लखनऊ : पिछले एक साल में यूपी पुलिस ने 15 खूंखार अपराधियों को यमलोक की सैर कराई. वहीं 7 माफिया गैंग को धरासाई किया है. 6 अरब की संपत्तियों की जब्तीकरण और ध्वस्तीकरण साल 2021 में कई गई. उत्तर प्रदेश में माफिया राज कायम करने में मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, कुण्टू सिंह, सुंदर भाटी, मुकीम काला, बदन सिंह का नाम हिट लिस्ट में रहा है. लेकिन योगी राज में इन माफिया राज चलाने वालों का शटर डाउन हो गया. साल 2019 से साल 2020 के बीच कोविड की बड़ी जंग जितने के बाद एक्शन में आते हुए 2021 में यूपी पुलिस ने मोर्चा संभाला और इन गैंग के अधिकतर बदमाशों को मिटा दिया है. यही नहीं बंदूक की बल पर बनाई गई अकूत संपत्तियों पर भी साल भर लगातार कार्रवाई चलती रही है.
किन किन माफिया का 2021 में साम्राज्य हुआ खत्म
माफिया की लिस्ट में सबसे ऊपर मुख्तार अंसारी का नाम है. जिसने अपनी काली कमाई से यूपी के कई जिलों में अपनी अकूत संपत्ति बनाकर रखी हुई थी. 2017 के बाद से ही यूपी पुलिस मुख्तार के गैंग आईएस 191 पर शिकंजा कसने लगे थी. जिस क्रम में साल 2021 में भी सरकार ने मुख्तार की कई जगहों पर अरबों की संपत्ति कुर्क की है. आजमगढ़, वाराणसी और मऊ में करीब 1 अरब से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की गई है. अपराध और राजनीति के कॉकटेल से माफिया बना मुख्तार अंसारी योगी सरकार में जेल की हवा खा रहा है.
सालों से पंजाब जेल में ऐशों आराम की जिंदगी जी रहे मुख्तार को साल 2021 में बांदा जेल की बैरक नम्बर 16 तक पहुंचा कर यूपी सरकार ने उसकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. इस एक साल में यूपी पुलिस ने मुख्तार के 175 गैंग के सदस्यों पर कार्रवाई की. 90 सस्त्र लाइसेंस को निरस्त किया, वहीं 90 गैंग सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. मुख्तार की काली कमाई से बनाई गई 1 अरब की संपत्ति को या तो जब्त और ध्वस्त किया या फिर कब्जे से छुड़ाया.
अतीक अहमद पर भी 2021 में टूटा पुलिस का कहर
मुख्तार के बाद माफिया की लिस्ट में किसी का नाम आता है तो वह है अतीक अहमद का. अतीक पर भी बीते चार सालों की ही तरह 2021 में यूपी पुलिस कहर बनकर टूटी है. इस साल अतीक गैंग के 50 सदस्यों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई की गई. 20 शस्त्र लाइसेंस रद्द किए गए तो 15 गैंग सदस्यों को गिरफ्तार किया गया.
दिलीप मिश्र के गैंग को पुलिस ने जड़ से उखाड़ फेंका
प्रयागराज में अपराध का पर्याय बन चुके दिलीप मिश्रा के गैंग को यूपी पुलिस ने 2021 में जड़ से उखाड़ फेंका. वसूली, अपहरण, हत्या जैसे संगीन अपराध को अपना शौक बना चुके दिलीप मिश्रा गैंग के 10 सदस्यों पर कार्रवाई की गई. 8 असलहा लाइसेंस निरस्त किए गए. 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. वहीं 10 करोड़ की संपत्ति का जब्तीकरण और ध्वस्तीकरण हुआ.
किन-किन गैंग के खिलाफ चला 2021 में यूपी पुलिस का सफाई अभियान
यूपी में काबिज बड़े-बड़े गैंग पर कार्रवाई करते हुए यूपी पुलिस ने बाहुबलियों को न सिर्फ जेल पहुंचाया. बल्कि उनके गुर्गों पर भी ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. मुख्तार अंसारी गैंग, मुकीम काला गैंग, अतीक अहमद गैंग, अनिल, दुजाना गैंग, गौरी यादव गैंग, रणदीप भाटी गैंग और सुशील मूंछ गैंग को यूपी पुलिस ने इस साल धराशाही किया है.
2021 में खूंखार अपराधियों को पहुंचाया यमलोक
उत्तर प्रदेश पुलिस ने लम्बे समय से चल रहे संगठित अपराध को रोकने के लिए इस साल बड़े-बड़े माफिया को धराशाही भी किया. कई बड़े इनामिया रहे खूंखार बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया, जिनके ऊपर लाखों का इनाम था. जिसमें से वकील पांडेय उर्फ राजीव पांडेय, भानचंद्र यादव, परवेज, अजय उर्फ कालिया, हरीश पासवान, दीपक वर्मा, अली शेर, गौरी यादव समेत कई नाम शमिल हैं.
साल 2021 में यूपी हुआ दस्यु फ्री
साल 2021 में यूपी पुलिस ने दस्यु मुक्त राज्य भी बनाया. ददुआ और ठोकिया के बाद बीहड़ में सबसे बड़ा नाम बन चुके गौरी यादव को यूपी एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार कर सूबे को दस्यु मुक्त प्रदेश बना दिया.
साल 2021 में यूपी पुलिस ने नाक भी कटवाई
उत्तर प्रदेश पुलिस में दो तरह के पुलिसवाले हैं. एक खाकी की नाक ऊंची करने वाले, जिन्होंने साल 2021 में तमाम कीर्तिमान स्थापित करते हुए उत्तर प्रदेश से समग्र माफिया का सफाया किया. दूसरे हैं नाक कटाने वाले, जिनकी करतूतों से पूरे पुलिस महकमे को शर्मिंदा होना पड़ा. साल 2020 की ही तरह 2021 में भी कुछ पुलिस कर्मियों की वजह से पुलिस विभाग की काफी किरकिरी हुई. राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिस कर्मियों पर कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की होटल में घुसकर पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप लगा.
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ये घटना होने के बाद दारोगा समेत सभी आरोपी सिपाही फरार हो गए, लेकिन नाक ऊंची करने वाली खाकी ने इंस्पेक्टर को जेल भेज दिया. यही नहीं आगरा में पुलिस हिरासत में सफाईकर्मी अरुण और कासगंज में थाने में अल्ताफ की मौत ने भी पुलिस विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया था. इस पूरे मामलें में पुलिस कर्मियों को निलंबित करना पड़ा था. यहीं नहीं इसी साल कानपुर में दबिश डालने गई लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच के आठ पुलिस कर्मियों पर कोर्ट के आदेश के बाद डकैती का मुकदमा दर्ज किया गया.
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फिलहाल ये कहना गलत नहीं होगा कि साल 2021 में यूपी पुलिस ने योगी सरकार के अपराधियों के प्रति मिशन सफाई को पूरी तरह पूर्ण करने का प्रयास किया है. जिससे न सिर्फ जरायम की दुनिया के बादशाह गुलाम होते दिखे, बल्कि आम जनता में खुद को सुरक्षित महसूस होने का भरोसा भी मिला. हालांकि कुछ मामलों ने पुलिस विभाग के किये गए कार्यों में डेंट लगाने का भी काम किया. अब नए साल में यूपी पुलिस के सामने विधानसभा चुनाव खड़ा इंतजार कर रहा है जो विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. जिसके लिए अधिकारियों ने कमर कस ली है.