ETV Bharat / state

लखनऊ: सीएम योगी के सख्त तेवर, भ्रष्ट आईएएस अफसरों पर गिरेगी गाज

author img

By

Published : Jun 21, 2019, 8:31 PM IST

Updated : Jun 21, 2019, 10:12 PM IST

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट आईएएस अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करने का मन बना लिया है. ऐसे अफसरों को जबरन सेवानिवृत्त किया जाएगा. यही नहीं सीएम ने भ्रष्टाचार के मामलों का तेजी से निपटारा करने के निर्देश दिए हैं.

सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो).

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तेवर काफी सख्त हो गए हैं. योगी सरकार भ्रष्ट और जिम्मेदारी ठीक से निर्वहन नहीं करने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना तैयार कर रही है.

भ्रष्टाचार पर सीएम योगी हुए सख्त.

भ्रष्ट अफसरों पर गिर सकती है गाज

  • सीएम योगी ने सरकार बनते ही 2017 में भ्रष्ट आईएएस अधिकारियों की सूची मांगी थी.
  • भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आरोप सही पाए जाने पर सेवा से जबरन बाहर निकाला जाए.
  • भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है.
  • सीएम के आदेश पर नियुक्ति विभाग ने सूची तैयार की.
  • अधिकारियों के मकड़जाल ने तैयार सूची को सीएम के टेबल तक पहुंचने नहीं दिया.
  • भ्रष्ट अधिकारियों पर किसी भी दिन गाज गिर सकती है.

छिन सकते हैं आरोपी अधिकारियों के विभाग

  • मुख्यमंत्री एक बार फिर अधिकारियों पर खफा नजर आ रहे हैं.
  • भ्रष्ट अफसरों पर किसी भी दिन गाज गिर सकती है.
  • नियुक्ति विभाग में 15 आईएएस अधिकारियों की सूची तैयार की गई है.
  • ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके महत्वपूर्ण विभाग भी छीन लिए जाएंगे.

खाद्यान्न घोटाले में कार्रवाई शुरू हुई

  • पहले की सरकारों में प्रदेश में हुए खाद्यान्न घोटाले के आरोपी अधिकारियों की भी फाइल खुल गई है.
  • शासन स्तर पर करीब दो साल से लंबित मामले में छह पूर्ति निरीक्षकों के खिलाफ अभियोजन की सहमति दी गई है.
  • अभियोजन की सहमति मिलने के बाद कई बड़े अधिकारियों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं.
  • संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत बलिया व जौनपुर में खाद्यान्न वितरण में हुए करोड़ों के घपले का मामला सामने आया है.
  • इस मामले में आईएएस अधिकारी डॉ. हरिओम और तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी समेत कई आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी गई है.
  • विधानसभा की आश्वासन समिति ने भी इस प्रकरण में अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा की है.

क्या था मामला

  • बलिया में वर्ष 2005 में हुए घोटाले में 14 थानों में 6049 आरोपितों के खिलाफ 51 मुकदमे दर्ज कराए गए थे.
  • शासन ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी, जबकि आठ मुकदमों की जांच सीबीसीआईडी को स्थानांतरित कर दी गई थी.
  • ग्रामीण रोजगार योजना के तहत जौनपुर को वर्ष 2005 में आवंटित किए गए 31.51 करोड़ रुपये और 26 हजार 287 मीट्रिक टन खाद्यान्न में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई थी.
  • खाद्यान्न घोटाले का मामला प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आया था, जो अभी तक लंबित चल रहे हैं.
  • तत्कालीन सीडीओ अश्विनी श्रीवास्तव, राममूर्ति, दीनानाथ पटवा, रामचंद्र, अरविंद सिंह समेत अन्य के खिलाफ भी अभियोजन स्वीकृति के मामले शासन में लंबित हैं.
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के मामले में लंबित अभियोजन स्वीकृति व अन्य कार्रवाई के प्रकरणों का तेजी से निस्तारण कराए जाने का निर्देश दिया था.

क्या है सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना

  • सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना 25 सितंबर 2001 को प्रारंभ की गई.
  • पहले से जारी रोजगार आश्‍वासन योजना और जवाहर ग्राम समृद्धि योजना को मिलाकर इस योजना को बनाया गया है.
  • इस योजना का उद्देश्‍य ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ दिहाड़ी रोजगार के अवसर बढ़ाना था.
  • समाज के कमजोर वर्गों, महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों पर विशेष ध्‍यान देना इस कार्यक्रम का लक्ष्य है.
  • इस योजना के तहत रोजगार देने में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों को वरीयता दी जाती है.
  • योजना में खर्च की जाने वाली धनराशि केंद्र और राज्‍य सरकारों द्वारा 75 और 25 के अनुपात में वहन की जाती है.

