लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कृषि उत्पादन आयुक्त सहित कई महत्वपूर्ण पद महीनों से खाली चल रहे हैं. इन महत्वपूर्ण पदों पर योगी आदित्यनाथ सरकार सीनियर आईएएस अफसरों की तैनाती नहीं कर पा रही है. प्रदेश सरकार और नियुक्ति विभाग अफसरों की तैनाती करने में असमंजस में नजर आ रहा है.
कई महत्वपूर्ण पद महीनों से खाली
- कृषि उत्पादन आयुक्त, चकबंदी आयुक्त, ग्राम विकास आयुक्त के पदों पर पिछले करीब डेढ़ महीने से किसी अफसर की तैनाती नहीं की जा सकी है.
- ऐसे में महत्वपूर्ण विभागों में कामकाज भी प्रभावित हो रहा है, कृषि उत्पादन आयुक्त रहे प्रभात कुमार 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
- सरकार उन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद गुरुवार को यूपी लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त कर दिया है.
- मुख्य सचिव के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद कृषि उत्पादन आयुक्त के रूप में किसी सीनियर अफसर की तैनाती नहीं की जा सकी है.
महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करने में सरकार फ्लॉप
ऐसे में विभागीय कामकाज के साथ-साथ सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी काफी असर पड़ रहा है. शासन में मुख्य सचिव के बाद सबसे महत्वपूर्ण पद कृषि उत्पादन आयुक्त का है जो पिछले डेढ़ महीने से अधिक समय से खाली चल रहा है. इसी तरह चकबंदी आयुक्त का पद 3 महीने से अधिक समय से खाली है. 9 मार्च को तत्कालीन चकबंदी आयुक्त भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित कर दी गई थी. यह पद सचिव स्तर का है सरकार ने नए चकबंदी आयुक्त की नियुक्त भी अभी तक नहीं कर पाई है.
ग्राम विकास आयुक्त का पद भी काफी समय से खाली चल रहा है. इस पद की जिम्मेदारी निभा रहे विशेष सचिव ग्रामीण विकास एनपी सिंह को पिछले दिनों आजमगढ़ का जिला अधिकारी बना दिया गया है. ऐसे में इस पद पर भी किसी नए अफसर की तैनाती नहीं हो पाई है. दुग्ध आयुक्त का पद भी काफी समय से खाली है. इसके अलावा औद्योगिक विकास आयुक्त का पद भी खाली है. हालांकि इसकी जिम्मेदारी खुद मुख्य सचिव डॉ अनूप चंद्र पांडे निभा रहे हैं.