लखनऊ: योगी सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की 'एक जनपद एक उत्पाद' (ओडीओपी) योजना के तहत प्रदेश में पहुंचे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए रणनीति तैयार की है. इस योजना से प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद ओडीओपी योजना की हर दिन समीक्षा कर रहे हैं. सरकार छोटे उद्योगों के जरिये बड़ा लक्ष्य अर्जित करना चाह रही है.
हुनर के हिसाब से दिया जाएगा रोजगार
सरकार श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है. बैंकर्स के साथ सरकार सामंजस्य बैठाकर काम कर रही है. सरकार ने बैंकों से छोटे रोजगार के लिए ऋण देने को कहा है. साथ ही सरकार उन श्रमिकों की सूची तैयार करा रही है, जिनके हाथों में हुनर है. हुनर के हिसाब से रोजगार दिया जाएगा.
ओडीओपी से 5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
सरकारी योजनाओं की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए सरकार ऑनलाइन सुविधा देने जा रही है. अकेले ओडीओपी योजना से सरकार करीब पांच लाख लोगों को रोजगार देने की योजना बना रही है.
प्रमुख सचिव ने दी जानकारी
एमएसएमई के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि पहले तो हम लोग कोशिश कर रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान जो उद्योग बंद हुए थे, उन्हें चालू कराया जाए. उद्योग शुरू होने से लोगों को रोजगार मिलेगा. उद्योग की क्षमता बढ़ाई जाएगी तो ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा हमारी स्वरोजगार की योजनाएं हैं.
ऑनलाइन कर सकेंगे आवेदन
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सारी योजनाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं. हम जल्द ही विज्ञापन निकालकर ऑनलाइन आवेदन मांगेंगे. आवेदन के लिए लोगों को किसी दफ्तर में नहीं जाना होगा. वे कहीं से भी ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे. एक जनपद एक उत्पाद योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना समेत अन्य योजनाओं के तहत हम इन्हें प्रशिक्षण दिलाते हैं. टूल किट उपलब्ध कराते हैं.
लॉकडाउन: आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा सिविल डिफेंस
प्रमुख सचिव ने बताया कि रोजगार को बढ़ाने के लिए हम सहयोग प्रदान करते हैं. मुख्यमंत्री युवा रोजगार योजना में सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है. ताकि छोटे उद्योग को बढ़ावा दिया जा सके. इन योजनाओं का प्रचार प्रसार करके लोगों को रोजगार दिलाया जाएगा.