बीजेपी की योगी सरकार में भ्रष्ट आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को चिह्नित करके जबरन सेवानिवृत्त किया जाएगा. योगी सरकार में भ्रष्टाचार नहीं चलेगा. कानून व्यवस्था अधिकारियों को ठीक रखना होगा. हमारी सरकार चाहती है कि केवल आंकड़ेबाजी न हो, बल्कि धरातल पर भी लोगों को यह महसूस हो कि यूपी में कानून का राज है.

-मनीष शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

सरकारें इस प्रकार के बयान देती ही रहती हैं. योगी सरकार भी 2017 से ही अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कर रही है, लेकिन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की लॉबिंग इतनी तगड़ी है कि उसे भेद पाना किसी भी सरकार के लिए चुनौतियों भरा होता है. यही वजह है कि योगी सरकार में भी अभी तक ऐसे भ्रष्ट आईएएस, आईपीएस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.

-मनोज भद्रा, राजनीतिक व सरकार के मामलों के जानकार

योगी के तेवर देख अधिकारियों के उड़े होश

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अधिकारियों को आउटपुट देने पर जोर दे रहे हैं.
  • मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि आंकड़े नहीं, बल्कि धरातल पर चीजें दिखनी चाहिए.
  • गुरुवार को गृह विभाग की बैठक में अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि फाइलें बंद करिए और जनता का विश्वास जीतिए.
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि आंकड़ों में ही नहीं, बल्कि आमजन में भी यह भावना हो कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ठीक है.
  • सीएम योगी ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि वह धरातल पर जाकर खुद काम करें.
  • सीएम ने कहा कि जिस भी कप्तान के जिले में थाने बिकेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तेवर काफी सख्त हो गए हैं. योगी सरकार भ्रष्ट और जिम्मेदारी ठीक से निर्वहन नहीं करने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना तैयार कर रही है.

भ्रष्टाचार पर सीएम योगी हुए सख्त.

भ्रष्ट अफसरों पर गिर सकती है गाज

  • सीएम योगी ने सरकार बनते ही 2017 में भ्रष्ट आईएएस अधिकारियों की सूची मांगी थी.
  • भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आरोप सही पाए जाने पर सेवा से जबरन बाहर निकाला जाए.
  • भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है.
  • सीएम के आदेश पर नियुक्ति विभाग ने सूची तैयार की.
  • अधिकारियों के मकड़जाल ने तैयार सूची को सीएम के टेबल तक पहुंचने नहीं दिया.
  • भ्रष्ट अधिकारियों पर किसी भी दिन गाज गिर सकती है.

छिन सकते हैं आरोपी अधिकारियों के विभाग

  • मुख्यमंत्री एक बार फिर अधिकारियों पर खफा नजर आ रहे हैं.
  • भ्रष्ट अफसरों पर किसी भी दिन गाज गिर सकती है.
  • नियुक्ति विभाग में 15 आईएएस अधिकारियों की सूची तैयार की गई है.
  • ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके महत्वपूर्ण विभाग भी छीन लिए जाएंगे.

खाद्यान्न घोटाले में कार्रवाई शुरू हुई

  • पहले की सरकारों में प्रदेश में हुए खाद्यान्न घोटाले के आरोपी अधिकारियों की भी फाइल खुल गई है.
  • शासन स्तर पर करीब दो साल से लंबित मामले में छह पूर्ति निरीक्षकों के खिलाफ अभियोजन की सहमति दी गई है.
  • अभियोजन की सहमति मिलने के बाद कई बड़े अधिकारियों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं.
  • संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत बलिया व जौनपुर में खाद्यान्न वितरण में हुए करोड़ों के घपले का मामला सामने आया है.
  • इस मामले में आईएएस अधिकारी डॉ. हरिओम और तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी समेत कई आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी गई है.
  • विधानसभा की आश्वासन समिति ने भी इस प्रकरण में अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा की है.

क्या था मामला

  • बलिया में वर्ष 2005 में हुए घोटाले में 14 थानों में 6049 आरोपितों के खिलाफ 51 मुकदमे दर्ज कराए गए थे.
  • शासन ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी, जबकि आठ मुकदमों की जांच सीबीसीआईडी को स्थानांतरित कर दी गई थी.
  • ग्रामीण रोजगार योजना के तहत जौनपुर को वर्ष 2005 में आवंटित किए गए 31.51 करोड़ रुपये और 26 हजार 287 मीट्रिक टन खाद्यान्न में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई थी.
  • खाद्यान्न घोटाले का मामला प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आया था, जो अभी तक लंबित चल रहे हैं.
  • तत्कालीन सीडीओ अश्विनी श्रीवास्तव, राममूर्ति, दीनानाथ पटवा, रामचंद्र, अरविंद सिंह समेत अन्य के खिलाफ भी अभियोजन स्वीकृति के मामले शासन में लंबित हैं.
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के मामले में लंबित अभियोजन स्वीकृति व अन्य कार्रवाई के प्रकरणों का तेजी से निस्तारण कराए जाने का निर्देश दिया था.

