लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आजमगढ़ में दलित बालिकाओं के साथ छेड़खानी के मामले को गंभीरता से लिया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर महराजगंज थाना प्रभारी सस्पेंड कर दिए गए हैं. वहीं आरोपी परवेज, फैजान, नूर आलम, सदरे आलम समेत 12 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. आरोपियों ने ट्यूबवेल पर पानी लेने जा रही दलित बालिकाओं से छेड़खानी की थी. मुख्यमंत्री ने इन सभी आरोपियों पर रासुका लगाने के निर्देश दिए हैं.
छेड़खानी की घटनाओं के लिए पुलिस कप्तान जिम्मेदार
ऐसी घटनाओं से मुख्यमंत्री बेहद नाराज हैं. उनकी नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने तत्काल ऐसे लोगों के खिलाफ रासुका लगाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही प्रदेश के सभी पुलिस कप्तानों को एक फरमान जारी कर दिया है कि ऐसी हर घटना के लिए पुलिस कप्तान जवाबदेह होंगे. वहीं थाना प्रभारी और सीओ के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी पुलिस कप्तानों को निर्देश दिया है कि कहीं भी सांप्रदायिक या जातीय घटना हुई तो इंस्पेक्टर और सीओ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ऐसी घटना होने पर जिले के कप्तान इसके लिए जवाबदेह होंगे.
जौनपुर में दलितों के घर जलाने के मामले हुई थी कार्रवाई
इससे पहले जौनपुर में दलितों के घर जलाने के मामले को भी मुख्यमंत्री ने काफी गंभीरता से लिया था. जौनपुर में भी दलितों का घर फूंकने के मुख्य आरोपी नूर आलम, जावेद सिद्दीकी समेत सभी आरोपियों पर तत्काल रासुका लगाने का आदेश दिया था. जौनपुर की घटना में भी थाना प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश पर दिए गए थे और कार्रवाई भी हुई. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पीड़ित दलित परिवारों को तत्काल मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास समेत अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ देने के निर्देश दिए थे.