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बेटियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाएगी योगी सरकार, ये है तैयारी - महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद

उत्तर प्रदेश की बेटियों की शिक्षा और उनके कौशल को निखारने के लिए निरंतर प्रयास कर रही योगी सरकार ने अब एक और पहल की है. अब बेटियों को स्कूल में ही व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इसके लिए कौशल विकास मिशन (skill development mission) को जिम्मेदारी दी गई है. फिलहाल इसकी शुरुआत प्रदेश के उच्चीकृत कस्तूरबा बालिका विद्यालयों से होगी.

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Published : Dec 3, 2022, 5:10 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की बेटियों की शिक्षा और उनके कौशल को निखारने के लिए निरंतर प्रयास कर रही योगी सरकार ने अब एक और पहल की है. अब बेटियों को स्कूल में ही व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इसके लिए कौशल विकास मिशन (skill development mission) को जिम्मेदारी दी गई है. फिलहाल इसकी शुरुआत प्रदेश के उच्चीकृत कस्तूरबा बालिका विद्यालयों से होगी. महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से जारी किए गए आदेश में कस्तूरबा बालिका विद्यालयों की शत प्रतिशत छात्राओं को इस कार्यक्रम से जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं.



आदेश में कहा गया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य, कौशल विकास मिशन के डीपीएमयू व जिला समन्वयक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा आपसी समन्वय से समुदाय स्तर पर व्यावसायिक प्रशिक्षण की उपयोगिता के बारे में जन-जागरूकता के लिए अभिभावक बैठकों का आयोजन किया जाए. इसमें कौशल विकास योजना का परिचय एवं इसका लाभ बताते हुए अधिक से अधिक बालिकाओं को प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर नामांकित किया जाए. प्रशिक्षण के लिए कक्ष एवं फर्नीचर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए. यदि प्रशिक्षण कक्ष उपलब्ध न हो, तो हाॅस्टल का ही एक कमरा प्रशिक्षण कक्ष के रूप में विकसित किया जाए. किसी एक फुल टाइम टीचर को नोडल के रूप में नामित करते हुए कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिएउत्तरदायी बनाया जाए.

ये भी निर्देश दिया गया है कि ट्रेनिंग पार्टनर संस्थाओं से समन्वय स्थापित करते हुए उनको पूरा सहयोग प्रदान करें तथा उनके कार्य में अनावश्यक हस्तक्षेप न करें. ट्रेनिंग पार्टनर संस्थाओं से यह अपेक्षा है कि प्रशिक्षण शुरू करने से पहले प्रशिक्षण संबंधी सामग्री उपलब्ध कराएंगे. बालिकाओं की प्री काउंसलिंग करते हुए उनकी रूचि के अनुसार ही उन्हें ट्रेड आवंटित किए जाएं. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं की उपस्थिति प्रेरणा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज की जाए, साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि लक्ष्य के सापेक्ष विद्यालय में शत-प्रतिशत नामांकन हो तथा प्रशिक्षण के दौरान शत प्रतिशत छात्राएं उपस्थित रहें. आदेश के साथ चेतावनी भी दी गई है कि यदि भौतिक सत्यापन या औचक निरीक्षण के दौरान अन्यथा की स्थिति पाई जाती है तो जिला समन्वयक बालिका शिक्षा एवं वार्डन पर कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.


