लखनऊः योगी सरकार आज विधानसभा में चौथा बजट पेश करने जा रही है. यह बजट वित्त मंत्री सुरेश खन्ना पेश करेंगे. अगर हम पिछले बजटों की बात करें, तो योगी सरकार ने अपने पहले बजट 2017 में किसानों पर फोकस करते हुए कर्जमाफी का एलान किया था. वहीं बीते साल योगी सरकार ने कुल 4.79 लाख करोड़ का बजट पेश किया था. साल 2018 के मुकाबले 2019 का बजट 12 प्रतिशत अधिक था. वहीं चौथे बजट की बात करें तो यह 5 लाख करोड़ से अधिक का हो सकता है.
योगी सरकार के पहले बजट में 36 हजार करोड़ किसानों की कर्ज माफी के लिए
योगी सराकार ने अपने पहले बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखने की कोशिश की थी. किसानों की कर्ज माफी सहित अन्य चुनावी वादों को पूरा करने के लिए बजट में प्रावधान रखा गया था. नई योजनाओं के लिए सरकार ने 55,781 करोड़ की व्यवस्था की थी. 2017 में वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने सदन में 3.84 लाख करोड़ का बजट प्रस्तुत किया था, जो उस समय का यूपी के लिए सबसे बड़ा बजट था. इस बजट में योगी सरकार ने फिजूलखर्ची रोककर टेक्नॉलजी के इस्तेमाल आदि से किसानों की कर्जमाफी के लिए 36 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी.
4 लाख 28 हजार करोड़ से अधिक का था दूसरा बजट
उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये का बजट पेश किया था. यह बजट भी पिछले वित्तीय वर्ष के बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत ज्यादा था. इस बजट में कृषि, शिक्षा, रोजगार, ऊर्जा, गौ-रक्षा समेत कई मुद्दों पर जोर देने की कोशिश की गई थी. खासकर इस बजट में हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया था. वहीं अन्य सभी मुद्दों को ध्यान में रखकर बजट पेश किया गया था.
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योगी सरकार के तीसरे बजट में 2 हजार 213 करोड़ नई परियोजनाओं के लिए
योगी सरकार ने अपना तीसरा बजट 2019 को विधानमंडल में पेश किया था. साल 2019-20 के बजट में प्रदेश सरकार ने 4 लाख 79 हजार 701 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. इसमें 2 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये नई परियोजनाओं के लिए प्रास्तावित था. वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण हेतु एक करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई थी. वहीं गो संरक्षण के लिए इस बजट में मोटी रकम गोशाला निर्माण के लिए भी दी गई थी. यह बजट भी सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए पेश किया गया था.