क्या है सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना

  • सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना 25 सितंबर 2001 को प्रारंभ की गई.
  • पहले से जारी रोजगार आश्‍वासन योजना और जवाहर ग्राम समृद्धि योजना को मिलाकर इस योजना को बनाया गया है.
  • इस योजना का उद्देश्‍य ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ दिहाड़ी रोजगार के अवसर बढ़ाना था.
  • समाज के कमजोर वर्गों, महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों पर विशेष ध्‍यान देना इस कार्यक्रम का लक्ष्य है.
  • इस योजना के तहत रोजगार देने में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों को वरीयता दी जाती है.
  • योजना में खर्च की जाने वाली धनराशि केंद्र और राज्‍य सरकारों द्वारा 75 और 25 के अनुपात में वहन की जाती है.

बीजेपी की योगी सरकार में भ्रष्ट आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को चिह्नित करके जबरन सेवानिवृत्त किया जाएगा. योगी सरकार में भ्रष्टाचार नहीं चलेगा. कानून व्यवस्था अधिकारियों को ठीक रखना होगा. हमारी सरकार चाहती है कि केवल आंकड़ेबाजी न हो, बल्कि धरातल पर भी लोगों को यह महसूस हो कि यूपी में कानून का राज है.

-मनीष शुक्ला, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा

सरकारें इस प्रकार के बयान देती ही रहती हैं. योगी सरकार भी 2017 से ही अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कर रही है, लेकिन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की लॉबिंग इतनी तगड़ी है कि उसे भेद पाना किसी भी सरकार के लिए चुनौतियों भरा होता है. यही वजह है कि योगी सरकार में भी अभी तक ऐसे भ्रष्ट आईएएस, आईपीएस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.

-मनोज भद्रा, राजनीतिक व सरकार के मामलों के जानकार

योगी के तेवर देख अधिकारियों के उड़े होश

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अधिकारियों को आउटपुट देने पर जोर दे रहे हैं.
  • मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि आंकड़े नहीं, बल्कि धरातल पर चीजें दिखनी चाहिए.
  • गुरुवार को गृह विभाग की बैठक में अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि फाइलें बंद करिए और जनता का विश्वास जीतिए.
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि आंकड़ों में ही नहीं, बल्कि आमजन में भी यह भावना हो कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ठीक है.
  • सीएम योगी ने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए कि वह धरातल पर जाकर खुद काम करें.
  • सीएम ने कहा कि जिस भी कप्तान के जिले में थाने बिकेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
Intro:लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्ट और नाकारा अधिकारियों के खिलाफ तेवर बहुत सख्त हो गए हैं। योगी सरकार भ्रष्ट और जिम्मेदारी ठीक से निर्वहन नहीं करने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की योजना तैयार कर रही है। सीएम योगी ने सरकार बनते ही 2017 में भ्रष्ट आईएएस अधिकारियों की सूची मांगी थी। उन्होंने कहा था कि इनकी फाइलें खंगाली जाएं और अगर उनपर भ्रस्टाचार का आरोप सही है तो सख्त कार्रवाई की जाए या फिर उन्हें सेवा से जबरन बाहर कर दिया जाए। इसके बाद नियुक्ति विभाग ने सूची तो तैयार की गई लेकिन अधिकारियों के मकड़जाल ने इसे सीएम की टेबल तक ठीक से पहुंचने नहीं दिया। मुख्यमंत्री एक बार फिर अधिकारियों पर खफा नजर आ रहे हैं। भ्रष्ट अफसरों पर किसी भी दिन गाज गिर सकती है।


Body:नियुक्ति विभाग में 15 आईएएस अधिकारियों की सूची तैयार की गई है। इन अधिकारियों पर भ्रस्टाचार से लेकर अन्य मामले शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि सरकार ऐसे अधिकारियों का नाम सामने ही नहीं लाएगी बल्कि उनके खिलाफ कार्रवाई भी करेगी। आरोपी अधिकारियों से महत्वपूर्ण विभाग भी छीन लिए जाएंगे। इसी कड़ी में पहले की सरकारों में प्रदेश में हुए खाद्यान्न घोटाले के आरोपी अधिकारियों की भी फाइल खुल गयी है। शासन स्तर पर करीब दो साल से लंबित मामले में छह पूर्ति निरीक्षकों के खिलाफ अभियोजन की सहमति दी गई है जिसके बाद कई बड़ों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।

