लखनऊ : 'तम्बाकू के सेवन से न केवल हम अपने आप को कठिनाई में डालते हैं, बल्कि अपने परिवार को भी कठिनाई में डालते हैं. इसका उपयोग कम नहीं, बल्कि पूर्ण रूप से समाप्त करना होगा.' यह बातें सिविल अस्पताल के वरिष्ठ जनरल फिजिशियन डॉ. एके श्रीवास्तव ने कहीं. इस बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम 'हमें भोजन की आवश्यकता, तंबाकू की नहीं' रही.
उन्होंने कहा कि 'तंबाकू खाना कोई अच्छी बात नहीं होती है. तंबाकू में निकोटिन होता है. एक बार कोई खाता है उसे तंबाकू के नशे की लत लग जाती है. तंबाकू खाने वाले व्यक्ति को कैंसर होने की संभावना भी अधिक रहती है. खासकर मुंह का कैंसर तंबाकू के अत्यधिक सेवन से ही होता है. तंबाकू की एक बार जिसे लत लग जाती है उसके बाद उसे तंबाकू नहीं मिलने पर ऐसा लगता है जैसे कुछ छूट रहा है. तंबाकू को छोड़ने के लिए मजबूत इच्छा शक्ति की आवश्यकता रखनी होगी. इससे 20 से अधिक प्रकार का कैंसर होता है एवं इसके सेवन से कोरोना का भी खतरा बढ़ता है. समाज को इससे बचाने के लिए हम सभी को इसके दुष्परिणामों की जानकारी फैलानी होगी, लोगों को जागरूक करना होगा. तभी हमारा भारत स्वस्थ भारत, स्वच्छ भारत एवं सुनहरा भारत बन सकेगा.'
तंबाकू छोड़ने के फायदे : केजीएमयू के पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ वेदप्रकाश ने बताया कि 'तम्बाकू के सेवन से प्रति वर्ष विश्व भर में करीब 80 लाख मौतें होती हैं. कम इनकम वाले 80% देश इससे ज्यादा प्रभावित हैं. इसके कारण प्रति 4 सेकेंड में 1 व्यक्ति की मौत होती है. इसके सेवन से विभिन्न प्रकार के कैंसर होते हैं, जिसमे मुंह, ह्रदय, फेफड़े कैंसर मुख्य हैं. उन्होंने बताया कि युवाओं को इसके चंगुल से बचाया जाना अति आवश्यक है. जिससे तम्बाकू से होने वाली बीमारियों की जानकारी फैलाकर ही पूर्ण किया जा सकता है. डॉ जैन ने बताया कि तम्बाकू छोड़ते से कई फायदे होते हैं. धूम्रपान छोड़ते ही 20 मिनट में ही ह्रदय गति सामान्य हो जाती है. 12 घंटे के भीतर रक्त में कार्बन का स्तर कम हो जाता है. 2-12 सप्ताह के बीच परिसंचरण में सुधार होता है एवं फेफड़ों की कार्य शक्ति बढ़ जाती है. करीब 9 महीने के भीतर खांसी व सांस लेने की तकलीफ कम हो जाती है. 5-15 वर्षों के भीतर स्ट्रोक का जोखिम घट जाता है और ह्रदय रोग का जोखिम भी आधा रह जाता है.'
'बनाना है तंबाकू मुक्त देश' : उन्होंने कहा 'विश्व में हर 7वीं मौत तंबाकू के सेवन से हो रही है. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से तंबाकू शरीर के सभी मुख्य तंत्रों को प्रभावित करती है. उन्होंने इसके त्यागने के तरीके भी बताए. उन्होंने यह भी कहा कि यह अकेले सरकार की जिम्मेदार नहीं है. तम्बाकू मुक्त देश बनाने के लिए हम सबको इसमें रूचि लेनी होगी.'
'अपने स्टेट्स में न करें शामिल' : उन्होंने कहा कि 'युवा पीढ़ी बहुत तेजी से तंबाकू निर्मित पदार्थों का सेवन कर रही है. स्मोकिंग, हुक्का, पान मसाला आदि पदार्थों का सेवन उनके स्टेटस में शामिल हो रहा है, जोकि उनके एवं देश के लिए गंभीर खतरा है. इसमें महिलाएं भी शामिल हैं. जो महिला स्मोकिंग करती हैं, उस महिला को गर्भधारण करने में भी दिक्कत आ सकती है. इसके अलावा तंबाकू कैंसर को भी बढ़ावा देता है.'
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