ETV Bharat / state

यूपी सरकार ने औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के लिए 'लैंड पूलिंग' नीति को मंजूरी दी - लखनऊ ताजा खबर

यूपी सरकार ने औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में 'लैंड पूलिंग' नीति लागू करने संबंधी प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी है. यह नीति भू-स्वामी को पांच वर्ष तक नियमित 5,000 रुपये आय दिलाने के साथ औद्योगीकरण में हिस्सेदार बनने का अवसर देने वाली है.

औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के लिए लैंड पूलिंग नीति मंजूर
औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के लिए लैंड पूलिंग नीति मंजूर
author img

By

Published : Sep 23, 2020, 10:19 AM IST

Updated : Sep 23, 2020, 10:43 AM IST

लखनऊ: योगी सरकार ने औद्योगिक विकास प्राधिकरण के उपयोग के लिए अधिग्रहित करने वाली जमीनों को लेकर लैंड पूलिंग नीति लागू करने के प्रस्ताव को लेकर कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से मंजूरी दी है. यह नीति भू-स्वामी को पांच वर्ष तक नियमित 5,000 रुपये आय दिलाने के साथ औद्योगीकरण में हिस्सेदार बनने का अवसर देने वाली है.

इसके साथ ही जमीन देने वाले भू-स्वामी को दी गई जमीन के क्षेत्रफल की 25 फ़ीसदी विकसित जमीन आवंटित की जाएगी. लैंड पूलिंग के अंतर्गत औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा अपने विकास क्षेत्र के अंतर्गत न्यूनतम 80 फीसद जमीन किसानों की सहमति से लेनी होगी. यह जमीन न्यूनतम 18 मीटर रोड के निकट 25 एकड़ के भूखंडों के रूप में चयनित कर विकसित की जाएगी. नीति के अंतर्गत जमीन मालिक 5 वर्ष अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक, जो भी बाद में हो, क्षतिपूर्ति के संबंध में 5000 प्रति एकड़ प्राप्त कर सकेंगे.

किसानों की सहमति से सड़क किनारे की ली जाएगी भूमि
इसके साथ ही कैबिनेट बाई सर्कुलेशन द्वारा मंजूर की गई औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए लैंड पूलिंग नीति के अंतर्गत प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए किसानों की सहमति से सड़क किनारे की भूमि ली जाएगी. सरकार ने औद्योगिकरण विकास को लेकर यह बड़ा फैसला किया है.

योजना में शामिल किसानों और जमीन मालिकों को मिलेगा सुनिश्चित आर्थिक लाभ
औद्योगिक विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि योजना में शामिल किसानों और जमीन मालिकों को जहां सुनिश्चित आर्थिक लाभ होगा, वहीं उद्योगों के लिए विकसित भूमि उपलब्ध हो सकेगी. इससे पूंजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और उद्योगों की स्थापना से लेकर आर्थिक विकास को गति मिलेगी. औद्योगिक विकास विभाग के नियंत्रण वाले विकास प्राधिकरण में लैंड पूलिंग नीति लागू होने से उनके अधिसूचित क्षेत्र में इस स्कीम के तहत चिह्नित भूमि लैंड बैंक के रूप में विकसित की जाएगी. इसे उद्योगों व विकास योजनाओं के लिए आवंटित किया जाएगा. उद्योगों की स्थापना से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

ऐसे होगा भूमि का आवंटन
नई लागू की गई नीति के अनुसार किसान व भू-स्वामियों द्वारा दी गई जमीन के क्षेत्रफल के न्यूनतम 25 फीसद के समतुल्य विकसित भूमि भू स्वामी को श्रेणीवार आवंटित की जाएगी. इसमें विकसित भूमि का 80 प्रतिशत न्यूनतम 450 वर्ग मीटर उपयोग औद्योगिक, 12 प्रतिशत न्यूनतम 72 वर्ग मीटर आवासीय तथा 8 प्रतिशत न्यूनतम 48 वर्ग मीटर व्यावसायिक होगा. प्रत्येक भू-स्वामी को उसके द्वारा दी गई जमीन की विकसित भूमि का अनुपातिक हिस्सा लाटरी के माध्यम से निशुल्क आवंटित किया जाएगा. इसकी आंतरिक व बाह्य विकास के लिए भूस्वामियों को कोई शुल्क नहीं देना होगा.

