लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अपने 4 साल का कार्यकाल पूरा कर रही है. इन 4 साल के कार्यकाल के दौरान योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर सड़कों का जहां जाल बिछाने में सफल रही है, वहीं कई एक्सप्रेस-वे बनाने के मामले में भी काफी आगे बढ़ती हुई नजर आई है. सड़कों के साथ ही एक्सप्रेस वे के फैल रहे जाल से प्रदेश में विकास को भी नई रफ्तार मिल रही है.
विभाग का दावा तीन लाख किमी सड़क गड्डामुक्त
विभाग का दावा है कि सरकार बनने के बाद अप्रैल 2017 से लेकर अब तक प्रदेशभर में सड़कों को गड्डामुक्त करने के अभियान के अंतर्गत 3 लाख 31 हजार 554 किलोमीटर सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है, जो यह वार्षिक औसत के रूप में 88 हजार 414 किलोमीटर है. इसके अलावा प्रदेश में एक अप्रैल 2017 से लेकर अब तक 407 पुलों का निर्माण सेतु निगम के द्वारा कराया गया है. यह वार्षिक औसत 108 पुल है.
सभी क्षेत्रों में एक्सप्रेस वे की स्थिति
यही नहीं प्रदेश में औद्योगिक विकास विभाग की तरफ से तेजी से एक्सप्रेस-वे के निर्माण कराए जा रहे हैं. यूपी में पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने को लेकर सरकार सभी क्षेत्रों में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने को लेकर काम कर रही है. इसमें पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 340 किलोमीटर, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 296 किलोमीटर, गंगा एक्सप्रेसवे 596 किलोमीटर का निर्माण कराया तेजी से हो रहा है. यह एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य बड़े-बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है.
डिफेंस कॉरीडोर का काम भी पकड़ रहा रफ्तार
उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर भी बुंदेलखंड में बन रहा है, जो विकास की रफ्तार को और अधिक बढ़ाने का काम करेगा. योगी सरकार उत्तर प्रदेश में पूरब से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक एक्सप्रेस वे के माध्यम से जिलों को जोड़ने का काम कर रही है. इनमें पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे के अलावा डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण शामिल है.
फ़िल्म सिटी से लेकर जेवर एयरपोर्ट का काम तेज
योगी आदित्यनाथ सरकार गौतम बुद्ध नगर में फिल्म सिटी और जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का भी फैसला कर चुकी है. इन दोनों बड़े प्रोजेक्ट पर काम भी चल रहा है. जमीन चिन्हित करने से लेकर इनके जीपीआर बनाने को लेकर कैबिनेट से अप्रूवल भी मिल चुका है. सरकार इन दोनों बड़े प्रोजेक्ट को लेकर तेजी से काम कर रही है , जिससे 2022 के विधानसभा चुनाव में इन दो बड़े प्रोजेक्ट का सरकार को लाभ मिल सके.