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मेडिकल उपकरणों की खरीद में घोटाले की जांच के लिए गठित SIT - scam in medical equipment purchasing

सुल्तानपुर-गाजीपुर सहित कई जनपदों में कोरोना वॉयरस के इलाज से संबंधित पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर व अन्य मेडिकल उपकरणों की खरीद भ्रष्टाचार की बात सामने आई थी. अब योगी सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.

उत्तर प्रदेश
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Published : Sep 10, 2020, 4:42 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुल्तानपुर-गाजीपुर सहित कई जनपदों में कोरोना वॉयरस के इलाज से संबंधित पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर व अन्य मेडिकल उपकरणों की खरीद में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. विपक्ष ने इन जिलों में मेडिकल उपकरणों की खरीद में हुए घोटाले को लेकर सरकार पर हमला भी बोला था, जिसके बाद सरकार ने गुरुवार को अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी टीम का गठन किया है. 10 दिन में पूरी रिपोर्ट भी शासन में तलब की गई है.

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी की गठित टीम में सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग अमित गुप्ता व सचिव नगर विकास एवं एमडी जल निगम विकास गोठलवाल को सदस्य के रूप में नामित किया गया है. तीन सदस्यीय एसआईटी को पूरे प्रकरण की जांच कर 10 दिन में अपनी रिपोर्ट शासन को भेजने की बात कही गई है.

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा सैनिटाइजर राज्य वित्त आयोग की धनराशि से क्रय किए जाने के निर्देश शासन की तरफ से दिए गए थे. जिसके अंतर्गत जनपद सुल्तानपुर-गाजीपुर व कुछ अन्य जनपदों की ग्राम पंचायतों में बाजार मूल्य से अधिक दर पर इन मेडिकल उपकरणों की खरीदारी की गई, जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधायक देवमणि दुबे व आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाया था. सरकार से जांच की मांग की थी, जिसके बाद आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसआईटी टीम का गठन किया गया है.

शासन की तरफ से कहा गया है कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल उपकरणों की जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया है, जो 10 दिन में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप देगी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुल्तानपुर-गाजीपुर सहित कई जनपदों में कोरोना वॉयरस के इलाज से संबंधित पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर व अन्य मेडिकल उपकरणों की खरीद में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. विपक्ष ने इन जिलों में मेडिकल उपकरणों की खरीद में हुए घोटाले को लेकर सरकार पर हमला भी बोला था, जिसके बाद सरकार ने गुरुवार को अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी टीम का गठन किया है. 10 दिन में पूरी रिपोर्ट भी शासन में तलब की गई है.

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी की गठित टीम में सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग अमित गुप्ता व सचिव नगर विकास एवं एमडी जल निगम विकास गोठलवाल को सदस्य के रूप में नामित किया गया है. तीन सदस्यीय एसआईटी को पूरे प्रकरण की जांच कर 10 दिन में अपनी रिपोर्ट शासन को भेजने की बात कही गई है.

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में पल्स ऑक्सीमीटर, इंफ्रारेड थर्मामीटर तथा सैनिटाइजर राज्य वित्त आयोग की धनराशि से क्रय किए जाने के निर्देश शासन की तरफ से दिए गए थे. जिसके अंतर्गत जनपद सुल्तानपुर-गाजीपुर व कुछ अन्य जनपदों की ग्राम पंचायतों में बाजार मूल्य से अधिक दर पर इन मेडिकल उपकरणों की खरीदारी की गई, जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधायक देवमणि दुबे व आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाया था. सरकार से जांच की मांग की थी, जिसके बाद आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसआईटी टीम का गठन किया गया है.

शासन की तरफ से कहा गया है कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल उपकरणों की जांच के लिए एसआईटी टीम का गठन किया है, जो 10 दिन में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप देगी.

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