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लखनऊ: घंटाघर में एक महीने से अनशन पर बैठी हैं महिलाएं, बोलीं-आगे भी जारी रहेगा धरना

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ऐतिहासिक घंटाघर में CAA, NRC और NPR के खिलाफ महिलाओं को प्रदर्शन करते एक महीना पूरा हो गया. 17 जनवरी को 12 महिलाओं ने घंटाघर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, जिसने देखते ही देखते आंदोलन का रूप ले लिया. प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक यह धरना जारी रहेगा.

demonstration continue in clock tower since january 17
लखनऊ के घंटाघर में एक महीने से अनशन पर बैठी हैं महिलाएं.
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Published : Feb 16, 2020, 7:46 PM IST

लखनऊ: शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ के ऐतिहासिक घंटाघर में 17 जनवरी से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन को रविवार को एक महीना पूरा हो गया. इस बीच महिलाओं की संख्या बढ़ती गई. हर उम्र की महिलाएं यहां दिन-रात बैठकर CAA, NRC और NPR के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रही हैं.

प्रदर्शनकारी महिलाओं से बात करते संवाददाता.


रविवार को गृहमंत्री अमित शाह से शाहीन बाग की महिलाओं की मुलाकात की खबरों पर प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि वह हर मुलाकात का स्वागत करती हैं. सरकार को उनकी बात सुननी भी चाहिए. महिलाओं ने कहा कि अगर सरकार CAA को वापस ले लेती है तो लखनऊ का धरना भी समाप्त हो जाएगा. वरना आगे भी यह धरना जारी रहेगा.

17 जनवरी से चल रहे धरने के दौरान महिलाओं के खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज किए गए. समाजवादी पार्टी की छात्र नेता पूजा शुक्ला को घंटाघर धरने में शामिल होने पर जेल तक जाना पड़ा. वहीं कई सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व गवर्नर अज़ीज़ कुरैशी के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई. एक महीना पूरा होने पर रविवार को घंटाघर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें कई सामाजिक कार्यकर्ता और शायरों ने प्रदर्शन में पहुंचकर अपनी बात रखी और महिलाओं का हौसला बढ़ाया.


ये भी पढ़ें: CAA प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई का मुद्दा विधान परिषद में गूंजा

लखनऊ: शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ के ऐतिहासिक घंटाघर में 17 जनवरी से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन को रविवार को एक महीना पूरा हो गया. इस बीच महिलाओं की संख्या बढ़ती गई. हर उम्र की महिलाएं यहां दिन-रात बैठकर CAA, NRC और NPR के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रही हैं.

प्रदर्शनकारी महिलाओं से बात करते संवाददाता.


रविवार को गृहमंत्री अमित शाह से शाहीन बाग की महिलाओं की मुलाकात की खबरों पर प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि वह हर मुलाकात का स्वागत करती हैं. सरकार को उनकी बात सुननी भी चाहिए. महिलाओं ने कहा कि अगर सरकार CAA को वापस ले लेती है तो लखनऊ का धरना भी समाप्त हो जाएगा. वरना आगे भी यह धरना जारी रहेगा.

17 जनवरी से चल रहे धरने के दौरान महिलाओं के खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज किए गए. समाजवादी पार्टी की छात्र नेता पूजा शुक्ला को घंटाघर धरने में शामिल होने पर जेल तक जाना पड़ा. वहीं कई सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व गवर्नर अज़ीज़ कुरैशी के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई. एक महीना पूरा होने पर रविवार को घंटाघर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें कई सामाजिक कार्यकर्ता और शायरों ने प्रदर्शन में पहुंचकर अपनी बात रखी और महिलाओं का हौसला बढ़ाया.


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