लखनऊ : केजीएमयू में कर्मचारियों ने हड़ताल का एलान किया. मांगों को पूरा न करने पर कर्मियों ने अनिश्चितकाल तक काम ठप करने का दावा किया. उधर, लोहिया संस्थान में सक्रिय निजी अस्पतालों के दलालों पर कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन, सीएमओ की टीम, पुलिस की टीम मिलकर कार्रवाई करेगी.
केजीएमयू में सामान्य दिनों में 10 हजार मरीज ओपोडी में आते थे. वहीं कोविड के बाद ऑनलाइन पंजीकरण से करीब चार हजार मरीज रोज की ओपीडी होती है. यहां चार हजार बेड की भी क्षमता है. मंगलवार से कर्मचारी संघ ने नियमित पैरामेडिकल, टेक्नीशियन, नर्सिंग समेत दूसरे संवर्ग के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का दावा किया.
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केजीएमयू में करीब 2400 नर्स, टेक्नीशियन व दूसरे संवर्ग के कर्मचारी नियमित तैनात हैं. यह कर्मचारी काफी समय से पीजीआई के समान वेतन की मांग कर रहे हैं. साथ ही कैडर के पुर्नगठन की मांग भी लंबे दिनों से कर रहे हैं. केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार के मुताबिक पीजीआई के समान वेतनमान और कैडर पुर्नगठन करने का शासनादेश पांच साल पहले किया जा चुका है. अब तक कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिला है. इसके बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है. प्रदीप गंगवार के मुताबिक इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं की जाएंगी. अनिश्चितकालीन हड़ताल में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहेंगी. इसकी जिम्मेदारी शासन व केजीएमयू अफसरों का है. उन्होंने दावा किया कि सात से आठ हजार आउटसोर्सिंग कर्मचारी कार्यरत हैं. ये सभी कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल होंगे.
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लोहिया संस्थान के स्टॉफ व निजी अस्पताल के दलालों का कॉकस तोड़ने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. इसको लेकर जिला प्रशासन ने सोमवार को सीएमओ को पत्र लिखा. पत्र में मामले की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं सीएमओ ने पुलिस को पत्र भेजकर लोहिया के आस-पास दलालों के जाल को खत्म करने के लिए कहा है.
निजी अस्पताल के दलाल फायदा उठा रहे हैं. बेहतर इलाज का झांसा देकर दलाल मरीजों को निजी अस्पताल ले जा रहे हैं. बीते दिनों इस तरह के मामले में एक निजी अस्पताल का नाम उजागर हुआ था. आरोप है कि इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई थी.
सोमवार को जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने निजी अस्पताल पर कार्रवाई के लिए सीएमओ को पत्र लिखा. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने जांच कमेटी गठित कर दी है. मामले की जांच के लिए दोपहर में टीम अस्पताल पहुंची.