लखनऊ: देश में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस बनाया जाता है. इसी के तहत राजधानी में रेल प्रबंधक ने मण्डल कार्यालय परिसर में पौधरोपण किया. साथ ही पर्यावरण को शुद्ध करने में रेलवे का विशेष योगदान करने की बात कही. वहीं बहराइज जिले में भी एक दिव्यांग व्यक्ति ने पर्यावरण दिवस पर जमकर पौधरोपण किया है, जिससे वह जिले में सबका रोल मॉडल बन गया है.
विश्व पर्यावरण दिवस पर किया गया पौधरोपण
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल की रेल प्रबंधक डॉ. मोनिका अग्निहोत्री ने मण्डल कार्यालय परिसर में पौधरोपण किया. मण्डल रेल प्रबंधक ने बताया कि रेलवे एक बड़ी संस्था है और पर्यावरण को शुद्ध करने में रेलवे का विशेष योगदान रहना चाहिए. हमें प्रदूषण रहित पर्यावरण के प्रति अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को जागरूक करना है. साथ ही पर्यावरण के लिए परस्पर संतुलन बनाकर रखना है, जिससे भावी पीढ़ी भविष्य के लिए पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली अपना सके.
ऑडियो विजुअल सिस्टम का उद्घाटन
मण्डल के सभी स्टेशनों, रेलवे अस्पतालों, कोचिंग डिपो और सभी रेलवे कार्यालय परिसरों में पौधरोपण के साथ ही साफ-सफाई के लिए श्रमदान भी किया गया. अभियान में सभी विभागों के कर्मचारियों, सुपरवाइजरों और अधिकारियों ने हिस्सा लिया. मंडल रेलवे चिकित्सालय, बादशाहनगर सभागार कक्ष में आयोजित संगोष्ठी में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंडल रेल प्रबंधक डॉ. मोनिका अग्निहोत्री ने मण्डल चिकित्सालय में नवस्थापित जन उद्घोषण प्रणाली और ऑडियो विजुअल सिस्टम का उद्घाटन किया है.
बहराइच में रोल मॉडल बने मिथिलेश
पर्यावरण दिवस पर जिले के दिव्यांग मिथिलेश रोल मॉडल बन गये. मिथिलेश ने जमकर पौधरोपण किया. मिथिलेश ने पौधरोपण कर पर्यावरण जागरूकता का संदेश दिया है. मिथिलेश का संदेश अपने आप में न केवल प्रेरणाप्रद है, बल्कि अब से वह रोल मॉडल के रूप में भी जाने जाएंगे.
सराहनीय कार्य कर रहे मिथिलेश
मिथिलेश हर वर्ष अपने जन्मदिन पर पौधरोपण कर पौध वितरण कार्यक्रम भी आयोजित करते हैं. अति पिछड़े क्षेत्र और सामान्य परिवार में जन्मे मिथिलेश अपनी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद भी पर्यावरण और गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहे हैं. मिथिलेश की ओर से किए जा रहे कार्य से अन्य लोगों को प्रेरणा लेने की जरूरत है. मिथिलेश जायसवाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षित करने के लिए हम सब को संकल्पित रहना चाहिए. अगर हमारा पर्यावरण शुद्ध रहता है तो हमको किसी भी बीमारी का असर नहीं होगा.