लखनऊ: शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ के ऐतिहासिक घंटाघर में 17 जनवरी से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन को रविवार को एक महीना पूरा हो गया. इस बीच महिलाओं की संख्या बढ़ती गई. हर उम्र की महिलाएं यहां दिन-रात बैठकर CAA, NRC और NPR के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रही हैं.
रविवार को गृहमंत्री अमित शाह से शाहीन बाग की महिलाओं की मुलाकात की खबरों पर प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि वह हर मुलाकात का स्वागत करती हैं. सरकार को उनकी बात सुननी भी चाहिए. महिलाओं ने कहा कि अगर सरकार CAA को वापस ले लेती है तो लखनऊ का धरना भी समाप्त हो जाएगा. वरना आगे भी यह धरना जारी रहेगा.
17 जनवरी से चल रहे धरने के दौरान महिलाओं के खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज किए गए. समाजवादी पार्टी की छात्र नेता पूजा शुक्ला को घंटाघर धरने में शामिल होने पर जेल तक जाना पड़ा. वहीं कई सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व गवर्नर अज़ीज़ कुरैशी के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई. एक महीना पूरा होने पर रविवार को घंटाघर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें कई सामाजिक कार्यकर्ता और शायरों ने प्रदर्शन में पहुंचकर अपनी बात रखी और महिलाओं का हौसला बढ़ाया.
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