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लखनऊ: KGMU में येलो फीवर वैक्सीनेशन की आपूर्ति फिर शुरू, हफ्ते में 3 दिन लगेंगे टीके

यूपी की राजधानी लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में येलो फीवर वैक्सीनेशन दोबारा शुरू हो चुका है. जहां पर चार राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और बिहार से लोग आते हैं. वहीं पिछले कुछ दिनों से केजीएमयू में येलो फीवर की वैक्सीन की आपूर्ति ठप हो गई थी, पर अब वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर दी गई है.

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KGMU में येलो फीवर वैक्सीनेशन की आपूर्ति फिर हुई शुरू.
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Published : Jan 8, 2020, 8:49 AM IST

लखनऊ: साउथ अफ्रीका और आस-पास के देशों में जाने वाले लोगों के लिए भारत घर में येलो फीवर वैक्सीनेशन करवाया जाता है, ताकि वहां जाने वालों को येलो फीवर से कोई खतरा न हो. चार राज्यों में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए एकमात्र जगह है. पिछले कुछ दिनों से केजीएमयू में येलो फीवर की वैक्सीन की आपूर्ति ठप हो गई थी, पर अब प्रशासन का कहना है कि आपूर्ति शुरू हो चुकी है. साथ ही वैक्सीन अब 2 की जगह तीन दिन लगेंगे. पहले यह सोमवार और बृहस्पतिवार को ही लगता था, अब शनिवार को भी लगेंगे.

  • केजीएमयू के कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट में येलो फीवर वैक्सीनेशन करवाया जाता है.
  • महीने भर से यह बात सामने आ रही थी कि येलो फीवर की वैक्सीन खत्म हो गई है और लोग बैरंग लौटाए जा रहे हैं.
  • पर अब केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर दी गई है.
    KGMU में येलो फीवर वैक्सीनेशन की आपूर्ति फिर हुई शुरू.

येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए 4 राज्यों से आते हैं लोग
कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जमाल मसूद कहते हैं कि येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए केजीएमयू एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और बिहार से लोग आते हैं. इसके अलावा पड़ोसी देश नेपाल से भी बड़ी संख्या में लोग वैक्सीनेशन के लिए यहां पर पहुंचते हैं. ऐसे में यह विभाग येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए काफी महत्वपूर्ण है. पिछले महीने 15 दिनों तक वैक्सीनेशन करने में कुछ परेशानी आ रही थी, क्योंकि यह वैक्सीन रूस से आती है और वहां प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा था. इस वजह से हमारे पास भी वैक्सीन खत्म हो गई थी पर अब यह दोबारा शुरू कर दी गई है.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ नगर निगम में जुड़े 88 गांव, नगरीय सुविधाएं देने पर निगम का फोकस

येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए दो बातें जानना बेहद अहम हैं. पहली यह कि वैक्सीनेशन के लिए खाली पेट न आएं. घर से खा-पीकर ही आएं. दूसरी और सबसे अहम बात यह है कि इस वैक्सीनेशन के लिए अपना पासपोर्ट लाना जरूरी है. बिना पासपोर्ट देखे या वैक्सीनेशन नहीं करवाया जा सकता. येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए 1 साल से कम और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को मनाही है. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी येलो फीवर वैक्सीनेशन का टीका नहीं कराया जा सकता है.
- प्रो. जमाल मसूद, विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट केजीएमयू

लखनऊ: साउथ अफ्रीका और आस-पास के देशों में जाने वाले लोगों के लिए भारत घर में येलो फीवर वैक्सीनेशन करवाया जाता है, ताकि वहां जाने वालों को येलो फीवर से कोई खतरा न हो. चार राज्यों में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए एकमात्र जगह है. पिछले कुछ दिनों से केजीएमयू में येलो फीवर की वैक्सीन की आपूर्ति ठप हो गई थी, पर अब प्रशासन का कहना है कि आपूर्ति शुरू हो चुकी है. साथ ही वैक्सीन अब 2 की जगह तीन दिन लगेंगे. पहले यह सोमवार और बृहस्पतिवार को ही लगता था, अब शनिवार को भी लगेंगे.

