लखनऊ: बचपन की दोस्त रितिका से जब सुमित को प्यार हुआ तो उसने शादी कर ली. दोनों के घर वाले इस शादी के खिलाफ थे जब उन्हें इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की. लड़की के बालिग न होने की शिकायत पर बीस साल के युवक को 81 दिनों तक जेल में सलाखों के पीछे रहना पड़ा. इतने दिनों में दोनों का प्यार कम होने बजाय और बढ़ गया. जेल से छूटने के बाद सुमित ने रितिका के बालिग होने का रातभर इंतजार किया और 17 जुलाई की सुबह ही उसके घर पहुंच गया.
विरोध और हंगामे के बीच वहां पहुंची माल थाने की पुलिस और आशा ज्योति केंद्र की टीम दोनों को लेकर थाने पहुंची. प्रेमी जोड़े की इच्छा के अनुसार, आखिरकार दोनों की शादी का निर्णय लिया गया. अब दोनों की कोर्ट में शादी करा दी गई है.
81 दिन जेल में रहने के बाद प्रेमी पहुंचा प्रेमिका के घर
81 दिन तक जेल में रहने के बाद भी सुमित का प्यार कमजोर नहीं पड़ा. 81 दिनों तक जेल में रहने के बाद जमानत के तीन दिन पहले उसे कोर्ट ने जमानत दे दी. अस्पताल से जारी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर 17 जुलाई को रितिका 18 साल की होने वाली थी. इसका वह इंतजार करता रहा. सुमित के मुताबिक,उसे शुक्रवार रात भर नींद ही नहीं आई. रितिका के बालिग होते ही सुबह-सुबह वह उसके घर पहुंच गया.
प्रेमिका के घर पहुंचते ही दोनों परिवारों में हुई तीखी बहस
प्रेमिका के घर पहुंच कर सुमित ने रितिका को अपने साथ ले जाने की जिद की. इस पर दोनों परिवारीजनों के बीच कहासुनी शुरू हो गई. हालात मारपीट तक पहुंच गए. इसी बीच किसी ने पुलिस को सूचना दे दी. जानकारी पाकर माल एसओ राम सिंह अपनी टीम के साथ पहुंचे. साथ ही आशा ज्योति केंद्र की प्रशासनिक अधिकारी अर्चना सिंह भी टीम के साथ पहुंच गईं. काफी देर तक वहां बातचीत होती रही.
आशा ज्योति केंद्र ने रजिस्टार के सामने कराई शादी
वन स्टॉप सेंटर (आशा ज्योति केंद्र) की प्रशासनिक अधिकारी अर्चना सिंह के मुताबिक, थाने में कागजी कार्रवाई के बाद दोनों को आशा ज्योति केंद्र लाया गया. जहां उनकी शादी को लेकर कागजी कार्रवाई पूरी की गई और दोनों को कोर्ट में ले जाकर रजिस्ट्रार के सामने दोनों की शादी कराकर पंजीकरण करवाया गया.
शादी के लिए नहीं माने परिजन तो घर से भाग निकले प्रेमी युगल
माल थाना क्षेत्र के भगवंतखेड़ा गांव निवासी सुमित यादव की पड़ोसी रितिका से बचपन से ही दोस्ती थी. सुमित यादव आठवीं पास है तो उसकी प्रेमिका रितिका नवीं कक्षा तक. दोनों के बीच प्यार कब हो गया, इसके बारे में किसी को पता नहीं चल सका. कई साल बाद जब इसकी जानकारी रितिका के परिवारीजनों को हुई तो वह रिश्ते के खिलाफ हो गए. परिवारीजनों का विरोध देखकर दोनों बीते उन्नीस अप्रैल को घर से भाग निकले.
घर से भाग कर मंदिर में की थी शादी
घर से भागकर सुमित और रितिका दोनों ने लखनऊ के अलीगंज स्थित आर्य समाज मंदिर पहुंचे. जहां आधारकार्ड में दर्ज जन्मतिथि के आधार पर सुमित ने रितिका को बालिग बताया. आधारकार्ड दिखाने के बाद आर्य समाज मंदिर के प्रमुख पुजारी ने दोनों की शादी करवा दी और इसका प्रमाण पत्र भी दे दिया.
शादी की जानकारी होने पर रितिका के परिवारीजनों की आपत्ति पर दर्ज हुआ था मुकदमा
माल थानाध्यक्ष राम सिंह ने बताया कि आर्य समाज मंदिर में शादी की जानकारी होने पर रितिका के परिवारीजनों ने आपत्ति की. इस संबंध में माल थाने में मुकदमा दर्ज कराया. जहां अस्पताल द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की. जन्म प्रमाण पत्र के मुताबिक रितिका उस वक्त नाबालिग थी. इसे आधार बनाकर पुलिस ने सुमित के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते करते हुए उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.