लखनऊ: 'अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस' पर सीएम योगी ने शुक्रवार को 'बाल श्रमिक विद्या योजना' की शुरुआत की. श्रम विभाग की नई योजना के तहत छात्र-छात्राओं को आर्थिक मदद मिलेगी. पहले चरण में दो हजार छात्र-छात्राओं को योजना के तहत लाभांवित किया गया. पढ़ाई के लिए बालकों को एक हजार और बालिकाओं को 1,200 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे. मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित इस कार्यक्रम में श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और प्रमुख सचिव सुरेश चंद्रा समेत अन्य अधिकारी शामिल रहे.
कई परिवार बाल श्रम करवाने पर मजबूर
देश के अंदर एक बड़ा समूह ऐसा है, जिसे अपनी पारिवारिक परिस्थितियों के कारण बाल श्रम करने के लिए मजबूर होना पड़ता रहा है. इन सब से मुक्ति के लिए समय-समय पर सरकारों ने कदम उठाए हैं. इसके बावजूद यह महसूस किया जाता रहा है कि बहुत सारे परिवारों के बच्चों की मजबूरी थी कि वह बाल श्रम करें. ऐसे बच्चों को जिन्हें उनके बचपन में स्कूल जाने, आगे बढ़ने और अपने भविष्य को संवारने के साथ ही अपनी प्रतिभा का लाभ देश और दुनिया को देने का अवसर मिलना चाहिए, उन्हें इस योजना से लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है.
केंद्र सरकार ला रही नई योजना
जब बचपन में ही वे बच्चे अपने पारिवारिक खर्चे के लिए मजदूरी करने के लिए मजबूर हो जाते हैं तो उन बच्चों के शारीरिक ही नहीं मानसिक पटल पर भी असर पड़ता है. इससे समाज और राष्ट्र की क्षति होती है. इन सभी को समय-समय पर बालश्रम से मुक्त करने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने अनेक अधिनियम बनाया है. उन्हें हर प्रकार से प्रोटेक्शन देने का काम भी किया गया है.
दो हजार बच्चों का चयन
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से इस ओर आज एक नया कदम उठाया जा रहा है. आठ वर्ष से ऊपर के सभी बच्चों को स्कूल में होना चाहिए, लेकिन उनकी पारिवारिक परिस्थितियां ऐसी नहीं हैं कि वह स्कूल जा सकें. ऐसे बच्चों के लिए एक नई योजना प्रारंभ की जा रही है. इस योजना में पहले चरण में जिन 57 जिलों में सर्वाधिक बाल श्रम से जुड़े हुए कामकाजी बच्चे हैं. उन जिलों के दो हजार बच्चों का चयन किया गया है.
बच्चों को दिए जाएंगे रुपये
इस योजना के तहत बालकों को एक हजार प्रति माह, बालिकाओं को 1,200 रुपये प्रतिमाह देने की व्यवस्था के साथ यह योजना लागू की जा रही है. 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों को साल में अतिरिक्त छह हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने का भी इस योजना में प्रावधान किया गया है. इस योजना के तहत बच्चों की पढ़ाई के लगभग सभी खर्चे श्रम विभाग की तरफ से उठाए जाएंगे.
अटल आवासीय विद्यालय बनाने की भी तैयारी
सीएम योगी ने कहा कि अगले वर्ष से अटल आवासीय विद्यालय भी प्रारंभ हो जाएंगे. अटल आवासीय विद्यालय में निर्माण श्रमिकों के बच्चों के साथ-साथ अक्षम परिवारों के बच्चों को भी दाखिला दिया जाएगा. पहले चरण में 18 मंडल मुख्यालयों पर 12 से 15 एकड़ के क्षेत्रफल में अटल आवासीय विद्यालय बनाए जा रहे हैं. इन विद्यालयों में अत्याधुनिक सुविधा से युक्त पढ़ाई होगी. स्पोर्ट्स की भी व्यवस्था इस स्कूल में होगी. अगर कोई बच्चा अपने हाथों का हुनर दिखाने के लिए उत्सुक है तो वहां स्किल डेवलपमेंट की भी शिक्षा दी जाएगी. बच्चों के खाने, रहने और पढ़ाई करने की व्यवस्था दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में श्रमिक समाज का बहुत ही स्वाभिमानी वर्ग है, जिसने अपने श्रम, पसीने से समाज और राष्ट्र निर्माण की आधारशिला रखी है. उसे एक नया जीवन देना, उसके जीवन में बेहतर करने का प्रयास करना यह शासन में बैठे हुए लोगों की जिम्मेदारी बनती है. केंद्र और प्रदेश सरकार इस सब के लिए पूरी मजबूती के साथ कार्य कर रही है. इसी को ध्यान में रखकर के देश के अंदर हर गरीब परिवार को आयुष्मान भारत कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना इसी श्रृंखला में चलाई गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन बच्चों का इस योजना के तहत चयन हुआ है. उनके परिवार के पास अगर राशन कार्ड नहीं है, गैस कनेक्शन नहीं है, बिजली कनेक्शन नहीं है, आयुष्मान भारत योजना कार्ड नहीं है तो यह सभी सुविधाएं उनको उपलब्ध करवाई जाएंगी. इसके लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए हैं.