लखनऊ: यूपी में 15 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया. पहले हेल्थ वर्कर के टीकाकरण का फैसला किया गया. इसके बाद फ्रंट लाइन वर्करों का वैक्सीनेशन शुरू किया गया. बाद में 60 वर्ष से ऊपर व 45 साल से अधिक बीमार लोगों का वैक्सीनेशन किया गया. अब 45 साल से ज्यादा सभी लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. साथ ही मंगलवार यानी 1 जून से 18 से 44 वर्ष तक के लोगों का टीकाकरण 75 जनपदों में शुरू किया गया है.
3 लाख 52 हजार को लगी डोज
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक एक दिन में 3 लाख 52 हजार को डोज लगाई गई. वहीं अब तक 1 करोड़ 90 लाख 34 हजार 656 को वैक्सीन लगी. युवाओं में वैक्सीन को लेकर उत्साह है. उधर 45 साल से ऊपर के कई जनपदों में स्लॉट खाली जा रहे हैं. अगले सप्ताह से अभिभावक स्पेशल बूथ की तर्ज पर महिला स्पेशल बूथ बनेंगे. यह बूथ महिला या संयुक्त अस्पताल में होंगे. हर जनपद में इन बूथों की संख्या दो होगी.
3.5 लाख रोज डोज से पूरा होगा लक्ष्य
यूपी में 6 हजार से अधिक केंद्र बनाए गए हैं. इसमें 60 के करीब निजी अस्पतालों में टीका लगेगा. सरकार ने जून में एक करोड़ डोज लगाने का लक्ष्य तय किया है. स्टेट इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉ. अजय घई के मुताबिक यह लक्ष्य 3.5 लाख डोज रोज लगाकर पूरा किया जाएगा.
सरकारी में मुफ्त, निजी में 1260 तक शुल्क
सरकारी अस्पतालों में मुफ्त वैक्सीन की डोज है. वहीं निजी अस्पतालों में अब वैक्सीन महंगी हो गई है. मार्च में निजी अस्पताल में 250 रुपये टीका की सिंगल डोज का लिया जाता था. इन अस्पतालों को 150 रुपये प्रति डोज वैक्सीन सरकार उपलब्ध कराती थी. वहीं अप्रैल से सरकार ने निजी अस्पतालों से खुद कंपनियों से वैक्सीन खरीदकर लगाने का फरमान सुनाया. ऐसे में राजधानी में तीन अस्पताल अपोलो, रिजेंसी, सहारा हॉस्पिटल ने अपने यहां वैक्सीनेशन सेंटर बनाया. इसमें अपोलो ने कोविशील्ड की एक डोज 850, कोवैक्सीन की एक डोज 1250 रुपये तय की है. वहीं रिजेंसी हॉस्पिटल में कोवैक्सीन की एक डोज 1260 रुपये तय की गई है.
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