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मोटापे के कारण ही हड्डियां होतीं हैं कमजोरः डाॅ. सिंह - obesity

केजीएमयू के पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स और यूपी ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर से वर्ल्ड पीडियाट्रिक बोन एंड ज्वाइंट दिवस मनाया गया. इस मौके पर विशेषज्ञों ने अपनी राय रखते हुए अभिभावकों को जागरूक किया.

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मोटापे के कारण ही हड्डियां होती है कमजोरः डाॅ. सिंह
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Published : Oct 20, 2021, 3:31 PM IST

लखनऊ. केजीएमयू के पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स और यूपी ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर से बुधवार को वर्ल्ड पीडियाट्रिक बोन एंड ज्वाइंट दिवस मनाया गया. इस मौैके पर विशेषज्ञों ने अभिभावकों को जागरूक किया.

विशेषज्ञों ने कहा कि बच्चों को हड्डी रोगों से बचाने के लिए हफ्ते में कम से कम 5 बार फिजिकल एक्टिविटी यानी शारीरिक सक्रियता जैसे खेल-कूद, दौड़, कबड्डी, कुश्ती, क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबाल आदि में भाग लेना चाहिए. कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों को मोटापे से भी बचाना होगा क्योंकि मोटापे से हड्डियां कमजोर और टेढ़ी हो जातीं हैं.

इस दौरान केजीएमयू में पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स विभाग के डाॅ. अजय सिंह ने कहा कि मोटापे की समय-समय पर स्क्रीनिंग और बचाव के उपाय अपनाते रहना अनिवार्य है. अभिभावकों को अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर काफी सचेत रहना चाहिए. कहा कि बच्चों को आउटडोर गेमो में भाग लेने के लिए प्रेरित करते रहें. 3 से 5 साल तक और 6 से 17 वर्ष तक के बच्चों को कम से कम एक घंटा मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले क्रियाकलाप करना चाहिए. इसमें क्लाइंबिंग, पुशअप, भागदौड़ समेत कोई सक्रिय खेल शामिल किए जा सकते हैं.

खानपान पर रखें ध्यान

अभिभावक अपने बच्चों के खाने की पौष्टिकता पर भी ध्यान दें. मजबूत हड्डी के लिए बच्चों को कैल्शियम युक्त खुराक दें.

इसका सेवन न करने दें

कोल्ड ड्रिंक, सोडा व अन्य पैकेज्ड ड्रिंक, जंक फूड व फास्ड फूड बच्चों को देने से परहेज करें क्योंकि इससे हड्डियां कमजोर होने लगतीं हैं. कैल्शियम और विटामिन-डी की पूर्ति के लिए दूध अच्छा आहार है.

ऑनलाइन क्लास में 90 डिग्री पर रहे नजर

डाॅ. सिंह ने आगे बताया कि ऑनलाइन क्लास लेते समय 90 डिग्री के फॉर्मूले पर ध्यान देना चाहिए. यानि बच्चे कुर्सी पर 90 डिग्री कोण पर ही बैठें ताकि कमर व पैर से लेकर गर्दन तक सीधी रहे. इससे हड्डियां सीधी रहेंगी.

उनका विकास भी प्रभावित नहीं होगा. इस दौरान डाॅ. सुरेश व डाॅ. फैजल ने भी अभिभावकों को जागरूक किया. इस दौरान यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डाॅ. आशीष कुमार व केजीएमयू के सीएमएस डाॅ. एसएन शंखवार भी मौजूद रहे.

लखनऊ. केजीएमयू के पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स और यूपी ऑर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर से बुधवार को वर्ल्ड पीडियाट्रिक बोन एंड ज्वाइंट दिवस मनाया गया. इस मौैके पर विशेषज्ञों ने अभिभावकों को जागरूक किया.

विशेषज्ञों ने कहा कि बच्चों को हड्डी रोगों से बचाने के लिए हफ्ते में कम से कम 5 बार फिजिकल एक्टिविटी यानी शारीरिक सक्रियता जैसे खेल-कूद, दौड़, कबड्डी, कुश्ती, क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबाल आदि में भाग लेना चाहिए. कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों को मोटापे से भी बचाना होगा क्योंकि मोटापे से हड्डियां कमजोर और टेढ़ी हो जातीं हैं.

इस दौरान केजीएमयू में पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक्स विभाग के डाॅ. अजय सिंह ने कहा कि मोटापे की समय-समय पर स्क्रीनिंग और बचाव के उपाय अपनाते रहना अनिवार्य है. अभिभावकों को अपने बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर काफी सचेत रहना चाहिए. कहा कि बच्चों को आउटडोर गेमो में भाग लेने के लिए प्रेरित करते रहें. 3 से 5 साल तक और 6 से 17 वर्ष तक के बच्चों को कम से कम एक घंटा मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले क्रियाकलाप करना चाहिए. इसमें क्लाइंबिंग, पुशअप, भागदौड़ समेत कोई सक्रिय खेल शामिल किए जा सकते हैं.

खानपान पर रखें ध्यान

अभिभावक अपने बच्चों के खाने की पौष्टिकता पर भी ध्यान दें. मजबूत हड्डी के लिए बच्चों को कैल्शियम युक्त खुराक दें.

इसका सेवन न करने दें

कोल्ड ड्रिंक, सोडा व अन्य पैकेज्ड ड्रिंक, जंक फूड व फास्ड फूड बच्चों को देने से परहेज करें क्योंकि इससे हड्डियां कमजोर होने लगतीं हैं. कैल्शियम और विटामिन-डी की पूर्ति के लिए दूध अच्छा आहार है.

ऑनलाइन क्लास में 90 डिग्री पर रहे नजर

डाॅ. सिंह ने आगे बताया कि ऑनलाइन क्लास लेते समय 90 डिग्री के फॉर्मूले पर ध्यान देना चाहिए. यानि बच्चे कुर्सी पर 90 डिग्री कोण पर ही बैठें ताकि कमर व पैर से लेकर गर्दन तक सीधी रहे. इससे हड्डियां सीधी रहेंगी.

उनका विकास भी प्रभावित नहीं होगा. इस दौरान डाॅ. सुरेश व डाॅ. फैजल ने भी अभिभावकों को जागरूक किया. इस दौरान यूपी आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डाॅ. आशीष कुमार व केजीएमयू के सीएमएस डाॅ. एसएन शंखवार भी मौजूद रहे.

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