खाद्यान्न घोटाले में कार्रवाई शुरू हुई

संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत बलिया व जौनपुर में खाद्यान्न वितरण में हुए करोड़ों के घपले में आईएएस अधिकारी डॉ हरिओम सहित तत्कालीन कई मुख्य विकास अधिकारी आरोपितों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी गई है। शासन स्तर पर करीब दो साल से लंबित मामले में छह पूर्ति निरीक्षकों के खिलाफ अभियोजन की सहमति दी गई है। विधानसभा की आश्वासन समिति ने भी इस प्रकरण में अब तक हुई कार्यवाही की समीक्षा की है।

क्या था मामला

बलिया में वर्ष 2005 में हुए घोटाले में 14 थानों में 6049 आरोपितों के खिलाफ 51 मुकदमे दर्ज कराए गए थे। शासन ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी जबकि आठ मुकदमों की जांच सीबीसीआईडी को स्थानांतरित कर दी गई थी। ऐसे ही ग्रामीण रोजगार योजना के तहत जौनपुर को वर्ष 2005 में आवंटित किए गए 31.51 करोड़ रुपये व 26287 मीट्रिक टन खाद्यान्न में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई थी। खाद्यान्न घोटाले का मामला प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आया था जो अभी तक मामले लंबित चल रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक तत्कालीन सीडीओ अश्विनी श्रीवास्तव, राममूर्ति, दीनानाथ पटवा, रामचंद्र, अरविंद सिंह समेत अन्य के खिलाफ भी अभियोजन स्वीकृति के मामले शासन में लंबित हैं। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के मामले में लंबित अभियोजन स्वीकृति व अन्य कार्यवाही के प्रकरणों को का तेजी से निस्तारण कराए जाने का निर्देश दिया था।

क्या है सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना

सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना 25 सितंबर, 2001 को प्रारंभ की गई। इसे पहले जारी रोजगार आश्‍वासन योजना और जवाहर ग्राम समृद्धि योजना को मिलाकर बनाया गया था। इसका उद्देश्‍य ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ दिहाड़ी रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए है। समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और जोखिमपूर्ण व्‍यवसायों से हटाए गए बच्‍चों के अभिभावकों पर विशेष ध्‍यान देना, इस कार्क्रम का लक्ष्य है। हालांकि इस योजना के तहत रोजगार देने में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों को वरीयता दी जाती है। योजना में खर्च की जाने वाली धनराशि केंद्र और राज्‍य सरकारों द्वारा 75:25 के अनुपात में वहन की जाती है।

बाईट 1- भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि बीजेपी की योगी सरकार में भ्रष्ट आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को चिन्हित करके जबरन सेवानिवृत्त किया जाएगा। योगी सरकार में भ्रष्टाचार नहीं चलेगा। कानून व्यवस्था अधिकारियों को ठीक रखना होगा। हमारी सरकार चाहती है कि केवल आंकड़ेबाजी ना हो। बल्कि धरातल पर भी लोगों को यह महसूस हो कि यूपी में कानून का राज है।

बाईट 2- राजनीतिक व सरकार के मामलों के जानकार मनोज भद्रा कहते हैं कि सरकारें इस प्रकार से कहा ही करती हैं। योगी सरकार भी 2017 से ही अधिकारियों पर कार्यवाही करने की बात कर रही है। लेकिन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की लॉबिंग इतनी तगड़ी है कि उसे भेद पाना किसी भी सरकार के लिए चुनौतियों भरा होता है। यही वजह है कि योगी सरकार में भी अभी तक ऐसे भ्रष्ट आईएएस, आईपीएस अधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है।


Conclusion:योगी के तेवर देख अधिकारियों के होश उड़े

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अधिकारियों को आउटपुट देने के देने पर जोर दे रहे हैं। उनका साफ कहना है कि आंकड़े नहीं बल्कि धरातल पर चीजें दिखनी चाहिए। आपको बता दें गुरुवार को गृह विभाग की बैठक में अधिकारियों ने जब अपराध का आंकड़ा पेश करके कानून व्यवस्था में सुधार दिखाने की कोशिश की तो मुख्यमंत्री ने कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि फाइलें बंद करिए। कोई भी आंकड़ा मत दिखाइए मुझे। जनता का विश्वास जीतिए। कानून व्यवस्था आंकड़ों में ही नहीं बल्कि आमजन में भी यह भावना हो कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ठीक है। सीएम योगी ने सीधे अधिकारियों की फटकार लगाई और उन्हें कड़े निर्देश दिए कि वह धरातल पर जाकर खुद काम करें। उन्होंने कहा कि जिस भी कप्तान के कजिले में थाने बिकेंगे, वह नहीं बचेंगे। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे साफ जाहिर होता है कि मुख्यमंत्री के तेवर नरम पड़ने वाले नहीं हैं और वह अधिकारियों से हर हाल में काम लेंगे।
Last Updated : Jun 21, 2019, 10:12 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.