लखनऊ: योगी सरकार के इकलौते मुस्लिम चेहरे के रूप में भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दानिश आजाद अंसारी ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. वहीं, शपथ के बाद ईटीवी भारत ने खास बातचीत में उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता होगी कि योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से मुस्लिमों को जोड़ा जाए, ताकि समाज में व्याप्त अमान्य धारणाओं को खत्म कर समाज के नौजवानों को रोजगार और शिक्षा से जोड़ा जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है वो उसका पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करेंगे और मुस्लिम समाज की बेहतरी और विकास के लिए काम करना ही उनकी पहली प्राथमिकता होगी.
वहीं, मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में काम करने और मुसलमानों में भाजपा को लेकर भय के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुसलमानों में अब कोई भय नहीं है. सपा-बसपा और कांग्रेस ने पहले राजनीतिक एजेंडा सेट करने के लिए मुसलमानों के मन में भाजपा को लेकर भय पैदा किया था. भारतीय जनता पार्टी मुसलमानों के उत्थान के लिए दिल से काम करती है. प्रदेश की सरकार ने मुस्लिम समाज के उत्थान के लिए काम किया है. आज एक युवा मुसलमान को सरकार में मंत्री पद दिया गया है. मुसलमानों के हित के लिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार काम करेगी.
प्रदेश की नवगठित भारतीय जनता पार्टी की सरकार में एकमात्र मुस्लिम मंत्री के तौर पर शामिल किए गए दानिश अंसारी का मनना है कि उन्हें मंत्री बनाया जाना अप्रत्याशित नहीं था, बल्कि यह एक समर्पित कार्यकर्ता के प्रति पार्टी शीर्ष नेतृत्व के भरोसे का प्रतीक है. दानिश ने प्रदेश के राज्य मंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद कहा कि मेरे जैसे एक आम कार्यकर्ता को पार्टी नेतृत्व ने इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है. इसके लिए मैं उसका धन्यवाद देता हूं. मैं विश्वास दिलाता हूं कि पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करुंगा.
दरअसल, दानिश आजाद अंसारी बलिया से हैं. योगी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री बने दानिश लंबे समय से राजनीति में है, उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है. दानिश बलिया के नजदीक बसंतपुर के नजदीक के रहने वाले हैं और एबीवीपी में कार्यकर्ता रहे हैं. आजाद ने शुरुआती पढ़ाई बलिया से की है, जबकि ग्रेजुएशन लखनऊ से किया है. इस बार मोहसिन रजा को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई हैं. पिछले कार्यकाल में भी योगी सरकार में वह इकलौते मुस्लिम मंत्री बने थे.
वहीं, दानिश को मेहनत का फल 2017 में मिला और उन्हें उर्दू भाषा की समिति का सदस्य बनाया गया था. इसके बाद 2021 में उन्हें संगठन में अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई थी, हालांकि इस बार उनका कद बढ़ाकर मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है.
32 साल की उम्र में मंत्री बने दानिश योगी कैबिनेट के सबसे युवा चेहरा हैं. लखनऊ यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने मास्टर क्वालिटी मैनेजमेंट की और फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में किया.10 मार्च को यूपी की बड़ी जीत पर दानिश आजाद अंसारी ने लिखा था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ने यह साबित कर दिया है कि हमारे प्रदेश की जनता अब जात-पात-धर्म-मजहब से ऊपर उठकर विकासवाद और राष्ट्रवाद को सर्वोपरि समझती है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप