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मुख्तार अंसारी के परिवार की ओर से कब्जाई गई जमीन पर गरीबों के घरौंदे बनाएगी योगी सरकार, पढ़िए डिटेल - लखनऊ विकास प्राधिकरण

लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) डालीगंज की जमीन पर ईडब्ल्यूएस मकान बनाएगा. इसे गरीबों को फ्री में दिया जाएगा. इससे पहले भी सूबे की सरकार अतीक की कब्जाई गई जमीन पर गरीबों के लिए आशियाना बनवा चुकी है.

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Published : Aug 5, 2023, 10:36 PM IST

लखनऊ : योगी सरकार अब लखनऊ में मुख्तार अंसारी परिवार की और अवैध तरीके से कब्जाई गई जमीन पर गरीबों के घरौंदे बनाएगी. डालीबाग की जमीन पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ईडब्ल्यूएस मकान बनाएगा. यह मकान गरीबों को मुफ्त में दिए जाएंगे. शनिवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण के बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई. इसके बाद इस जमीन पर गरीबों के आशियाने बनाने का रास्ता साफ हो गया है. इससे पहले योगी सरकार माफिया अतीक अहमद के परिवार से अवैध तरीके से कब्जाई गई जमीन छुड़ाकर प्रयागराज में गरीबों के लिए आशियाना बना चुकी है.

डालीबाग में बनेंगे ईडब्ल्यूएस आवास : लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि राजा राम मोहन राय वार्ड के डालीबाग मोहल्ले के खसरा संख्या-93 पर प्राधिकरण की तरफ से गरीबों के लिए ईडब्ल्यूएस आवास बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. ये भूमि राजस्व अभिलेखों में नाॅन-जेडए भूमि के रूप में निष्क्रांत सम्पत्ति दर्ज है. यहां केन्द्र/राज्य सरकार की नीति के तहत आवास बनाने के लिए प्राधिकरण ने इस भूमि को निशुल्क उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को पास कर दिया है. उपाध्यक्ष ने बताया कि अभी तक 300 वर्गमीटर व इससे अधिक क्षेत्रफल के भूखण्ड पर रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने का प्रावधान था, जबकि सोलर एनर्जी संयत्र से संबंधित कोई प्राविधान ही नहीं था. इसमें संशोधन करते हुए 200 वर्गमीटर व इससे अधिक क्षेत्रफल के भूखण्डों पर भवन निर्माण के लिए सोलर एनर्जी संयत्र, रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग व पौधरोपण के कार्य को अनिवार्य किया गया है.

भवन स्वामी को अपनी जरूरत के अनुसार भवन के रूफ टाॅप पर सोलर एनर्जी संयंत्र लगाना होगा, साथ ही रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग व पौधरोपण कराना होगा. इसके अलावा ग्रीन काॅरिडोर व आउटर रिंग रोड के दोनों तरफ ढाई किलोमीटर की परिधि में भवन का निर्माण कराने पर प्राधिकरण को अतिरिक्त विकास शुल्क देना होगा. उपाध्यक्ष ने बताया कि बोर्ड की तरफ से पास किए गए इस प्रस्ताव के अंतर्गत निर्धारित क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कराने वाले लोगों को 550 रूपये प्रति वर्गमीटर अतिरिक्त विकास शुल्क चुकाना होगा. इसके अलावा आवासीय और व्यवसायिक संपत्तियों के मूल आवंटी/क्रेता की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारियों की सहमति के आधार पर नामांतरण किए जाने के प्रस्ताव को भी बोर्ड ने पास किया है. जानकीपुरम के सेक्टर-जे पार्क में स्थित शमशान स्थल को आबादी से दूर शिफ्ट किए जाने का प्रस्ताव भी पास किया गया है. अब श्मशान स्थल को सेक्टर-जे (विस्तार) के सबस्टेशन के पास खुले क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा. इससे जानकीपुरम क्षेत्र की बड़ी आबादी को राहत मिलेगी.

बायोमेट्रिक से रोका जाएगा रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा : प्राधिकरण की सम्पत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री के कई प्रकरण सामने आ चुके हैं. इसे ध्यान में रखते हुए अब आवंटियों के आधार कार्ड के सत्यापन के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू की जा रही है. इसके लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से अनुमति ली जाएगी. उपाध्यक्ष ने बताया कि कानपुर रोड योजना के डी-1 में स्थित डाॅ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के पास स्थित ग्रीन बेल्ट पार्किंग को तीन हिस्सों में विभाजित करके वैवाहिक कार्यक्रम के लिए दिया जा सकेगा, प्राधिकरण की तरफ से निर्मित जिन अपार्टमेंट्स का अनुरक्षण प्राधिकरण कर रहा है, उनमें आवंटियों से अनुरक्षण शुल्क लिया जाएगा. 15 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर निर्धारित की गई है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ बालामऊ पैसेंजर ट्रेन के संचालन को रेलवे प्रशासन की हरी झंडी, हजारों मुसाफिरों को मिलेगी राहत

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लखनऊ : योगी सरकार अब लखनऊ में मुख्तार अंसारी परिवार की और अवैध तरीके से कब्जाई गई जमीन पर गरीबों के घरौंदे बनाएगी. डालीबाग की जमीन पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ईडब्ल्यूएस मकान बनाएगा. यह मकान गरीबों को मुफ्त में दिए जाएंगे. शनिवार को लखनऊ विकास प्राधिकरण के बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई. इसके बाद इस जमीन पर गरीबों के आशियाने बनाने का रास्ता साफ हो गया है. इससे पहले योगी सरकार माफिया अतीक अहमद के परिवार से अवैध तरीके से कब्जाई गई जमीन छुड़ाकर प्रयागराज में गरीबों के लिए आशियाना बना चुकी है.

डालीबाग में बनेंगे ईडब्ल्यूएस आवास : लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि राजा राम मोहन राय वार्ड के डालीबाग मोहल्ले के खसरा संख्या-93 पर प्राधिकरण की तरफ से गरीबों के लिए ईडब्ल्यूएस आवास बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. ये भूमि राजस्व अभिलेखों में नाॅन-जेडए भूमि के रूप में निष्क्रांत सम्पत्ति दर्ज है. यहां केन्द्र/राज्य सरकार की नीति के तहत आवास बनाने के लिए प्राधिकरण ने इस भूमि को निशुल्क उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को पास कर दिया है. उपाध्यक्ष ने बताया कि अभी तक 300 वर्गमीटर व इससे अधिक क्षेत्रफल के भूखण्ड पर रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने का प्रावधान था, जबकि सोलर एनर्जी संयत्र से संबंधित कोई प्राविधान ही नहीं था. इसमें संशोधन करते हुए 200 वर्गमीटर व इससे अधिक क्षेत्रफल के भूखण्डों पर भवन निर्माण के लिए सोलर एनर्जी संयत्र, रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग व पौधरोपण के कार्य को अनिवार्य किया गया है.

भवन स्वामी को अपनी जरूरत के अनुसार भवन के रूफ टाॅप पर सोलर एनर्जी संयंत्र लगाना होगा, साथ ही रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग व पौधरोपण कराना होगा. इसके अलावा ग्रीन काॅरिडोर व आउटर रिंग रोड के दोनों तरफ ढाई किलोमीटर की परिधि में भवन का निर्माण कराने पर प्राधिकरण को अतिरिक्त विकास शुल्क देना होगा. उपाध्यक्ष ने बताया कि बोर्ड की तरफ से पास किए गए इस प्रस्ताव के अंतर्गत निर्धारित क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कराने वाले लोगों को 550 रूपये प्रति वर्गमीटर अतिरिक्त विकास शुल्क चुकाना होगा. इसके अलावा आवासीय और व्यवसायिक संपत्तियों के मूल आवंटी/क्रेता की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारियों की सहमति के आधार पर नामांतरण किए जाने के प्रस्ताव को भी बोर्ड ने पास किया है. जानकीपुरम के सेक्टर-जे पार्क में स्थित शमशान स्थल को आबादी से दूर शिफ्ट किए जाने का प्रस्ताव भी पास किया गया है. अब श्मशान स्थल को सेक्टर-जे (विस्तार) के सबस्टेशन के पास खुले क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा. इससे जानकीपुरम क्षेत्र की बड़ी आबादी को राहत मिलेगी.

बायोमेट्रिक से रोका जाएगा रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा : प्राधिकरण की सम्पत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री के कई प्रकरण सामने आ चुके हैं. इसे ध्यान में रखते हुए अब आवंटियों के आधार कार्ड के सत्यापन के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू की जा रही है. इसके लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से अनुमति ली जाएगी. उपाध्यक्ष ने बताया कि कानपुर रोड योजना के डी-1 में स्थित डाॅ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के पास स्थित ग्रीन बेल्ट पार्किंग को तीन हिस्सों में विभाजित करके वैवाहिक कार्यक्रम के लिए दिया जा सकेगा, प्राधिकरण की तरफ से निर्मित जिन अपार्टमेंट्स का अनुरक्षण प्राधिकरण कर रहा है, उनमें आवंटियों से अनुरक्षण शुल्क लिया जाएगा. 15 रुपये प्रति वर्गमीटर की दर निर्धारित की गई है.

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