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लखनऊ: कैदी महिलाएं हो रही हैं सशक्त, दी जा रही है ये ट्रेनिंग

लखनऊ में नारी बंदी निकेतन में जेल प्रशासन द्वारा महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से कैदी महिलाएं सैनिटरी नैपकिंस हैंडीक्राफ्ट आदि जैसे उत्पादों का उत्पादन कर रही हैं. इससे मिलने वाली रकम को वह जमा करके अपने बेहतर भविष्य की शुरुआत कर सकती हैं.

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Published : Mar 8, 2019, 10:18 PM IST

जानकारी देती जेलर नैन तारा बनर्जी.

लखनऊ: राजधानी की नारी बंदी निकेतन में सजा काट रही महिला कैदियों ने मिसाल पेश की है. एक तरफ जहां सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है. वहीं नारी बंदी निकेतन में जेल प्रशासन द्वारा महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिएप्रयास किए जा रहे हैं.

जानकारी देती जेलर नैन तारा बनर्जी.

लखनऊ की नारी बंदी निकेतन मेंबंद कैदी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शासन और प्रशासन की तरफ से अथक प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके चलते महिलाओं को अलग-अलग उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. कैदी महिलाएं सैनिटरी नैपकिंस हैंडीक्राफ्ट आदि जैसे उत्पादों का उत्पादन कर रही हैं, जिससे मिलने वाली रकम को वह जमा करके जेल से निकलकर अपने बेहतर भविष्य के लिए तैयार भी हो रही है.

नारी बंदी निकेतन की जेलर ने बताया कि महिला सशक्तिकरण के लिए कई तरह के प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं. इसमें हाल ही में सेनेटरी नैपकिंस बनाने की मशीनें भी लगाई गई है.महिला कैदी ट्रेनिंग लेकर खुद से सैनिटरी नैपकिंस का प्रोडक्शन भी करने लगी हैं. आने वाले समय में जब बंदी महिलाएं जेल से बाहर जाएंगे तो उन्हें एक नए जीवन की शुरुआत करने का बेहतर अवसर प्राप्त होगा.

लखनऊ: राजधानी की नारी बंदी निकेतन में सजा काट रही महिला कैदियों ने मिसाल पेश की है. एक तरफ जहां सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है. वहीं नारी बंदी निकेतन में जेल प्रशासन द्वारा महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिएप्रयास किए जा रहे हैं.

जानकारी देती जेलर नैन तारा बनर्जी.

लखनऊ की नारी बंदी निकेतन मेंबंद कैदी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शासन और प्रशासन की तरफ से अथक प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके चलते महिलाओं को अलग-अलग उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. कैदी महिलाएं सैनिटरी नैपकिंस हैंडीक्राफ्ट आदि जैसे उत्पादों का उत्पादन कर रही हैं, जिससे मिलने वाली रकम को वह जमा करके जेल से निकलकर अपने बेहतर भविष्य के लिए तैयार भी हो रही है.

नारी बंदी निकेतन की जेलर ने बताया कि महिला सशक्तिकरण के लिए कई तरह के प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं. इसमें हाल ही में सेनेटरी नैपकिंस बनाने की मशीनें भी लगाई गई है.महिला कैदी ट्रेनिंग लेकर खुद से सैनिटरी नैपकिंस का प्रोडक्शन भी करने लगी हैं. आने वाले समय में जब बंदी महिलाएं जेल से बाहर जाएंगे तो उन्हें एक नए जीवन की शुरुआत करने का बेहतर अवसर प्राप्त होगा.

Intro:राजधानी लखनऊ की नारी बंदी निकेतन मैं सजा काट रही महिला कैदियों ने पेश की मिसाल। जेल प्रशासन द्वारा महिलाओं को सशक्त करने के लिए वह आगे बढ़ने के लिए किया जा रहा है अथक प्रयास।


Body:एक तरफ जहां सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है वहीं राजधानी लखनऊ की नारी बंदी निकेतन में जेल प्रशासन द्वारा महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए किए जा रहे हैं प्रयास।

लखनऊ की नारी बंदी निकेतन मैं बंद कैदी महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शासन और प्रशासन की तरफ से अथक प्रयास किए जा रहे हैं जिसके चलते महिलाओं को अलग अलग उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है कैदी महिलाएं सैनिटरी नैपकिंस हैंडीक्राफ्ट आदि जैसे उत्पादों का उत्पादन कर रही हैं जिससे मिलने वाली रकम को वह जमा करके जेल से निकलकर अपने बेहतर भविष्य के लिए तैयार भी हो रही है।

नारी बंदी निकेतन की जेलर से जब हमने बात की तो उनका कहना था कि महिला सशक्तिकरण के लिए कई तरह के प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं जिसमें हाल ही में सेनेटरी नैपकिन बनाने की मशीन भी लगाई गई है और महिला कैदी ट्रेनिंग लेकर खुद से सैनिटरी नैपकिंस का प्रोडक्शन भी करने लगी हैं।

आने वाले समय में जब बंदी महिलाएं जेल से बाहर जाएंगे तो उन्हें एक नए जीवन की शुरुआत करने का बेहतर अवसर प्राप्त होगा।

बाइट- नैन तारा बनर्जी (जेलर नारी बंदी निकेतन)


Conclusion:अधिकतर देखा गया है कि कैदी महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता लेकिन राजधानी लखनऊ के तारी बंदी निकेतन में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं जिससे वह आने वाले समय में समाज में अपनी एक नई पहचान बना सके।


योगेश मिश्रा लखनऊ
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