लखनऊः रोजगार पर लॉक डाउन के प्रभावों को कम करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार अगले तीन से छह महीने के भीतर 15 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कार्य योजना तैयार कर रही है. एमएसएमई, ओडीओपी, एनआरएलएम, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, दीनदयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना, कौशल विकास मिशन, खादी ग्रामोद्योग तथा मनरेगा के माध्यम से रोजगार दिए जाने की कार्य योजना तैयार की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर मंत्रियों और शासन के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर एक सप्ताह के भीतर इस दिशा में कार्य योजना बनाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं.
लॉक डाउन के बाद रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना चुनौती है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लॉक डाउन के बाद रोजगार सृजन और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना चुनौती है इसके लिए अभी से तैयारी की जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना के तहत युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण के साथ-साथ ढाई हजार रुपये का मासिक प्रशिक्षण भत्ता दिए जाने की व्यवस्था की गई है. एक वर्ष में एक लाख युवाओं को यह सुविधा दी जाएगी. सीएम ने कहा कि इस योजना के तहत दो लाख युवाओं को जोड़े जाने की कार्य योजना बनाए जाने की संभावनाओं को तलाशा जाए. सीएम ने युवा हब के माध्यम से भी ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए.
एमएसएमई और ओडीओपी के तहत रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई और ओडीओपी के तहत रोजगार की व्यापक संभावनाएं हैं. इनके माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है. प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए स्कूल यूनिफार्म और स्वेटर निर्मित किए जाने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था की जाए. उन्हें सिलाई मशीनें उपलब्ध कराई जाएं और स्वयं सहायता समूहों को रोजगार प्रदान कराया जाए. इसी प्रकार खादी और फल प्रसंस्करण के माध्यम से भी इन्हें रोजगार प्रदान करने की रणनीति बनाई जाए. इन्हें अचार, पापड़, पत्तल आदि बनाने के कार्य में भी शामिल किया जा सकता है. व्यापक स्तर पर मास्क बनाने के कार्य से भी रोजगार उपलब्ध कराए जा सकता है. खादी के क्षेत्र में सोलर चरखा का संचालन, सोलर लूम स्थापित कर व्यापक प्रशिक्षण दिया जाए.
कॉमन सर्विस सेंटर को सुदृढ़ बनाने के निर्देश
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ग्राम स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटर को सुदृढ़ बनाते हुए इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी रोजगार उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने दुग्ध समितियों का गठन कर डेयरी उद्योग को बढ़ाने, प्रशिक्षण के साथ उत्पादों की गुणवत्ता और उनकी मार्केटिंग कराए जाने के भी निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने डिजाइनिंग और ब्रांडिंग करते हुए उत्पादों को प्रतिस्पर्धा के आधार पर बाजार उपलब्ध कराए जाएं. फूलों की खेती को इत्र, धूपबत्ती, अगरबत्ती आदि बना कर प्रोत्साहित किया जा सकता है. इसके लिए भी कार्य योजना बनाई जाए.
युवाओं के लिए लोन मेला और रोजगार मेला
मुख्यमंत्री ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, कौशल विकास मिशन, मोबाइल रिपेयरिंग, पॉलिटेक्निक साइंस लैब, आईटीआई के सहयोग से प्रशिक्षण दिए जाने की बात भी कही है. लॉक डाउन के बाद युवाओं को लोन मेला और रोजगार मेला लगाकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं. इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह, एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी के अलावा कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे.