लखनऊ: प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. गोरखपुर से विधायक चुने जाने के बाद उन्होंने यह इस्तीफा विधान परिषद सभापति को भेजा था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. विधान परिषद के प्रमुख सचिव राजेश सिंह की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि विधान परिषद में योगी आदित्यनाथ का पद 22 मार्च से रिक्त माना जाएगा. यानी से यह पद रिक्त हो गया है. मुख्यमंत्री योगी सितंबर 2017 में विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए थे. खैर, आने वाले 6 महीने के भीतर निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी.
गौर हो कि प्रदेश में 2017 में भाजपा की सरकार बनने के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने थे और सितंबर 2017 में वह विधान परिषद के सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए थे. अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से विधानसभा चुनाव जीते हैं. इसके बाद संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार उन्हें एक सदन की सदस्यता से त्यागपत्र देना था. जिसके बाद उन्होंने अपना त्याग पत्र भेज दिया है जिसे स्वीकार कर लिया गया है.
वहीं, दूसरी तरफ भाजपा विधायक दल की बैठक 24 मार्च को होनी है. जिसमें योगी आदित्यनाथ को नेता विधायक दल चुने जाने की प्रक्रिया होगी. इसके बाद 25 मार्च को योगी मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया है. जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा शासित राज्यों के तमाम मुख्यमंत्री और भाजपा के बड़े नेता और तमाम बड़े विपक्षी नेताओं को भी बुलाया गया है.
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