या
मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के जेब से सुसाइड नोट बरामद किया था, जिसमें मृतक ने भारी कर्ज के चलते आत्महत्या करने की बात कही. सुसाइड करने वाले की पहचान राहुल चौधरी के रूप में हुई है, जो निठारी में रहता था और मूल रूप से बुलंदशहर का रहने वाला था.

क्या था लिखा था पत्र में
मृतक राहुल के पास मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं पूरे होश में यह पत्र लिख रहा हूं. मेरे ऊपर कुछ लोगों का कर्ज है, जिसे समय पर नहीं दे पा रहा था. राहुल ने लिखा है कि मेरा एप्पल आई फोन 6एस जयदीप अम्बावत के पास है. वह पेशे से वकील है और मुझे मैसेज और कॉल कर मारने पीटने की धमकी देता था और रोज परेशान करता था. कुलदीप अम्बावत से मैने दस हजार रुपये लिये थे, मगर मैंने उसे लगभग 12 हजार रुपये वापस किये थे, मगर वो रोज पैसे मांगता था और मुझे जगह-जगह बेइज्जत करता था.

मैं अपनी मां और पापा का कोई भी सपना इस जिंदगी में पूरा नहीं कर पाया, इसके लिए मैं अपनी मां से माफी मांगता हूं और भगवान से प्रार्थना करूंगा कि मुझे दोबारा मेरी मां का बेटा बनाकर भेजें. पत्र में आगे लिखा है कि मेरी चिता को आग मेरा छोटा भाई लगाए. बड़ा भाई मेरी चिता को आग और हाथ भी न लगाए. अगर समय से वो अपनी जिम्मेदारियों निभाता तो शायद आज ये दिन नहीं आता.

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के 21ए स्थित स्टेडियम में एक व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. युवक का शव पेड़ से लटका हुआ था. स्टेडियम के गार्ड ने शव को देखते ही इसकी सूचना पुलिस को दी थी.

स्टेडियम में फांसी लगा युवक ने की आत्महत्या.

कर्ज के चलते की आत्महत्या
मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के जेब से सुसाइड नोट बरामद किया था, जिसमें मृतक ने भारी कर्ज के चलते आत्महत्या करने की बात कही. सुसाइड करने वाले की पहचान राहुल चौधरी के रूप में हुई है, जो निठारी में रहता था और मूल रूप से बुलंदशहर का रहने वाला था.

क्या था लिखा था पत्र में
मृतक राहुल के पास मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि मैं पूरे होश में यह पत्र लिख रहा हूं. मेरे ऊपर कुछ लोगों का कर्ज है, जिसे समय पर नहीं दे पा रहा था. राहुल ने लिखा है कि मेरा एप्पल आई फोन 6एस जयदीप अम्बावत के पास है. वह पेशे से वकील है और मुझे मैसेज और कॉल कर मारने पीटने की धमकी देता था और रोज परेशान करता था. कुलदीप अम्बावत से मैने दस हजार रुपये लिये थे, मगर मैंने उसे लगभग 12 हजार रुपये वापस किये थे, मगर वो रोज पैसे मांगता था और मुझे जगह-जगह बेइज्जत करता था.

मैं अपनी मां और पापा का कोई भी सपना इस जिंदगी में पूरा नहीं कर पाया, इसके लिए मैं अपनी मां से माफी मांगता हूं और भगवान से प्रार्थना करूंगा कि मुझे दोबारा मेरी मां का बेटा बनाकर भेजें. पत्र में आगे लिखा है कि मेरी चिता को आग मेरा छोटा भाई लगाए. बड़ा भाई मेरी चिता को आग और हाथ भी न लगाए. अगर समय से वो अपनी जिम्मेदारियों निभाता तो शायद आज ये दिन नहीं आता.

Intro:नोएडा----
मृतक राहुल के पास मिले पत्र में लिखा है कि मैं पूरे होश में यह पत्र लिख रहा हूं। मेरे ऊपर कुछ लोगों का कर्ज है, जिसे समय पर नहीं दे पा रहा था। मैंने कर्जदाताओं से कहा कि थोड़ा समय दे, मैं धीरे-धीरे कर सबका पैसा दे दूंगा। मगर किसी ने नहीं सुनी और मुझसे मेरा सामान छीनकर ले गए। राहुल ने लिखा है कि मेरा मोबाइल फोन एप्पल आई फोन 6एस जयदीप अम्बावत के पास है। वह पेशे से वकील है और मुझे मैसेज और कॉल कर मारने पीटने की धमकी देता था और रोज परेशान करता था। कुलदीप अम्बावत से मैने दस हजार रुपये लिये थे, मगर मैने उसे लगभग 12 हजार रुपये वापस किये थे, मगर वो रोज पैसे मांगता था और मुझे जगह-जगह बेइज्जत करता था । बार-बार घर आकर हंगामा करता था। पैसों के एवज में मुझसे मेरी एक रॉयल एनफील्ड मोटर साइकिल छीन रखी है और कहीं गायब कर रखी है।


Body:
राहुल ने अपने पत्र में कहा है कि सुनील कसाना ने 12/22 की रेड लाइट पर मुझसे मेरी टीवीएस बाइक छीन ली है। जबकि इसके मात्र 10 हजार रुपये थे। ये मुझे मारने पीटने की धमकी देता था और मेरे भाइयों से मुझे पीटने की धमकी देता था। पत्र में आगे लिखा है कि सनोज अम्बावत पुत्र चरनसिंह अम्बावत के पास मेरी हीरो की स्कूटी है और इसके मुझ पर 50 हजार रुपये बकाया हैं। हरेंद्र अम्बावत से मैनें 20 हजार रुपये लिये थे। कुछ पैसे दे चुका हूं और कुछ पैसा बकाया है, जो कि मेरे घर कार्ड में लिखा हुआ है।




Conclusion:
पत्र में लिखा है कि मेरे सभी दोस्तों ने मेरी दोस्ती का फायदा उठाया है। सचिन शर्मा ने मेरे नाम पर एक स्कूटी फायनेंस कराई है, जो कि मेरे नाम पर है। मुसीबत के समय मेरे किसी मित्र ने मेरा साथ नहीं दिया है। अगर कोई भी मेरा मित्र मेरा साथ देता तो शायद मैं जिंदा बच जाता। मगर सबने अपना उल्लू सीधा किया। हर बार मेरा इस्तेमाल किया है। मैं अपनी मां और पापा का कोई भी सपना इस जिंदगी में पूरा नहीं कर पाया, इसके लिए मैं अपनी मां से माफी मांगता हूं और भगवान से प्रार्थना करूंगा कि मुझे दोबारा मेरी मां का बेटा बनाकर भेजे। पत्र में आगे लिखा है कि मेरी चिता को आग मेरा छोटा भाई लगाए। बड़ा भाई मेरी चिता को आग और हाथ भी न लगाए। अगर समय से वो अपनी जिम्मेदारियों निभाता तो शायद आज ये दिन नहीं आता।

बाईट--पीयूष सिंह (सीओ 2 नोएडा)
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