कौशल विकास मिशन के असिस्टेंट डायरेक्टर राजीव यादव के अनुसार, कुल 54 कस्तूरबा बालिका विद्यालय नोटिफाई कराए गए हैं. इनमें जल्द प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा. इसके पंजीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसमें हमसे संबद्ध ट्रेनिंग पार्टनर्स को जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा भी कौशल विकास मिशन लड़कियों को व्यावसायिक शिक्षा देने के लिए कई तरह के प्रोग्राम पूरे प्रदेश में चला रहा है. महिला सुरक्षा के दृष्टिगत एक सेफ्टी किट डिस्ट्रब्यूशन प्रोग्राम भी चल रहा है. इसके तहत विशेषज्ञों द्वारा लड़कियों को 10 दिन की ट्रेनिंग के बाद स्पेशल किट प्रदान की जाएगी. यही नहीं, पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ महिला संवासिनी गृह में भी महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाने की शुरुआत की गई है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की बेटियों की शिक्षा और उनके कौशल को निखारने के लिए निरंतर प्रयास कर रही योगी सरकार ने अब एक और पहल की है. अब बेटियों को स्कूल में ही व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. इसके लिए कौशल विकास मिशन (skill development mission) को जिम्मेदारी दी गई है. फिलहाल इसकी शुरुआत प्रदेश के उच्चीकृत कस्तूरबा बालिका विद्यालयों से होगी. महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से जारी किए गए आदेश में कस्तूरबा बालिका विद्यालयों की शत प्रतिशत छात्राओं को इस कार्यक्रम से जोड़ने के निर्देश दिए गए हैं.



आदेश में कहा गया है कि जिला विद्यालय निरीक्षक, प्रधानाचार्य, कौशल विकास मिशन के डीपीएमयू व जिला समन्वयक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा आपसी समन्वय से समुदाय स्तर पर व्यावसायिक प्रशिक्षण की उपयोगिता के बारे में जन-जागरूकता के लिए अभिभावक बैठकों का आयोजन किया जाए. इसमें कौशल विकास योजना का परिचय एवं इसका लाभ बताते हुए अधिक से अधिक बालिकाओं को प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर नामांकित किया जाए. प्रशिक्षण के लिए कक्ष एवं फर्नीचर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाए. यदि प्रशिक्षण कक्ष उपलब्ध न हो, तो हाॅस्टल का ही एक कमरा प्रशिक्षण कक्ष के रूप में विकसित किया जाए. किसी एक फुल टाइम टीचर को नोडल के रूप में नामित करते हुए कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिएउत्तरदायी बनाया जाए.

ये भी निर्देश दिया गया है कि ट्रेनिंग पार्टनर संस्थाओं से समन्वय स्थापित करते हुए उनको पूरा सहयोग प्रदान करें तथा उनके कार्य में अनावश्यक हस्तक्षेप न करें. ट्रेनिंग पार्टनर संस्थाओं से यह अपेक्षा है कि प्रशिक्षण शुरू करने से पहले प्रशिक्षण संबंधी सामग्री उपलब्ध कराएंगे. बालिकाओं की प्री काउंसलिंग करते हुए उनकी रूचि के अनुसार ही उन्हें ट्रेड आवंटित किए जाएं. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं की उपस्थिति प्रेरणा पोर्टल पर अनिवार्य रूप से दर्ज की जाए, साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि लक्ष्य के सापेक्ष विद्यालय में शत-प्रतिशत नामांकन हो तथा प्रशिक्षण के दौरान शत प्रतिशत छात्राएं उपस्थित रहें. आदेश के साथ चेतावनी भी दी गई है कि यदि भौतिक सत्यापन या औचक निरीक्षण के दौरान अन्यथा की स्थिति पाई जाती है तो जिला समन्वयक बालिका शिक्षा एवं वार्डन पर कठोर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.


कौशल विकास मिशन के असिस्टेंट डायरेक्टर राजीव यादव के अनुसार, कुल 54 कस्तूरबा बालिका विद्यालय नोटिफाई कराए गए हैं. इनमें जल्द प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा. इसके पंजीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इसमें हमसे संबद्ध ट्रेनिंग पार्टनर्स को जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा भी कौशल विकास मिशन लड़कियों को व्यावसायिक शिक्षा देने के लिए कई तरह के प्रोग्राम पूरे प्रदेश में चला रहा है. महिला सुरक्षा के दृष्टिगत एक सेफ्टी किट डिस्ट्रब्यूशन प्रोग्राम भी चल रहा है. इसके तहत विशेषज्ञों द्वारा लड़कियों को 10 दिन की ट्रेनिंग के बाद स्पेशल किट प्रदान की जाएगी. यही नहीं, पायलट प्रोजेक्ट के तहत कुछ महिला संवासिनी गृह में भी महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाने की शुरुआत की गई है.

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