लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला किया है. पंचायत चुनाव की ड्यूटी करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों की ड्यूटी से 30 दिनों के दौरान हुई मृत्यु पर उनके आश्रितों को 30-30 लाख रुपये दिए जाएंगे. योगी सरकार ने सोमवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से यह फैसला किया है. सरकार ने चुनाव आयोग की गाइडलाइन में संशोधन कर यह नयी व्यवस्था दी है. पहले चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों की ड्यूटी वाले दिन से तीन दिन के अंदर ही मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता देने का प्रावधान था.
चुनाव ड्यूटी के दौरान शिक्षकों की मृत्यु से मचे बवाल के बाद सीएम ने की थी घोषणा
चुनाव ड्यूटी के दौरान बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की मृत्यु पर काफी बवाल मचा था. बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक संघ ने 1600 से ज्यादा शिक्षकों की सूची जारी की थी. संघ ने कहा कि चुनाव में ड्यूटी करने गए शिक्षकों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गयी थी. वहीं बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने चुनाव आयोग के नियमों का हवाला देकर कहा कि केवल तीन शिक्षक ही इस दायरे में आते हैं, जिनकी चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु मानकर उन्हें अनुमन्य मदद दी जाए. इस पर जब बवाल मचा तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव आयोग के नियमों में संशोधन करने के निर्देश दिए थे. सोमवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के माध्यम से यह संशोधन कर दिया गया है.
रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी मिलेगी अनुग्रह राशि
इस फैसले से अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पंचायत चुनाव के दौरान मृत शिक्षक या अन्य सरकारी कर्मचारियों के परिवारीजन को 30-30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी. इसमें उन कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा जिनकी कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई है, या फिर मृत्यु का कारण पोस्ट कोविड होगा. परिजनों को आर्थिक मदद का आधार मृत कर्मचारी की कोविड-19 की पॉजिटिव रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट, सीटी स्कैन को माना जाएगा. इसमें एक खास प्रावधान किया गया है, जिसके तहत रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी यदि 30 दिनों में किसी का निधन होता है, तो उसे भी कोविड-19 से मृत्यु माना जाएगा और सरकार की तरफ से परिजन को अनुग्रह राशि दी जाएगी.
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