  • केजीएमयू के कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट में येलो फीवर वैक्सीनेशन करवाया जाता है.
  • महीने भर से यह बात सामने आ रही थी कि येलो फीवर की वैक्सीन खत्म हो गई है और लोग बैरंग लौटाए जा रहे हैं.
  • पर अब केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर दी गई है.
    KGMU में येलो फीवर वैक्सीनेशन की आपूर्ति फिर हुई शुरू.

येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए 4 राज्यों से आते हैं लोग
कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जमाल मसूद कहते हैं कि येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए केजीएमयू एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और बिहार से लोग आते हैं. इसके अलावा पड़ोसी देश नेपाल से भी बड़ी संख्या में लोग वैक्सीनेशन के लिए यहां पर पहुंचते हैं. ऐसे में यह विभाग येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए काफी महत्वपूर्ण है. पिछले महीने 15 दिनों तक वैक्सीनेशन करने में कुछ परेशानी आ रही थी, क्योंकि यह वैक्सीन रूस से आती है और वहां प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा था. इस वजह से हमारे पास भी वैक्सीन खत्म हो गई थी पर अब यह दोबारा शुरू कर दी गई है.

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येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए दो बातें जानना बेहद अहम हैं. पहली यह कि वैक्सीनेशन के लिए खाली पेट न आएं. घर से खा-पीकर ही आएं. दूसरी और सबसे अहम बात यह है कि इस वैक्सीनेशन के लिए अपना पासपोर्ट लाना जरूरी है. बिना पासपोर्ट देखे या वैक्सीनेशन नहीं करवाया जा सकता. येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए 1 साल से कम और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को मनाही है. इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी येलो फीवर वैक्सीनेशन का टीका नहीं कराया जा सकता है.
- प्रो. जमाल मसूद, विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट केजीएमयू

Intro:लखनऊ। साउथ अफ्रीका और आस-पास के देशों में जाने वाले लोगों के लिए भारत घर में येलो फीवर वैक्सीनेशन करवाया जाता है ताकि वहां जाने वालों को येलो फीवर से कोई खतरा न हो। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए एकमात्र ऐसी जगह है जहां चार राज्यों से लोग आते हैं। पिछले कुछ दिनों से केजीएमयू में येलो फीवर की वैक्सीन की आपूर्ति ठप हो गई थी जिसकी वजह से लोगों को भी तकलीफ उठानी पड़ रही थी पर अब प्रशासन का कहना है कि आपूर्ति शुरू हो चुकी है।


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केजीएमयू के कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट में येलो फीवर वैक्सीनेशन करवाया जाता है लगभग महीने भर से यह बात सामने आ रही थी कि यहां पर येलो फीवर की वैक्सीन खत्म हो गई है और लोग बैरंग लौटाये जा रहे हैं। पर अब केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि वैक्सीन की आपूर्ति शुरू कर दी गई है।

कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर जमाल मसूद कहते हैं कि येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए केजीएमयू एकमात्र ऐसा स्थान है जहां पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और बिहार से लोग आते हैं। इसके अलावा पड़ोसी देश नेपाल से भी बड़ी संख्या में लोग वैक्सीनेशन के लिए यहां पर पहुंचते हैं। ऐसे में यह विभाग येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। पिछले महीने 15 दिनों तक वैक्सीनेशन करने में कुछ परेशानी आ रही थी क्योंकि यह वैक्सीन रूस से आती है और वहां प्रोडक्शन नहीं हो पा रहा था। इस वजह से हमारे पास भी वैक्सीन खत्म हो गई थी पर अब यह दोबारा शुरू कर दी गई हैं।

प्रोफेसर मसूद कहते हैं कि येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए दो बातें जाना बेहद अहम हैं। पहली यह कि वैक्सीनेशन के लिए खाली पेट लोग न आएं, घर से खा पीकर ही आएं। दूसरी और सबसे अहम बात यह है कि इस वैक्सीनेशन के लिए अपना पासपोर्ट लाना जरूरी है। बिना पासपोर्ट देखें या वैक्सीनेशन नहीं करवाया जा सकता।


Conclusion:येलो फीवर वैक्सीनेशन के लिए 1 साल से कम और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को मनाही है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को भी जल विवर वैक्सीनेशन का टीका नहीं कराया जा सकता है।

बाइट- प्रोफेसर जमाल मसूद, विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट केजीएमयू
पीटीसी- रामांशी मिश्रा

रामांशी मिश्रा
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