लखनऊः योगी आदित्यनाथ सरकार बुजुर्गों को पेंशन देने के मामले में सबसे आगे है. प्रदेश में अब तक 51 लाख से अधिक बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन योजना से जोड़कर एक नया रिकॉर्ड बनाया गया है, जो केंद्र सरकार के 43.45 लाख लोगों को जोड़ने के लक्ष्य से करीब सात लाख अधिक है. यह प्रदेश में अब तक वृद्धावस्था पेंशन से जोड़े गए लोगों की सर्वाधिक संख्या है. योजना से जुड़ने के बाद बुजुर्गों को अब 500 रुपए प्रतिमाह मिल रहा है जिससे बुजुर्गों को अब किसी जरूरत के लिए परिवार पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है.
तीन हजार करोड़ की धनराशि खर्च
प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत जहां एक ओर डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए पेंशन योजनाओं में धांधली रूक गई, वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन आवेदन और निस्तारण की व्यवस्था के चलते पात्र लाभार्थियों को योजनाओं से जोड़ना भी आसान हो गया है. इसी का नतीजा है कि प्रदेश में जहां 2017 के पहले 36 लाख वृद्धावस्था पेंशन धारक थे. वहां महज तीन वर्षों में 15 लाख नए पेंशनधारकों जोड़ लिया गया है. इसके लिए तीन हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. यह पहली बार है कि इतने बड़े पैमाने पर किसी सरकार ने बुजुर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के मामले में इतना खर्च किया है.
जगह-जगह कैम्प लगाकर दिया लाभ
दरअसल, योगी सरकार के सत्ता में आने से पहले बुजुर्गों को सरकारी योजनाओं के लिए दर-ब-दर भटकना पड़ता था. इसे देखते हुए प्रदेश में सत्ता की बागडोर संभालते ही योगी सरकार ने सख्त हिदायत दी थी कि पात्र लाभार्थियों को सरकार की योजनाओं से हरहाल में जोड़ा जाए. इस पर जिले के अफसरों ने भी तेजी दिखाई. सत्ता में आते ही योगी सरकार ने वर्ष 2017-2018 में ही ग्राम विकास विभाग द्वारा सर्वे कराया.
पेंशन योजना में बना रिकॉर्ड
सर्वे में पाया गया कि करीब नौ लाख बुजुर्गों को पात्र होने के बावजूद पिछली सरकारों में वृद्धावस्था पेंशन योजना से वंचित रखा गया था. इसके बाद प्रदेश के हर जिले में अभियान चलाकर पात्र बुजुर्गों को योजना से जोड़ने के लिए जगह-जगह कैंप लगाए गए, साथ ही विभिन्न स्तरों पर रुके हुए अन्य आवदेनों पर भी तेजी से कार्रवाई हुई. इसी का नतीजा है कि देखते ही देखते महज तीन वर्षों में प्रदेश के करीब 15 लाख नए बुजुर्गों को वृद्धावस्था पेंशन योजना से जोड़ने का रिकार्ड बन गया.
केंद्र सरकार के लक्ष्य को छोड़ा पीछे
उप निदेशक समाज कल्याण जयराम ने बताया कि बुजुर्गों को पेंशन देने के लिए केंद्र सरकार ने 43.45 लाख लोगों को योजना से जोड़ने का लक्ष्या रखा था. जिसे किसी भी सरकार में अब तक पूरा नहीं किया जा सका था, पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र सरकार के 43.45 लाख से अधिक 51,21,454 लाभार्थियों को वृद्धापेंशन योजना से जोड़कर एक नया रिकॉर्ड बना दिया.
दोगुनी हुआ पेंशन की राशि पर खर्च
अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण ने बताया कि 2017 के पहले जहां प्रदेश के बुजुर्गों को 300-400 रुपये की धनराशि मिलती थी. वहीं योगी सरकार ने उसे बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया है. प्रदेश में नए पेंशनरों के बढ़ने से जहां पहले सरकार करीब 15 सौ करोड़ रुपये खर्च करती थी. वहीं अब खर्च होने वाली धनराशि दोगुनी हो गई है. वर्तमान में 51 लाख से अधिक पेंशनरों पर लगभग तीन हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. कोरोना महामारी के चलते पेंशनधारकों की आर्थिक समस्या दूर करने के लिए हर बुजुर्ग को एक-एक हजार रुपए की अतिरिक्त धनराशि में योगी सरकार की ओर से 500 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई.
योजना से जोड़ने में पूर्वांचल टॉप पर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्वाचंल के जिलों की निरंतर समीक्षा बैठक कर अफसरों को निर्देश देते रहे. इसका ही नतीजा रहा कि पूर्वांचल में जिन बुजुर्गों को योजना का लाभ नहीं मिल सका था, उन्हें भी योजना का लाभ मिला. इतना ही नहीं पूर्वांचल में आजमगढ़ 62052 नए बुजुर्गों को योजना से जोड़ने में पहले स्थान पर, बलिया 55676 बुजुर्गों को जोड़कर दूसरे स्थान पर अंबडेकरनगर 49621 बुजुर्गों को योजना से जोड़ने में तीसरे स्थान पर रहा.