लखनऊः सीएम योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं और बेटियों को सशक्त बनाने के लिए दो बड़ी योजनायें शुरू की हैं. जिसमें 'मुख्यमंत्री महिला सामर्थ्य योजना' और 'मुख्यमंत्री सक्षम सुपोषण योजना' शामिल है.
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की योजना
प्रदेश की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री महिला सामर्थ्य योजना’ से महिला उद्यमियों को सीधा लाभ मिलेगा. इस योजना का उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाना है. इसके साथ ही उनके जीवन स्तर को ऊंचाईयों पर पहुंचाने के प्रयास करना है. स्थानीय संसाधनों पर आधारित गृह और कुटीर उद्योगों के जरिये महिलाओं को रोजगार की दिशा में प्रेरित कर उनके तैयार किए गए उत्पादों के लिए बाजार उपलब्ध कराना है.
बजट में 100 करोड़ रुपये का निर्धारण
प्रदेश में करीब 90 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम कार्यरत हैं. इनमें 90 फीसदी से अधिक अति सूक्ष्म उद्योग गृह और कुटीर उद्योग के रूप में संचालित हैं. इन गृह और कुटीर उद्योगों में महिला प्रधान उद्यमों की महत्वूर्ण भूमिका है. मुख्यमंत्री महिला सामर्थ्य योजना से महिला प्रधान उद्यमों को नई दिशा और उड़ान मिलेगी. इस नई योजना के क्रियान्वन के लिए 100 करोड़ की राशि की व्यवस्था बजट में की गई है.
पहले चरण में विकसित किये जायेंगें महिला सामान्य सुविधा केन्द्र
प्रदेश के सभी 800 विकास खंडों में स्थानीय आर्थिक गतिविधियों के आधार पर संचालित गृह और कुटीर उद्योगों की समस्याओं को चिन्हित करते हुए क्लस्टर अप्रोच के आधार पर योजना का संचालन किया जायेगा. कॉमन सुविधाओं से जुड़े कामों जैसे कच्चा माल बैंक, प्रशिक्षण केन्द्र, कॉमन प्रोडक्शन और प्रोसेसिंग सेंटर, तकनीकी अनुसंधान और विकास केन्द्र, पैकेजिंग, लेबलिंग, बारकोडिंग सुविधाएं और अन्य ऐसी स्थानीय स्तर पर महिला सामान्य सुविधा केन्द्रों की स्थापना की जायेगी. पहले चरण में 200 विकास खण्डों में महिला सामान्य सुविधा केन्द्र विकसित किये जायेंगे.
प्रदेश व जिला स्तर पर समितियों का होगा गठन
इस योजना के तहत द्विस्तरीय समितियों का गठन किया जायेगा. जिला स्तर पर गठन होने वाली जिला स्तरीय समिति जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित होंगी. इसके साथ ही प्रदेश स्तर पर राज्य स्तरीय संचालन समिति का गठन किया जायेगा. जिला स्तर पर गठित ये समिति पात्र महिला समूहों और संगठनों को चिन्हित करेगी. इसके साथ ही उनका मार्गदर्शन करेंगी. इस योजना के तहत जिला स्तरीय समिति, राज्य स्तरीय संचालन समिति के साथ समन्वय स्थापित कर प्रदेश में महिलाओं को रोजगार की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए कार्य करेंगीं.
महिला उद्यमियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
प्रदेश की महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए इस योजना के तहत सॉफ्ट इन्टरवेन्शन के जरिये सामान्य जागरूकता, परामर्श कार्यक्रम, एक्सपोजर विजिट, सेमिनार, कार्यशाला और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित किया जायेगा. योजना के तहत प्रदेश के 200 विकास खंडों में महिला कॉमन फैसिलिटी सेंटर की स्थापना की जायेगी. प्रदेश में स्थापित किए जाने वाले इस सेंटर में प्रति कॉमन फैसिलिटी सेंटर में प्रदेश सरकार का 90 फीसदी का व्यय भार वहन किया जायेगा.