लखनऊ: सीएम योगी ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार किया है. इसी के तहत शुक्रवार को जालौन में राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना वर्ष 2005-06 के अंतर्गत मानक के अनुरूप कार्य न कराने, भ्रष्टाचार और षड्यंत्र कर सरकारी धन की क्षति करने के आरोप में 10 अधिकारियों सहित एक फर्म के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करवाने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही इसकी जांच के आदेश भी सीएम ने दिए हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक तत्कालीन एक अधिशासी अभियंता, चार एसडीओ और पांच अवर अभियंताओं के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर सीएम योगी ने जांच के आदेश जारी किए हैं. साथ ही भ्रष्टाचार के आरोप वाली फर्म और उसके एक अधिकारी के विरुद्ध भी अभियोग दर्ज कर जांच के आदेश दिए गए हैं.
आरोपियों के नाम
- अधिशासी अभियन्ता सुबोध कुमार जैन
- एसडीओ रमेश चंद्र जायसवाल
- एसडीओ जीएन मेहरोत्रा
- एसडीओ बाबूलाल
- एसडीओ अमर पाल
- अवर अभियंता सोहन स्वरूप कटियार
- अवर अभियंता राजीव कुमार पुष्कर
- अवर अभियंता गोकरन सिंह
- अवर अभियंता अनिल कुमार सिंह
- अवर अभियंता राजवीर सिंह
उपरोक्त अधिकारियों के विरुद्ध भादवि की धारा 420, 409, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7, 13 (1)ए सपठित धारा 13 (2) एवं फर्म मेसर्स आईवीआरसीएल, हैदराबाद के विरुद्ध धारा 409, 120बी भादवि सहित कम्पनी प्रतिनिधि भीमसेन यादव के विरूद्ध धारा 408, 120बी भादवि के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कराकर अन्वेषण कराए जाने के आदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं.
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