लखनऊ : भले ही यूपी सरकार महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए मिशन शक्ति अभियान चला रही है. इसके बावजूद भी महिलाओं के प्रति हो रही घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. दूसरी ओर प्रदेश में पुलिस के अधिकारी सरकार की साख पर बट्टा लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र से सामने आया है.
आरोप है कि ठाकुरगंज थाने में दहेज उत्पीड़न की शिकायत लेकर थाने पहुंची महिला को पुलिस ने थाने से भगा दिया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसे यह कहकर थाने से लौटा दिया गया कि या तो अपने पति के घर जाओ वरना पति की तरफ से मुकदमा दर्ज करके उसके पूरे परिवार को जेल भेज देंगे. पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस के अधिकारी उसके पति के साथ मिले हैं.
पुलिस द्वारा महिला पर सुलह करने का दबाव बनाया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार, ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के मोहल्ला सज्जादगंज, दौलतगंज के रहने वाले रामकिशोर ने अपनी बेटी कल्पना का विवाह वर्ष दिसंबर 2020 में मौर्य बाग कॉलोनी के केशव नगर निवासी अभिषेक मौर्य उर्फ शैलू के साथ किया था. शादी के समय रामकिशोर ने दहेज में लगभग 2 लाख 70 नकद व घर का अन्य सामान दिया था. शादी के कुछ दिन बाद ही अभिषेक मौर्य व उसके परिजन कल्पना को दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे. पीड़िता का आरोप है कि उसका पति अभिषेक मौर्य उसकी माता शैलकुमारी, बहन ज्योति, अभिषेक के बहनोई और मामा मनोज ने दहेज कम मिलने को लेकर कल्पना को कई बार टार्चर किया.
पीड़िता ने बताया कि उसकी ससुराल पक्ष के लोग दहेज में बाइक की मांग कर रहे थे. इसी बात को लेकर उसके साथ कई बार मारपीट भी की गई. पीड़िता ने बताया कि दहेज में बाइक न मिलने पर उसके पति अभिषेक ने उसे कमरे में बंद करके कई बार पीटा. पीड़िता का आरोप है कि जब वह अपनी शिकायत लेकर ठाकुरगंज थाने पहुंची तो डे ऑफिसर ने उसकी बात सुनी और उसके पति व सास को बुलाकर कहा या तो अपने पति के साथ जाओ या थाने से भाग जाओ.
काफी अनुनय विनय करने के बाद ऑफिसर ने कहा कि तहरीर में लिखो मुझे दहेज का सामान चाहिए कोई कार्यवाई नहीं चाहिए. वरना थाने से भाग जाओ नहीं तो तुम्हारे खिलाफ कार्यवाई कर दूंगा. इस संबंध में जब इंस्पेक्टर ठाकुरगंज सुनील कुमार दुबे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं आया है. अगर पीड़िता थाने आकर शिकायत करती है, तो तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत करके जांच कराई जाएगी. जांच कराकर दोषियों की खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाएगी.
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