लखनऊ: यूपी में देश की बड़ी आबादी निवास करती है, ऐसे में यहां एडवांस न्यूरो साइंस सेंटर की हमेशा बड़ी आवश्कता रही है. लेकिन योगी सरकार का यह प्रोजेक्ट सुस्ती का शिकार हो गया. क्योंकि पांच साल पहले बने प्रस्ताव को पहले तो पास करने में दो साल लग गए. फिर इसके शिलान्यास में दो साल. यानी योगी सरकार के शुरुआती दौर साल 2017 में बने प्रोजेक्ट को साल 2019 में मुख्यमंत्री ने हरी झंडी देकर बजट जारी किया. इसके बाद साल 2021 में तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना इसका शिलान्यास किया. फिलहाल अभी भी भवन के आधे पिलर ही खड़े हो पाए हैं. इतना ही नहीं अब तो मंत्री के शिलान्यास का पत्थर भी गायब हो चुका है.
200 बेड का है एडवांस न्यूरो सेंटर: एडवांस न्यूरो साइंस सेंटर में 200 बेड होंगे. इसमें न्यूरो सर्जरी और न्यूरोलॉजी विभाग का संचालन होगा. 60 बेड का आईसीयू होगा, जिसमें 20 बेड ट्रॉमा आईसीयू के लिए होंगे. पीडियोट्रिक न्यूरोसर्जरी और न्यूरोलॉजी में 20 बेड होंगे. इसमें हेड इंजरी, सिर के ट्यूमर और सिर की अन्य बीमारियों से जूझ रहे बच्चों को बेहतर इलाज मिल सकेगा. 24 घंटे सीटी स्कैन जांच के लिए सेंटर में मशीन लगाई जाएगी. अभी न्यूरो सर्जरी में चार डॉक्टर हैं.
सेंटर में स्पेशल यूनिट, गामा नाइफ मशीन: न्यूरो सर्जरी में अभी 20 बेड का वार्ड है. साथ ही 10 बेड का आईसीयू है. वहीं चार फैकल्टी और करीब आठ रेजिडेंट हैं. न्यूरो साइंस सेंटर में स्पेशल यूनिट बनेंगी. इसमें हेड इंजरी, स्पाइन सर्जरी यूनिट और ब्रेन ट्यूमर सर्जरी यूनिट होंगी. मरीजों के इलाज के लिए वर्ल्ड क्लास की सुविधा होगी. इसके अलावा ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए गामा नाइफ की मशीन भी आएगी. इसके लिए रेडिएशन एंकोलॉजी भवन के बगल में बंकर बनेगा. मशीन और बंकर के लिए लगभग 30 करोड़ रुपये की लागत आएगी. इस मशीन से ब्रेन ट्यूमर पर सटीक वार हो सकेगा.
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देश में 20 लाख को होती है हेड इंजरी: केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक देश में हर साल 15 से 20 लाख लोगों के सिर में गंभीर चोट लगती है. इसमें एक लाख 20 हजार से अधिक लोगों की जान चली जाती है. हेड इंजरी के 60 फीसदी से अधिक मामले सड़क दुर्घटना के होते हैं.
यूपी में हेड इंजरी का यहां है इलाज: यूपी में हेड इंजरी का एपेक्स ट्रामा सेंटर में 24 घंटे इलाज है. यह ट्रामा सेंटर लखनऊ के केजीएमयू, एसजीपीजीआई में है. वहीं तीसरा सेंटर बीएचयू बनारस है. इसके अलावा अन्य चिकित्सा संस्थानों में प्राथमिक उपचार की सुविधा है.
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