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लखनऊ: रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में बिना पद के ही तैनात पाई गई महिला कर्मचारी - निदेशक पूजा पांडे

यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय से एक सनसनीखेज घटना सामने आई है, जहां एक महिला बिना पद के ही पिछले 21 सालों से अस्पताल में कार्यरत है. मामले की जानकारी के बाद स्वास्थ्य विभाग की निदेशक पूजा पांडे ने अस्पताल प्रशासन से जवाब तलब किया है.

रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय.
रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय.
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Published : Oct 16, 2020, 1:30 AM IST

लखनऊ: रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में स्वास्थ्य विभाग की निदेशक पूजा पांडे ने अस्पताल प्रशासन से जवाब तलब किया है. बताया जा रहा है इस चिकित्सालय में बिना पद के ही एक महिला कर्मी कई वर्षों से तैनात थी. यह मामला विधानसभा में उठने के बाद स्वास्थ्य विभाग अभी जागा है.

दरअसल, शासनादेश के मुताबिक अस्पताल में वरिष्ठ सहायक का कोई पद नहीं है. इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने वरिष्ठ सहायक के पद पर एक महिला की तैनाती कर रखी है. महिला अस्पताल में कई वर्षों से कार्यरत है. विधानसभा के सदन में कर्मचारी की तैनाती और वेतन को लेकर कई सवाल पूछे गए थे और इस मामले पर अस्पताल प्रशासन पर गुमराह करने वाली जानकारी देने का आरोप भी लगा है.

अस्पताल में 21 सालों से तैनात है महिला
राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय 1999 में 30 बेड के साथ शुरू हुआ था, जो अब बढ़कर 100 बेड का हो गया है. वर्ष 2013 में एक शासनादेश के तहत कार्यालय अधीक्षक को प्रशासनिक पद और वरिष्ठ सहायक पदों को प्रधान सहायक के पद पर समायोजित कर दिया गया था. इसके अलावा कनिष्ठ लिपिक को कनिष्ठ सहायक और वरिष्ठ लिपिक को वरिष्ठ सहायक और वरिष्ठ सहायकों को प्रधान सहायक के रूप में तब्दील कर दिया गया, लेकिन तत्कालीन शासनादेश के मुताबिक अस्पताल में वरिष्ठ सहायक का पद है ही नहीं. इसके बावजूद एक महिला की तैनाती 21 सालों से अस्पताल में है. इस मामले को सदन में सवाल पूछे जाने पर अब स्वास्थ्य विभाग की निदेशक पूजा पांडे ने अस्पताल प्रशासन को पत्र लिख कर जवाब-तलब किया है.

लखनऊ: रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय में स्वास्थ्य विभाग की निदेशक पूजा पांडे ने अस्पताल प्रशासन से जवाब तलब किया है. बताया जा रहा है इस चिकित्सालय में बिना पद के ही एक महिला कर्मी कई वर्षों से तैनात थी. यह मामला विधानसभा में उठने के बाद स्वास्थ्य विभाग अभी जागा है.

दरअसल, शासनादेश के मुताबिक अस्पताल में वरिष्ठ सहायक का कोई पद नहीं है. इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन ने वरिष्ठ सहायक के पद पर एक महिला की तैनाती कर रखी है. महिला अस्पताल में कई वर्षों से कार्यरत है. विधानसभा के सदन में कर्मचारी की तैनाती और वेतन को लेकर कई सवाल पूछे गए थे और इस मामले पर अस्पताल प्रशासन पर गुमराह करने वाली जानकारी देने का आरोप भी लगा है.

अस्पताल में 21 सालों से तैनात है महिला
राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई संयुक्त चिकित्सालय 1999 में 30 बेड के साथ शुरू हुआ था, जो अब बढ़कर 100 बेड का हो गया है. वर्ष 2013 में एक शासनादेश के तहत कार्यालय अधीक्षक को प्रशासनिक पद और वरिष्ठ सहायक पदों को प्रधान सहायक के पद पर समायोजित कर दिया गया था. इसके अलावा कनिष्ठ लिपिक को कनिष्ठ सहायक और वरिष्ठ लिपिक को वरिष्ठ सहायक और वरिष्ठ सहायकों को प्रधान सहायक के रूप में तब्दील कर दिया गया, लेकिन तत्कालीन शासनादेश के मुताबिक अस्पताल में वरिष्ठ सहायक का पद है ही नहीं. इसके बावजूद एक महिला की तैनाती 21 सालों से अस्पताल में है. इस मामले को सदन में सवाल पूछे जाने पर अब स्वास्थ्य विभाग की निदेशक पूजा पांडे ने अस्पताल प्रशासन को पत्र लिख कर जवाब-तलब किया है.

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