लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हर परिवार को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने को लेकर एक बड़ा काम करने का फैसला किया है. इसके अंतर्गत परिवार की सम्पूर्ण स्थिति का आंकलन करने के साथ ही नौकरी देने या रोजगार के साधन उपलब्ध कराने को लेकर एक बड़ा काम कराए जाने का फैसला किया गया है. दरअसल, योगी सरकार हर परिवार की सामाजिक, आर्थिक स्थिति का पता लगाते हुए संपूर्ण सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है.
छह महीने की टाइमलाइन
इस सर्वेक्षण के माध्यम से सरकार सभी परिवारों के सदस्यों की आजीविका के स्रोत, माध्यमों एवं सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ आदि का पता लगाएगी. शासन के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इस काम को पूरा करने के लिए 6 महीने की टाइमलाइन निर्धारित की गई है. इसके साथ ही इस सर्वेक्षण के माध्यम से यह भी जानने की कोशिश की जाएगी कि परिवार की स्थिति क्या है. जिसमें मुख्य रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, पेयजल या फिर आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से परिवार कितना संपन्न है और परिवार को समाज की मुख्यधारा में आने में अभी क्या समस्या आ रही है. इन सभी बिंदुओं को समेटते हुए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के हर परिवार का संपूर्ण सर्वेक्षण कराए जाने का बड़ा फैसला किया है.
सरकार बना सकेगी सर्वांगीण विकास की कार्ययोजना
सरकार की मंशा है कि हर परिवार का संपूर्ण सर्वेक्षण कराकर उसकी सामाजिक आर्थिक स्थिति, योजनाओं के लाभ पहुंचने के बारे में जानकारी जुटाई जा सकेगी. साथ ही इसके माध्यम से आने वाले समय में एक व्यापक कार्ययोजना बनाकर हर परिवार तक रोजगार या नौकरी के अवसर उपलब्ध कराए जाने को लेकर सरकार काम करेगी.
साथ ही शासन स्तर की जो तमाम जनकल्याणकारी योजनाएं हैं उन योजनाओं को भी उस परिवार तक पहुंचाया जा सकेगा. इस दिशा में भी यह सर्वेक्षण कारगर साबित हो सकेगा. जिससे उस परिवार को समाज की मुख्यधारा में लाकर सर्वांगीण विकास के बारे में व्यापक दृष्टिकोण अपनाते हुए एक बड़ी कार्ययोजना बना सकेगी. उत्तर प्रदेश सरकार की यह कोशिश अगर सफल होती है तो उत्तर प्रदेश के विकास की तस्वीर आने वाले कुछ वर्षों में बदलती हुई नजर आएगी.
संकल्प पत्र को धरातल पर उतारने की कोशिश
वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रोफेसर एपी तिवारी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने संकल्प पत्र को धरातल पर उतारने के लिए हर परिवार की संपूर्ण सर्वेक्षण योजना का बड़ा फैसला किया है. हर परिवार का सामाजिक आर्थिक और विकास की दृष्टि से सर्वेक्षण कराया जाएगा. जिससे वस्तुस्थिति की जानकारी हो सकेगी. इसके अंतर्गत परिवार की शिक्षा स्वास्थ्य चिकित्सा पेयजल आवास पुष्टाहार इसके अलावा रोजगार की क्या स्थिति है, ऐसी प्रमुख बातों को पता किया जा सकेगा. उत्तर प्रदेश की जो अर्थ नीति वर्तमान समय में है उसमें रोजगार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर हाथ को काम मिले. बीजेपी का एक दार्शनिक पक्ष भी है कि हर हाथ को काम, हर खेत को पानी, इस परिकल्पना को साकार करने के लिए यह सर्वेक्षण मददगार सिद्ध होगा.
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सर्वेक्षण मील का पत्थर साबित हो सकता है
वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रोफेसर एपी तिवारी कहते हैं कि 'मेरा मानना है कि सर्वेक्षण के जो परिणाम होंगे उसके आधार पर यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि उसके कार्यान्वयन की नीति बनाई जाएगी. सुरक्षा की स्थिति क्या है, क्या कोई अन्य व्यक्ति अनधिकृत रूप से कहीं रह रहा है. किसी परिवार में या कहीं और परिवार की पूरी स्थिति क्या है? इस सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर पता चल जाएगी. इस सर्वेक्षण के माध्यम से सरकार सुरक्षा और विकास दोनों को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्ययोजना बनाने में सफल होगी. मैं समझता हूं कि उत्तर प्रदेश के विकास को लेकर यह सर्वेक्षण मील का पत्थर साबित हो सकता है. एक और बात महत्वपूर्ण है कि महंगाई बढ़ रही है लेकिन महंगाई उनके लिए ज्यादा समस्या नहीं है जो खरीद सकते हैं.' प्रोफेसर एपी तिवारी का कहना है कि 'मेरा मानना है कि यह उच्च आय वर्ग मध्यम आय वर्ग के अलावा जो अंत्योदय के लोग हैं उनके लिए ज्यादा समस्या रहती है, जो दिहाड़ी पर काम करते हैं अंत्योदय की स्थिति में हैं, समाज के गरीब तबके के लोग हैं उनका विकास कैसे हो उनको कैसे सुरक्षा और विकास के साथ कैसे जोड़ा जाए. समाज के मुख्यधारा में उन्हें कैसे लाया जाए इन सबको देखते हुए यह सर्वेक्षण काफी मददगार साबित हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जो संकल्प नीति है, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास, उसको मूर्त रूप देने के लिए सर्वेक्षण बहुत आगे जाएगा. इसके अच्छे परिणाम आने वाले समय में देखे जा सकेंगे.
उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी दर घटी
वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रोफेसर एपी तिवारी कहते हैं कि 'उत्तर प्रदेश की जो अर्थनीति मौजूदा स्थिति में है, उसमें रोजगार को सबसे ऊपर रखा गया है. हर हाथ को काम मिले, इस बात को प्राथमिकता पर रखा गया है. आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कौशल विकास, ओडीओपी के अंतर्गत लघु कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने का काम कर रही है. नए तरीके खेती के विकास को लेकर भी अपनाए जा रहे हैं.' उन्होंने आगे कहा कि 'कोरोना संकट के चलते दूसरे राज्यों से हमारी श्रम शक्ति भी पलायित होकर वापस आई है. उसको रोजगार देने में उत्तर प्रदेश सरकार सफल रही है. हम अगर मार्च 2022 और अप्रैल 2022 की बेरोजगारी दर को देखें तो काफी स्थिति क्लियर हो जाती है. मार्च 2022 में उत्तर प्रदेश की बेरोजगारी दर 4.4 थी, जो घटकर अप्रैल महीने में 1.9 हो गई है. मेरा मानना है कि एक सर्वांगीण विकास की जो बात होती है परिवार के सर्व समावेशी विकास की जब बात होती है तो विकास की मुख्यधारा में जो लोग छूट जाते हैं उन्हें भी आगे लाया जाए. इस पूरी सर्वेक्षण की कवायद से समाज के अंत्योदय से जुड़े लोग मुख्यधारा में ललाए जा सकेंगे. इस सर्वेक्षण के माध्यम से परिवार की पूरी स्थिति, उसके रोजगार की स्थिति शिक्षा दीक्षा स्वास्थ्य की स्थिति बीमारियों की क्या स्थिति है, उसका पता चलेगा. उसके आधार पर सरकार अपनी कार्ययोजना बनाएगी और पूरी तरह से अमलीजामा पहनाने में यह सर्वेक्षण कारगर साबित होगा और उत्तर प्रदेश सरकार का जो उद्देश्य है वह सफल होगा.'