लखनऊः बीजेपी के 7 संगठनों युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, किसान मोर्चा, पिछड़ा मोर्चा, अनुसूचित जाति मोर्चा, अनुसूचित जनजाति मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष अपनी टीम बनाने को लेकर मंथन कर रहे हैं. मोर्चा की टीमों के गठन के साथ ही बीजेपी के पास एक बड़ी फौज तैयार हो जाएगी. ये टीम विधानसभा चुनाव में पार्टी को सफलता दिलाने में अहम योगदान देगी. मोर्चा अध्यक्षों की घोषणा से लेकर टीम गठन में जातीय, सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इन्हीं मोर्चाें के सहारे पार्टी आगामी चुनाव के लिए ब्यूह रचना तैयार करेगी.
मोर्चों में बड़ी संख्या में समायोजित होंगे पार्टी कार्यकर्ता
बीजेपी के सांगठनिक ढांचे में मुख्य संगठन के अलावा सात मोर्चे हैं. जिनके अध्यक्षों की घोषणा हुई है. युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष प्रांशु दत्त द्विवेदी, राज्यसभा सांसद औरैया की गीता शाक्य को महिला मोर्चा की बागडोर सौंपी गई है. गोरखपुर के वरिष्ठ बीजेपी नेता कामेश्वर सिंह को किसान मोर्चा अध्यक्ष बनाया गया है. पिछड़ा वर्ग मोर्चा का अध्यक्ष पूर्व सांसद नरेंद्र कश्यप को बनाया गया है. मोहनलालगंज के सांसद अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष बनाए गए हैं. हालांकि वो मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में राज्य मंत्री बनाए गए हैं. अनुसूचित जनजाति मोर्चा के संजय गोंड और अल्पसंख्यक मोर्चा का अध्यक्ष बासित अली बनाए गए हैं. इन सभी मोर्चों में 3 महामंत्री, 8 उपाध्यक्ष और 8 मंत्री होंगे. हर मोर्चे में 20 नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी. सातों मोर्चों में कुल मिलाकर 140 नेताओं का समायोजन होगा. आगामी विधान सभा चुनाव में यही फौज बीजेपी को फतह दिलाने में अग्रणी भूमिका निभाएगी.
गांव-गांव पहुंचेगा बीजेपी किसान मोर्चा
किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह के मुताबित बीजेपी किसान मोर्चा देश, प्रदेश और पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. मौजूदा समय में कुछ विदेशी एजेंसियों और विरोधी दल के लोग मिलकर मोदी के खिलाफ कुत्सित प्रयास कर रहे हैं. विरोधी दलों के लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं. निश्चित तौर पर ऐसे में किसान मोर्चा का दायित्व बढ़ जाता है. हमारा प्रयास होगा कि ग्राम स्तर तक किसान मोर्चा को सक्रिय किया जाए. हम दुनिया के ताकतवर नेताओं में से एक प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ हो रहे दुष्प्रचार को भी रोकने का काम करेंगे. मोर्चा के माध्यम से केंद्र और राज्य की सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाएंगे. किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे. हमारा प्रयास होगा कि उन्हें उसका लाभ भी मिले. प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में संकल्प लिया था कि आजादी के 75 साल पूरे होने के साथ ही किसानों की आय दोगुनी हो जाए. वो भी पूरा होगा.
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क्षेत्रीय जातीय और सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश
वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक राजेश तिवारी कहते हैं कि बीजेपी सभी वर्गों में अपनी पैठ बनाने के लिए निरंतर काम करेगी. जाति, धर्म, मजहब और क्षेत्र सबका ध्यान रखकर पार्टी ने इन मोर्चों का गठन किया है. उन मोर्चों में उसी के आधार पर अन्य कार्यकर्ताओं का पार्टी समायोजन करने का प्रयास करेगी. उसके सामने 2022 में कड़ी चुनौती है. उससे पार पाने के लिए पार्टी हर स्तर पर अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने का काम कर रही है. पार्टी कोशिश करेगी कि उसके कार्यकर्ताओं में किसी भी स्तर पर कोई नाराजगी न बचे. ताकि 2022 के चुनाव में मजबूती से वो वापसी कर सकें.