लखनऊ: योगी सरकार ने औद्योगिक विकास प्राधिकरण के उपयोग के लिए अधिग्रहित करने वाली जमीनों को लेकर लैंड पूलिंग नीति लागू करने के प्रस्ताव को लेकर कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से मंजूरी दी है. यह नीति भू-स्वामी को पांच वर्ष तक नियमित 5,000 रुपये आय दिलाने के साथ औद्योगीकरण में हिस्सेदार बनने का अवसर देने वाली है.

इसके साथ ही जमीन देने वाले भू-स्वामी को दी गई जमीन के क्षेत्रफल की 25 फ़ीसदी विकसित जमीन आवंटित की जाएगी. लैंड पूलिंग के अंतर्गत औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा अपने विकास क्षेत्र के अंतर्गत न्यूनतम 80 फीसद जमीन किसानों की सहमति से लेनी होगी. यह जमीन न्यूनतम 18 मीटर रोड के निकट 25 एकड़ के भूखंडों के रूप में चयनित कर विकसित की जाएगी. नीति के अंतर्गत जमीन मालिक 5 वर्ष अथवा विकसित भूखंड प्राप्त होने तक, जो भी बाद में हो, क्षतिपूर्ति के संबंध में 5000 प्रति एकड़ प्राप्त कर सकेंगे.

किसानों की सहमति से सड़क किनारे की ली जाएगी भूमि
इसके साथ ही कैबिनेट बाई सर्कुलेशन द्वारा मंजूर की गई औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए लैंड पूलिंग नीति के अंतर्गत प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए किसानों की सहमति से सड़क किनारे की भूमि ली जाएगी. सरकार ने औद्योगिकरण विकास को लेकर यह बड़ा फैसला किया है.

योजना में शामिल किसानों और जमीन मालिकों को मिलेगा सुनिश्चित आर्थिक लाभ
औद्योगिक विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि योजना में शामिल किसानों और जमीन मालिकों को जहां सुनिश्चित आर्थिक लाभ होगा, वहीं उद्योगों के लिए विकसित भूमि उपलब्ध हो सकेगी. इससे पूंजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और उद्योगों की स्थापना से लेकर आर्थिक विकास को गति मिलेगी. औद्योगिक विकास विभाग के नियंत्रण वाले विकास प्राधिकरण में लैंड पूलिंग नीति लागू होने से उनके अधिसूचित क्षेत्र में इस स्कीम के तहत चिह्नित भूमि लैंड बैंक के रूप में विकसित की जाएगी. इसे उद्योगों व विकास योजनाओं के लिए आवंटित किया जाएगा. उद्योगों की स्थापना से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

ऐसे होगा भूमि का आवंटन
नई लागू की गई नीति के अनुसार किसान व भू-स्वामियों द्वारा दी गई जमीन के क्षेत्रफल के न्यूनतम 25 फीसद के समतुल्य विकसित भूमि भू स्वामी को श्रेणीवार आवंटित की जाएगी. इसमें विकसित भूमि का 80 प्रतिशत न्यूनतम 450 वर्ग मीटर उपयोग औद्योगिक, 12 प्रतिशत न्यूनतम 72 वर्ग मीटर आवासीय तथा 8 प्रतिशत न्यूनतम 48 वर्ग मीटर व्यावसायिक होगा. प्रत्येक भू-स्वामी को उसके द्वारा दी गई जमीन की विकसित भूमि का अनुपातिक हिस्सा लाटरी के माध्यम से निशुल्क आवंटित किया जाएगा. इसकी आंतरिक व बाह्य विकास के लिए भूस्वामियों को कोई शुल्क नहीं देना होगा.

Last Updated : Sep 23, 2020, 10:43 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.